दिल्ली मेट्रो के किराए बढ़ाये जाने पर लोग दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को कोस रहे हैं उनको बुरा भला कह रहे हैं। लेकिन लोग ये भूल रहे हैं कि मेट्रो दिल्ली सरकार के आधीन नहीं बल्कि केंद्र सरकार के आधीन है और उसमें बदलाव भी केंद्र सरकार के इशारे पर किये जाते हैं।
लेकिन बहुत से लोग दिल्ली सरकार को बढ़े किराए के लिए कोस रहे हैं।
खैर ये लोगों की समझ है वो क्या सोचते हैं क्या नहीं। लेकिन अरविंद केजरीवाल फिर से केंद्र सरकार से दो दो हाथ करने के मूड़ में दिख रहे हैं।
आपको बता दें कि मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है। दिल्ली सरकार जहां मेट्रो किराए में बढ़ोतरी का विरोध कर रही है, वहीं डीएमआरसी और केंद्र सरकार किराया बढ़ाने के पक्ष में हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खत के जवाब में कहा कि अगर किराया नहीं बढ़ा तो दिल्ली मेट्रो डीटीसी बन जाएगी। इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा है कि ज्यादा किराए की वजह से लोग अगर मेट्रो का इस्तेमाल ही न कर पाए तो मेट्रो चलाने का क्या मतलब है।
केजरीवाल ने हरदीप पुरी के बयान का जवाब दिया उन्होंने कहा कि ‘सर, अगर लोग इतने ज्यादा किराये की वजह से मेट्रो का इस्तेमाल ही न कर पाएं तो मेट्रो चलाने का क्या फायदा? बेइंतहा किराया बढ़ाकर मुनाफा कमाना ठीक नहीं। मेट्रो को कुशल बनाकर मुनाफा कमाया जाए। किराया निर्धारण कमिटी में दिल्ली सरकार ने किराया बढ़ोतरी का खूब विरोध किया। दिल्ली की चुनी हुई सरकार की बात क्यों नहीं सुनी गई मेट्रो के आय-व्यय के सारे आंकड़ें जनता के सामने रखे जाएं?’