केंद्र की तर्ज़ पर भाजपा अब यूपी में विपक्ष खत्म करने की तैयारी में जुट गई है और आज इसका ताज़ा उदाहरण भी देखने को मिला। अमित शाह जैसे ही 2019 के चुनाव अभियान में जुटे वैसे ही विपक्ष के 4 एमएलए एमएलसी अपनी अपनी पार्टियों पर आरोप लगाते हुए भाजपा में शामिल हो गए।
वैसे कर्नाटक में भी यही हो रहा है लेकिन यूपी में तो अभी चुनावों में काफी समय है।
केंद्र सरकार की नीतियों के तहत हर प्रदेश में दूसरी पार्टियों के बड़े नेताओं को अपनी तरफ मिलाना और विपक्ष को कमजोर करना ही केंद्र सरकार की प्राथमिकता है।
बिहार और गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश के विपक्षी खेमे में भी बीजेपी सेंध लगाती नजर आ रही है। इधर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ दौरे पर पहुंचे, उधर समाजवादी पार्टी के दो और बीएसपी के एक एमएलसी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, वहीं एक और एसपी एमएलसी के इस्तीफा देने की बात कही जा रही है। खास बात यह है कि इनमें मुस्लिम शिया समुदाय के जाने माने नेता बुक्कल नवाब भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी नेता बीजेपी जॉइन करेंगे। माना जा रहा है कि इन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ और डेप्युटी सीएम दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य के लिए अपनी सीट छोड़ी है।
एसपी के एमएलसी बुक्कल नवाब और यशवंत सिंह ने पार्टी पर अलग-अलग आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रीय शिया समाज के संस्थापक सदस्य बुक्कल नवाब ने आरोप लगाया कि अखिलेश सरकार ने उनके समुदाय के साथ ज्यादती की थी। उन्होंने कहा, ‘एक साल से हमें परेशान किया जा रहा है, लेकिन कभी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुलाकर हमसे हमारा हाल तक नहीं जाना। इसके अलावा हमारे काम के लोगों पर जुमा अलविदा के दिन लाठी चार्ज कराया गया, इन सब बातों से आहत होकर मैंने विधान परिषद सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया है।’ उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की।
उधर यशवंत सिंह ने अपने इस्तीफे की वजह पूर्व सीएम अखिलेश यादव के उस बयान को बताया है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर चीन की तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने चीन की तारीफ की इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं। साथ ही यह भी कहा कि उनका इस्तीफा ‘योगी जी को समर्पित’ है। तंज कसते हुए यशवंत यह भी कह गए कि एसपी तो अब इंटरनैशनल पार्टी हो गई है।
बता दें कि एसपी खेमे में ‘बगावत’ के संकेत तभी मिलने शुरू हो गए थे जब राष्ट्रपति चुनाव में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव और राजा भैया ने खुलकर बीजेपी प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को वोट दिया था। बुक्कल जहां मुलायम के बेहद नजदीकी माने जाते हैं, वहीं यशवंत सिंह राजा भैया के करीबी समझे जाते हैं। हालांकि यशवंत सिंह ने राजा भैया कहने पर इस्तीफा देने की बात को गलत बताया है। एसपी के एक और एमएलसी मधुकर जेटली के भी इस्तीफा देने की बात कही जा रही है, लेकिन अभी तक आधिकारिक तौर पर उनकी तरफ से कुछ नहीं कहा गया है।
सिर्फ एसपी ही नहीं, बीएसपी भी बीजेपी की सेंध लगाने की रणनीति का शिकार हुई है। बीएसपी नेता और पूर्व मंत्री जयवीर सिंह ने भी विधानपरिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि इस वक्त यूपी में सीएम योगी सहित पांच मंत्री ऐसे हैं जो न तो विधानसभा के सदस्य हैं और न ही विधानपरिषद के। इनमें डेप्युटी सीएम दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य के अलावा मोहसिन रजा और स्वतंत्र देव सिंह भी शामिल हैं। नियम के मुताबिक, मंत्री बनने के 6 महीने अंदर (15 सितंबर तक) उनके लिए किसी एक सदन का सदस्य होना चाहिए। ऐसे में एसपी और बीएसपी के इन एमएलसी के इस्तीफे साथ तीन सीटों का जुगाड़ बीजेपी ने कर लिया है।
अब पार्टी की नजर बीएसपी नेता अंबिका चौधरी पर है जिन्होंने बीएसपी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। वह एसपी के कोटे से एमएलसी के सदस्य हैं। हालांकि बीजेपी जॉइन करने की खबरों पर चौधरी ने दी सफाई देते हुए कहा है कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं, उनके बारे में अफवाह फैलाई जा रही है। इसके अलावा बीएसपी से निकाले गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी की सीट पर भी बीजेपी नजरें गड़ाए हुए है। बीएसपी ने नसीमुद्दीन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए प्रतिवेदन दे रखा है।
एसपी के तीन एमएलसी के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए योगी सरकार के प्रवक्ता और मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि इस्तीफे की वजह अखिलेश यादव ही बेहतर बता सकते हैं। बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ के दौरे पर हैं और माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में यूपी में अभी कई और बड़े ‘खेल’ हो सकते हैं।