जी, अब भारत व पृथ्वी से आगे बढ़ जाएं! पूरे ब्रह्मांड में “मोदी” नाम अब किसी परिचय का मोहताज नहीं।सर्वमान्य मोदी! एकमेव मोदी!! भारत के प्रधानमंत्री, नरेंद्र दामोदर दास मोदी!!!
सत्तर के दशक के आरंभ में तब सत्तारूढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष देव कांत बरुआ ने एक नारा दिया था “..इंदिरा इज़ इंडिया, इंडिया इज़ इंदिरा”! शक्तिशाली इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। उन्होंने भी नारे को सच मान स्वयं को “इंडिया” मान लिया। संविधानेत्तर सत्ता का उदय हुआ।देश पर आपातकाल थोप नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया। जयप्रकाश नारायण,चंद्रशेखर जैसे नेताओं व कुलदीप नैयर जैसे संपादक सहित हजारों-लाखों सीखचों के पीछे कारागार में! लेकिन “भारत” को वह मंजूर नहीं हुआ। जंजीरें टूटीं, इंदिरा सत्ता के बाहर!, भारत, लोकतांत्रिक भारत की जीत हुई। ऐसा है हमारा भारत! जिसने भी इस भारत के मूल चरित्र को समझने में भूल की, इसकी मौलिकता छिनने की कोशिश की धूलधूसरित हो गया। समझदार कायम रहते हैं।
अब, पुनः मोदी!
खतरनाक रुप से, कुकुरमुत्ते की तरह उग रही कथित भक्तों की मंडली उन्हें “इंदिरा इज़ इंडिया” की तर्ज़ पर “मोदी इज़ इंडिया” ही नहीं, इससे आगे ब्रह्मांड तक “पुश” करने की मशक्कत में जुटी दिख रही है। इतिहास के पन्नों की खतरनाक अनदेखी के परिणाम की तरफ से अंधे बने ऐसे भक्तों से मोदी सावधान हो जायें। इनके प्रचार, ‘कुप्रचार’ का स्वरूप धारण कर लोगों को संदेश देने लगे हैं कि भारत देश सिर्फ मोदी, नरेंद्र दामोदरदास मोदी का है। पार्टी, भारतीय जनता पार्टी सिर्फ मोदी की है। मोदी के शब्द कानून हैं, मोदी के शब्द संविधान हैं। पार्टी-सरकार ?मोदी की अर्दली!.. और संघ….. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ?भक्तमंडली आश्वस्त कि शनैःशनैः वे भी रास्ते पर आ जाएंगे। प्रधानमंत्री को निर्देश संघ नहीं, संघ को निर्देश प्रधानमंत्री देंगे। भक्तमंडली के अंदरखाने पक रही खिचड़ी की ये सचाई मोदी, सरकार, पार्टी और संघ के लिए चेतावनी है कि वे सतर्क हो जाएं। पुरानी कहावत है,”मूर्ख दोस्त से कहीं अच्छा होता है चालाक दुश्मन”। इसे ध्यान में रख, या तो मूर्ख भक्तमंडली का परित्याग कर दें सभी पक्ष, या इन पर लगाम कसें!
देश ने बहुत ही विश्वास और आशा के साथ मोदी आहूत “परिवर्तन” के पक्ष में जनादेश दिया है। क्या मोदी निराश करेंगे? अबतक”परिवर्तन”का जो स्वरुप सामने आया है, वह जनता के अपेक्षानुरूप नहीं है।इस अकाट्य सत्य को स्वीकार कर भविष्य की कार्ययोजना तैयार करें मोदी!अभी भी समय है ।
अंत में !
प्रिय मोदी जी, डंका बजवाने और ‘हाइप’ पैदा करवाने में समय का अपव्यय न करें। देश की समझदार जनता दो जोड़ दो चार का गणित अच्छी तरह जानती है। उसे सकारात्मक परिणाम चाहिए। वह बिना भेदभाव के व्यवहार के स्तर पर “सबका साथ सबका विकास” का क्रियान्वयन चाहती है। डंका, हाइप, आश्वासन उसके कानों में गर्म तेल की तरह प्रवेश करती हैं।
भक्तमंडली इस सत्य को नाकरेगी, लेकिन सत्य यही है.. यही सत्य है! इसे स्वीकार कर आगे कदमताल करें, सफलता आपके कदम चूमेगी!
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Mr. S.N. Vinod
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