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धनबल बाहुबल को हरा, विधायकों को हाइजेक कर, आखिरकार अहमद पटेल जीत ही गए राज्यसभा

 

एक गुजरात और तीन राज्यसभा सीट, इनमें 2 बीजेपी की पक्की यानि अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत पक्की लेकिन भाजपा की नज़र सिर्फ अहमद पटेल वाली सीट पर। भाजपा ने अहमद पटेल को हराने के लिए साम दाम दंड भेद अपनाये, भाजपा के डर से कांग्रेस ने अपने विधायकों को हाइजेक कर बेंगलुरु भेज दिया, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस का पीछा बेंगलुरु में भी नहीं छोड़ा। केंद्र सरकार ने बेंगलुरु में कांग्रेसी विधायकों की मेजबानी कर रहे ऊर्जा मंत्री डी. शिवकुमार के यहां आईटी के छापे पड़वाये, विधायकों को धमकवाया लेकिन कांग्रेस की नाक बन चुकी इस सीट को कांग्रेस ने आखिरकार बचा ही लिया।

आपको बता दें कि आजतक के राजीतिक दौर में एक सीट के लिए इतनी ज्यादा भागदौड़ कभी नही हुई लेकिन भाजपा और कांग्रेस की नाक का सवाल बन चुकी सीट को अहमद पटेल बचाने में कामयाब रहे।

गुजरात राज्य के 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव आयोग ने नतीजों की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग ने गुजरात की 3 सीटों पर बीजेपी को 2 और कांग्रेस को एक सीट पर विजयी घोषित किया है। इसके साथ ही उस बड़े राजनीतिक गतिरोध का पटाक्षेप हो गया है, जिसकी बिसात पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच गुजरात से लेकर नई दिल्ली तक रस्सा-कस्सी हुई। इस क्रम में बीजेपी और कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडलों ने 3-3 बार चुनाव आयोग के दफ्तर तक दौड़ लगाई, जिसमें कांग्रेस को जीत मिली। दरअसल, कांग्रेस के दो विधायकों ने बीजेपी के तीसरे उम्मीदवार बलवंत सिंह को वोट दिया था और अपने वोट की नुमाइश की थी। कांग्रेस ने इन वोटों को रद्द करने की मांग की थी, जिसे चुनाव आयोग ने मान लिया। इसके बाद चुनाव आयोग ने देर रात नतीजों की घोषणा की। इस चुनाव में बीजेपी की तरफ से अमित शाह, स्मृति ईरानी और कांग्रेस के अहमद पटेल ने जीत हासिल की। अहमद पटेल को 44 वोट मिले।

अहमद पटेल ने जीत के बाद ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सत्यमेव जयते’। ये सिर्फ मेरी जीत नहीं, बल्कि सरकारी मशीनरी के गलत इस्तेमाल, धनबल और बाहुबल की हार है।

गुजरात के 3 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस के चाणक्य अहमद पटेल की साख के लिए सवाल बनकर खड़े थे, जिसमें फिलहाल अहमद पटेल ने बाजी मार ली है। इसके साथ ही अहमद पटेल पांचवीं बार राज्यसभा पहुंच चुके हैं। इस चुनाव में अहमद पटेल को हराने के लिए बीजेपी ने पूरा जोर लगाया हुआ था, पर उसके सारे प्रयास फेल रहे। इन राज्यसभा सीटों के लिए 6.30 बजे नतीजे घोषित किए जाने थे, पर विवाद के चलते नतीजे देर रात तक घोषित नहीं किए जा सके थे।

रात करीब 11.30 बजे संविधान के आर्टिकल 324 के तहत चुनाव आयोग ने कांग्रेस के विधायकों भोला भाई गोहिल और राघव भाई पटेल के वोट रद्द कर दिए गए और राज्यसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी। जिसने नतीजे सामने आ चुके हैं।

