फ़ाइल फ़ोटो
कानपुर में जरा सी बात क्या हुई कि दो समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए। क्या लोग इतने असहनशील हो गए हैं कि जरा सी बात पर मार काट शुरू कर देते हैं।
लोगों के पास इतना समय है कि वो अपना काम धंधा बन्द कर आपस में झगड़ना शुरू कर देते हैं।
दरअसल कानपुर में कुछ अराजकतत्वों ने एक धार्मिक पोस्टर फाड़ दिया जिसके बाद दो समुदाय आमने सामने आ गए और दोनों पक्षों के बीच आपस में पथराव होने लगा, लाठी डंडे चलने लगे गए। ये मामला कानपुर के एक गाँव रावतपुर का है।
मामला महज़ एक पोस्टर फाड़े जाने का है। लोगों को खुद से सोचना चाहिये कि ऐसा सिर्फ अराजक तत्व कर सकते हैं वो नहीं चाहते कि दोनों समुदाय अमन चैन के साथ रहें, ऐसे में दोनों समुदाय के लोगों को आपस में प्यार से बैठकर मामले को सुलझा लेना चाहिए। आपस में बात करनी चाहिए। ऐसे धार्मिक उन्मादों में नुकसान एक समुदाय विशेष का नहीं बल्कि दोनों समुदाय के लोगों का होता है और इन उन्मादों में आहत सिर्फ परिवार होते हैं।
ना जाने अब तक कितने अनगिनत लोग इन धार्मिक उन्मादों की बलि चढ़ गए हैं। लोगों को समझना चाहिए कि ये धार्मिक उन्माद या तो राजनीति से प्रेरित होते हैं या कुछ मानसिक रोगियों के बेकार दिमाग की उपज होते हैं। लेकिन कुछ ज्यादा दिमाग वाले लोग इन उन्मादों में भिड़ जाते हैं और खुद मानसिक रोगी बन जाते हैं।
ऐसा ही कानपुर के इस गाँव में हुआ। जहाँ दो समुदाय के मानसिक रोगी आपस में भिड़ गए इसके बाद लोगों ने पुलिस औैर प्रशासनिक अफसरों का घेराव कर हंगामा कर नारेबाजी की। रामलला मंदिर गेट पर धरना दिया और पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने किसी तरह से स्थिति को संभाला। इसके बाद भी दोनों समुदाय में तनाव बरकरार रहा।
रविवार सुबह संप्रदाय विशेष से जुड़े कुछ अराजकतत्वों के रावतपुर में ही एक धार्मिक कार्यक्रम का बैनर और पोस्टर फाड़े जाने से स्थिति बेकाबू हो गई। रामलला मंदिर के पास पुलिस पर पथराव हुआ। जवाब में पुलिस ने मंदिर परिसर में घुसकर लाठीचार्ज कर किया।
रामलीला और दुर्गा पूजा कमेटी के लोगों को कमरे में घुसकर और दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कई लोगों के मोबाइल और दुपहिया को क्षतिग्रस्त कर दिया। लाठीचार्ज और पथराव में 12 से ज्यादा लोगों को घायल हुए हैं।
एसएसपी सोनिया सिंह, डीएम सुरेंद्र सिंह, विधायक अभिजीत सिंह सांगा और कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी के बेटे अनूप पचौरी ने मौके पर पहुंच कर लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। तनाव के मद्देनजर रावतपुर में फोर्स तैनात किया गया है।
रावतपुर गांव स्थिति रामलला मंदिर में रामलीला का आयोजन चल रहा है। शनिवार शाम करीब चार बजे मंदिर परिसर से रामलला शोभा यात्रा निकली। यात्रा मंदिर गेट बर्तन बाजार की तरफ जा रही थी। उसी दौरान पुरानी मस्जिद (जामा मस्जिद) के पास खंभे में लगी मुहर्रम की झंड़ी टूट गई और दोनों संप्रदाय के लोग भिड़ गए। मजिस्द से कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया।
एक युवक को कुछ लोगों ने खींचकर ले जाने का प्रयास किया। जवाब में शोभा यात्रा में भी ईंट-पत्थर चलाए। मजिस्द से कुछ दूरी पर रखे ताजिए के पास बज रहे म्यूजिक सिस्टम को शरारती तत्वों ने पलट दिया। इसके बाद एसपी पश्चिम डॉ. गौरव ग्रोवर सर्किल फोर्स पुलिस और पीएसी के साथ मौके पर पहुंच कर स्थिति पर काबू पाया।
पुलिस शोभा यात्रा को चारों तरफ घेरकर यात्रा रामलला रोड, पुराना बर्तन बाजार, पुराना डाकघर रोड और बकरमंडी तिराहा होकर रामलला मंदिर गेट पर पहुंचाया। गेट पर नाराज लोगों ने पथराव करने वालों की गिरफ्तारी, इंस्पेक्टर कल्याणपुर को निलंबित किए जाने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। गेट पर धरने पर बैठ गए और पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
सीओ कल्याणपुर रजनीश वर्मा और अन्य अफसरों को भीड़ ने घेर लिया। सीओ से नोंकझोक व धक्का-मुक्की हुई। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने एलान किया कि जब तक मांगे पूरी न होंगी, रावण का पुतला दहन नहीं होगा। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने किसी तरह लोगों को समझा कर मामला शांत कराया। तनाव के मद्देनजर क्षेत्र में फोर्स तैनात रहा, लेकिन दोनों संप्रदाय के लोगों में तनातनी चलती रही।