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कोरेगांव हिंसा की असली जड़ थे ये लोग, अब ये बड़े रसूखदार और कथित समाजसेवी फरार चल रहे हैं

 

 

 

भीमा कोेरे-गांव में ऐसा क्या हो गया जो वर्षों से चली आ रही परम्परा में इतना बड़ा बवाल खड़ा हो गया? इस हिंसा के असली बीज किसने बोये थे आइये हम आपको विस्तार से बताते हैं।

दरअसल महाराष्ट्र के पुणे में दलित समाज द्वारा 200 साल पुराने युद्ध की बरसी मनाई जा रही थी। जो हर साल मनाई जाती है। और साथ ही इस बरसी में दिलतों पर देशभर में हुए अत्याचारों को याद किया जाता है। इसको लेकर कई बार महाराष्ट्र में हिंसा हुई, लेकिन ऐसी घटना ने इतना विकराल रूप कभी नहीं लिया था कि किसी की जान पर ही बन आये।

महाराष्ट्र सुलग रहा, झुलस रहा है, बंद है। कौन है, जिसकी हरकत से हिंसा और उपद्रव का तांडव महाराष्ट्र में शहर से लेकर गांव और गली से लेकर सड़कों तक नजर आ रहा है? कौन है जो इस हिंसक उपद्रव को पुरस्कार की तरह मानता है?
इसके पीछे दो शख्स हैं। एक हैं भिड़े गुरुजी के नाम से मशहूर 85 साल के संभाजी भिड़े और दूसरे हैं 56 वर्ष के मिलिंद एकबोटे। यही दोनों हैं जिन्होंने हर साल होने वाले एक शांतिपूर्ण कार्यक्रम को हिंसक बना दिया। और यह कोई पहला मौका नहीं है जब इन दोनों ने अपने और पराए की जंग छेड़ी हो। ये दोनों पहले भी ऐसी हरकतें करते रहे हैं।

 

“लेकिन इस बार ऐसा हुआ। यह जातीय संघर्ष पूरे महाराष्ट्र में फैल गया। और कई शहरों में हिंसक घटनाएं हुई।
और इस हिंसा का असली मकसद दलित बनाम मराठा (हिन्दू) बन गया।”

भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में पुलिस ने संभाजी भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ एट्रासिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। जिस कारण तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा हैं कि इन दोनों ने पहले भीड़ को उकसाया। इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने अलग-अलग सभाओं में दलितों के खिलाफ हल्ला बोलने और बदला लेने की बात कहीं जिसकी वजह से इतनी बड़ी घटना हो गयी।

“जब ऐसे कथित समाजसेवियों पर इतने बड़े हाथ हों, तो ऐसे लोगों के हौसले बुलंद होंगे ही।”

बता दें कि हिंसा भड़काने के आरोपी संभाजी भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे महाराष्ट्र के बड़े दक्षिणपंथी नेता हैं। संभाजी भिड़े महाराष्ट्र में शिव प्रतिष्ठान नाम से संगठन चलाते हैं तो वहीं मिलिंद एकबोटे हिंदू एकता आघाडी का नेतृत्व करते हैं।

संभाजी भिड़े का मराठा समुदाय में अच्छा दबदबा माना जाता है। सांगली जिले से आने वाले भिड़े का रुतबा ऐसा कि लोकसभा चुनाव के दौरान जब मोदी सांगली आए थे तो सुरक्षा घेरा तोड़कर भिड़े से मिले थे।

“जिस संभाजी ने भड़काई भीमा-कोरेगांव हिंसा, उसे अपना प्रेरणा स्त्रोत बता चुके हैं पीएम मोदी”

 

संभाजी भिडे को भिड़े गुरूजी भी कहा जाता है और इनका रुतबा मोदी तक ही सीमित नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक बार तो महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने उनसे मिलने के लिए अपना प्लेन तक रुकवा दिया था।

“अब इतने कद्दावर लोग जब भीड़ को भड़काएँगे तो क्या होगा? हिंसा भड़काने के आरोपी संभाजी भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे जैसे कथित नेताओं को गिरफ्तार कर कार्रवाई करनी चाहिए”

उधर, भारिप-बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह आरोप लगाया कि शिव प्रतिष्ठान और हिंदू एकता आघाडी के कार्यकर्ताओं ने भीमा कोरेगांव विजयस्तंभ के लिए निकले जुलूस पर पत्थर बाजी की। जिससे हिंसा की शुरुआत हुई। इस हिंसा के विरोध में आंबेडकर ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया है और शांति बरतने की अपील की है।

 

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ख़बर 24 एक्सप्रेस


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