बता दें कि चुनाव आयोग से कांग्रेस ने अपने बागी दो विधायकों के वोट रद्द करने की मांग की थी। जिसे चुनाव आयोग ने मान लिया। कांग्रेस ने कहा था कि राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के दौरान कांग्रेस के दो विधायकों के वोट बीजेपी के प्रत्याशी के पक्ष में गए थे। कांग्रेस ने इन्हीं दोनों वोटों को रद्द करने की मांग की थी। कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि दोनों कांग्रेसी विधायकों ने वोटों की गिनती से पहले ही बता कि उन्होंने अमित शाह को वोट दिया है। ऐसे वोट रद्द किए जाने चाहिए। इस बात की वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है। शक्तिसिंह ने कहा कि दोनों विधायकों के वीडियो के साथ अगर छेड़छाड़ हुई है, तो हम सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। उन्होंने इसे आपराधिक कृत्य करार दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वोटर अपने वोट को अगर पार्टी के एजेंट के अलावा किसी और को बताता है, तो वो रद्द हो जाता है।

कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। इसके जवाब में बीजेपी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल भी चुनाव आयोग पहुंचा था। बीजेपी के चुनाव आयोग पहुंचने के बाद कांग्रेस दोबारा चुनाव आयोग पहुंची, तो बीजेपी भी चुनाव आयोग पहुंची। बीजेपी-कांग्रेस जोर आजमाइश के इस खेल में यहीं नहीं रुके, दोनों ही पार्टियों के नुमाइंदे तीसरी बार चुनाव आयोग की दर पर पहुंचे, हालांकि चुनाव आयोग के अधिकारियों ने दोनों ही दलों के प्रतिनिधियों से तीसरी बार मिलने से मना कर दिया।

दूसरी बार चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचे रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद है। कांग्रेस पार्टी बिखर रही है, इसीलिए वो बार बार चुनाव आयोग पहुंच रही है। वो हार रही है, इसीलिए वो डर रही है। उन्होंने कहा कि वीडियो में चुनाव आयोग ने कुछ भी गलत नहीं पाया है। हमनें चुनाव आयोग से अपील की है कि वो जल्द से जल्द काउंटिंग शुरू करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने डर की वजह से दोबारा अपने बड़े नेताओं के साथ चुनाव आयोग पहुंची है।

इससे पहले, चुनाव आयोग से पहली बार मुलाकात के बाद बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस सुबह से चुनाव करा रही है और हार देखकर वो विवाद खड़ा कर रही है। कांग्रेस को लग रहा है कि वो हार रही है, इसीलिए वो बेबुनियाद आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर बक्से मे ंबंद होने के बाद किसी जांच का कोई मतलब नहीं रह सकता। हमने चुनाव आयोग से कहा है कि वो विवाद खड़ा करने के लिए कांग्रेस को मौका न दे। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को लड़ना ही है, तो वो कोर्ट जाएं। इस दौरान बीजेपी नेता पीयूष गोयल ने कहा कि वॉर्निंग देने के बाद रिटर्निंग अधिकारी वोट कैंसिल करके साइड रख देता है। पर कांग्रेस ने उस समय कोई शिकायत नहीं की। बाद में कांग्रेस विवाद खड़ा करने के इरादे से वोट खारिज करने की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि साल 2002 से राज्यसभा चुनाव के लिए नियम बदले गए, जिसमें रिटर्निंग अधिकारी और इलेक्शन एजेंट को बताया जाता है कि वो किसे वोट कर रहा है। सुबह से कांग्रेस 45-46 वोटों से जीतते खुद को दिखा रही थी, पर 3 बजे के बाद कांग्रेस ने ऑबजेक्शन उठाना शुरू कर दिया। जो उसकी बौखलाहट को दिखाता है। वो आर्टिकल 324 का दुरुपयोग करना चाहती है। अब इलेक्शन पिटिशन के अलावा कांग्रेस के पास कोई रास्ता नहीं है। पीयूष गोयल ने कहा कि 9.20 बजे सुबह वो वोट पड़े, तब से कांग्रेस ने कोई ऑब्जेक्शन नहीं किया। जब कांग्रेस को लगा कि वो हार रही है, तो 3 बजे के बाद विवाद खड़ा करने लगी।

