एक मासूम जो पहले से ही अपनी जिंदगी मौत के लिए लड़ रही थी लेकिन अब उसे लड़की होने की यह सजा भुगतनी पड़ेगी उसे जरा भी अंदाजा नहीं था। वो घर से कुछ लेने निकली थी कि रास्ते में उसे उसका एक परिचित युवक मिल गया जो उसे बाजार ले जाने के बहाने युवक बाइक से सुनसान इलाके में ले गया। वहां उस हैवान ने अपने दोस्त के साथ मिलकर गैंगरेप करने के बाद लड़की को सड़क पर छोड़कर भाग गया।
उधर से गुजर रहा बुलेट सवार हैवान बालू मोरंग का सप्लायर मददगार बनकर किशोरों को अपने साथ ले गया और हवस का शिकार बनाने के बाद फरार हो गया। देर रात घर पहुंची किशोरी की हालत देख परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर बालू सप्लायर को गिरफ्तार कर लिया। बाकी दोनों आरोपियों को पकड़ने का प्रयास चल रहा है।
सरोजनीनगर के एक गांव की रहने वाली किशोरी शनिवार शाम करीब 4:30 बजे सामान लेने चिल्लावां बाजार गई थी। यहां उसका पहले से परिचित रहीमाबाद निवासी शुभम बाइक से आया। काफी देर तक बातों में उलझाने के बाद वह किशोरी को अपने साथ नटकुर के पास सुनसान में स्थित एक झोपड़ी में ले गया। यहां शुभम का एक दोस्त पहले से मौजूद था। दोनों ने किशोरी के साथ रात 11 बजे तक गैंगरेप किया। इसके बाद उसे बाइक से सड़क तक लेकर आए और यहां छोड़कर भाग निकले। सुनसान सड़क पर किशोरी किसी मददगार के इंतजार में खड़ी थी। तभी उधर से गुजर रहे बुलेट सवार बंथरा के जयसिंह खेड़ा निवासी वीरेंद्र यादव ने उसे देखा। बाइक रोककर वीरेंद्र उसके पास गया और उसकी आपबीती सुनी। इसके बाद घर छोड़ने के बहाने बुलेट पर बैठाकर थोड़ी दूर आगे पुलिया के पास ले गया। यहां वीरेंद्र ने भी किशोरी के साथ रेप किया और उसे उसके हाल पर छोड़कर भाग निकला।
देर रात सड़क पर भटक रही किशोरी को देख कुछ राहगीरों ने बिजनौर चौकी पर सूचना दी। तड़के 3 बजे पुलिस पीड़िता को लेकर उसके घर पहुंची तो मोहल्ले भर के लोग जुट गए। रविवार सुबह परिजन किशोरी को लेकर थाने पहुंचे। पुलिस ने तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर बंथरा के माती जयसिंह खेड़ा निवासी वीरेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया। इंस्पेक्टर डी.के. शाही का कहना है कि वीरेंद्र बालू मोरंग का सप्लायार है। उसने अपना जुर्म भी कूबूल कर लिया है। उन्होंने बताया कि रहीमाबाद निवासी शुभम और उसके दोस्त की तलाश की जा रही है। शुभम के घरवालों और रिश्तेदारों को थाने पर बैठाया गया है।
लड़की के घरवालों ने बताया कि वह ब्लड कैंसर से पीड़ित है। 5 साल से उसका इलाज चल रहा है। पीजीआई और केजीएमयू के सभी डॉक्टरों ने इलाज किया लेकिन हालत में सुधार नहीं आया। बेटी की बीमारी की वजह से परिवार का कोई सदस्य उसको किसी बात से मना नहीं करता है। शनिवार शाम उसने बाजार जाने की जिद की तो किसी ने नहीं रोका। देर शाम तक नहीं लौटी तो तलाश शुरू की गई। किशोरी का फोन बंद आ रहा था। देर रात तक पता नहीं चला तो पिता ने सोचा रविवार को रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। लेकिन रात में पुलिसवाले उसे लेकर घर पहुंचे तो पता चला कि वह दरिंगदी की शिकार हो गई है।