वहीं, राज्यसभा चुनाव में काग्रेस प्रत्याशी अहमद पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने तुरंत शिकायत दर्ज कराई, पर रिटर्निंग अधिकारी ने कुछ नहीं किया।

बता दें कि कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और आरपीएन सिंह ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि 2 कांग्रेस विधायकों के वोट रद्द कर दिए जाएं क्योंकि उन्होंने अपना वोट दिखा कर दिया था। वहीं सारी रिपोर्ट्स चुनाव आयोग को भेजी गई।

बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा था कि चुनाव खत्म होने के बाद कांग्रेस को आयोग की याद आई। बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव ने कहा कि आप 6 घंटे बैठे रहे। 6 घंटे चुनाव कराते रहे। अब आपको याद आ रहा है कि चुनाव आयोग जाना है?

जेडीयू के एक विधायक छोटू भाई ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा था कि उन्होंने कांग्रेस को ही वोट दिया। हालांकि जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश जी ने हमारे गुजरात के MLA छोटू भाई को BJP को वोट करने के लिए कहा और उन्होंने बीजेपी को ही वोट किया है। इस मामले में गुजरात जेडीयू महासचिव अरुण श्रीवास्तव को जेडीयू ने पद से हटा दिया। जेडीयू ने कहा कि श्रीवास्तव पार्टी के फैसले को विधायक तक पहुंचाने में नाकामयाब रहे, इसलिए उन्हें पद से मुक्त कर दिया गया।

मंगलवार सुबह राज्यसभा चुनाव के लिए बेंगलुरू से गुजरात लौटे कांग्रेस के सभी विधायकों ने वोटिंग की। वोटिंग के बात बताया गया था कि कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि साणंद के एक कांग्रेसी विधायक करमसी पटेल ने बीेजपी के पक्ष में वोट डाल दिया है। हालांकि, जेडीयू के विधायक छोटू वसावा ने कांग्रेस के समर्थन में वोट दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके अहमद पटेल से अच्छे रिश्ते हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने बयान दिया था कि जिन-जिन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है उन सभी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गहलोत ने ये भी जाहिर किया कि जेडीयू और एनसीपी के एक-एक विधायकों ने उन्हें वोट दिया।

वहीं एनसीपी के दो हिस्सों में बंट जाने के बाद पार्टी की ओर वोट देने वाले विधायकों ने खुले तौर कहा कि उन्होंने किसे वोट दिया। विधायक कांधल जडेजा ने मीडिया से कहा कि उन्होंने पहले ही अपनी स्थिति जाहिर कर दी थी, कि वे कांग्रेस को वोट नहीं देंगे।

गुजरात की 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव में अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत तय मानी जा रही थी। पर अहमद पटेल के लिए जीत मुश्किल दिख रही थी। इसीलिए कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार बने अहमद पटेल अपनी जीत के लिए हर कोशिश कर रहे थे। दरअसल, यहां से बड़े दलों के अधिकृत प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो जाते थे लेकिन इस बार भाजपा ने पांचवें कार्यकाल के लिए किस्मत आजमा रहे पटेल के सामने अपने उम्मीदवार को उतार दिया है। सत्तारूढ़ भाजपा ने यहां तीन राज्यसभा सीटों के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बलवंत सिंह राजपूत को उतारा। राजपूत हाल तक सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक थे।

बता दें कि करीब डेढ़ दशक से अधिक समय से राज्य की सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस हाल ही में पार्टी के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला के पार्टी छोड़ने से स्तब्ध रह गयी थी। इसके बाद राजपूत समेत छह विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा देकर कांग्रेस को और झटका दे दिया। इनमें से तीन विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गये। राजपूत, वाघेला के रिश्तेदार हैं। गुजरात में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्यसभा की चुनावी जंग ने सियासी सरगर्मियां काफी बढ़ा दी हैं।

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ख़बर 24 एक्सप्रेस


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