यूपी पुलिस जो हमेशा विवादों में रहती है, और इस पर सबसे बड़े आरोप होते हैं आरोपी को बचाना।
पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मेंहदावल से पूर्व विधायक डॉ. अय्यूब को मड़ियांव पुलिस ने मंगलवार को अलीगंज से गिरफ्तार कर लिया है।
डॉ. अय्यूब पर नर्सिंग छात्रा से दुष्कर्म, धमकी और गलत दवा देकर हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। छात्रा की 23 फरवरी को इलाज के दौरान ट्रामा सेंटर में मौत हो गई। भाई की तहरीर पर 25 फरवरी को पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज किया था।
संतकबीरनगर की रहने वाली 24 वर्षीय छात्रा के भाई ने मड़ियांव पुलिस को बताया कि डॉ. अय्यूब 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान उसके परिवार के संपर्क में आए। उन्होंने चुनाव में प्रचार के लिए छात्रा व उसके भाई को लगाया। इसके बाद उनका घर पर आना जाना लगा रहा। इसी बीच उन्होंने छात्रा से संपर्क शुरू कर दिया।
डॉ. अय्यूब ने छात्रा को डॉक्टर बनाने का लालच दिया। कहा कि पढ़ाई कराकर डॉक्टर बना दूंगा। इसके बाद उसे लखनऊ लेकर आए। जहां सीतापुर रोड स्थित सेवा नर्सिंग स्कूल में दाखिला करा दिया। दाखिले के लिए परिवार से दो लाख रुपये भी मांगे। मां ने बताया कि उसने जमीन बेंचकर यह रकम दी थी।
यौन शोषण और गलत दवा देकर मारने का लगाया आरोप
भाई ने पुलिस को बताया कि डॉ. अय्यूब ने छात्रा को डॉक्टर बनाने का सपना दिखाया। इसके बाद लखनऊ में उसका यौन शोषण करते रहे। इसी दौरान वह बीमार पड़ी तो उसकी दवा भी खुद करने लगे। भाई का आरोप है कि उन्होंने खुद को बचाने के लिए गलत दवा दी। जिससे उसकी किडनी खराब हो गई। इसी वजह से मौत हुई।
हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की मौत का कारण बीमारी से बताया गया। भाई ने आरोप लगाया कि डॉ. अय्यूब उसकी बहन से मिलने सीतापुर रोड स्थित हॉस्टल भी जाते थे। अक्सर उसे अपने मेट्रो सिटी स्थित आवास पर भी बुलाते थे। जिसकी पुष्टि मेट्रो सिटी के गार्ड ने भी की।
डॉ. अय्यूब पर दुष्कर्म और गलत दवा देकर हत्या का मामला मड़ियांव पुलिस ने मौत के दो दिन बाद दर्ज किया। इसके बाद से ही इस मामले में लापरवाही भी शुरू हो गई। पुलिस ने डॉ. अय्यूब से पूछताछ करने की कोशिश तक नहीं की।
तत्कालीन इंस्पेक्टर नागेश मिश्रा का तर्क था कि विधानसभा चुनाव चल रहा था। उस समय पूछताछ या गिरफ्तारी करना चुनाव को प्रभावित कर सकता था। इसकी आड़ में करीब एक महीने का समय पुलिस ने काट दिया। चुनाव समाप्त होने के बाद डॉ. अय्यूब को पूछताछ के लिए मड़ियांव कोतवाली बुलाया गया।
पूछताछ के नाम पर हुई खातिरदारी
मड़ियांव पुलिस ने डॉ. अय्यूब को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन कोतवाली पहुंचने के बाद भव्य स्वागत किया गया। काजू और बादाम के नमकीन और जूस मंगाए गए। इंस्पेक्टर के रूम में बैठाया गया। इस दौरान किसी भी व्यक्ति को कमरे में आने की अनुमति नहीं दी। कुछ मीडिया कर्मियों ने कमरे में जाने का प्रयास किया तो उनसे पुलिस उलझ गई।
इसके बाद आराम से डॉक्टर अय्यूब को भेज दिया गया। तत्काल उनकी गिरफ्तारी से पुलिस बचती रही। इस मामले की जानकारी होने पर तत्कालीन इंस्पेक्टर के खिलाफ तत्कालीन डीआईजी प्रवीण कुमार ने जांच शुरू करा दी। वहीं, मामले की जांच को सीओ बीकेटी को सौंप दी।
छात्रा के भाई की तहरीर पर भले ही रिपोर्ट दर्ज कर ली गई, लेकिन सच तो यह है कि मड़ियांव पुलिस अय्यूब पर हाथ नहीं डालना चाहती थी। पूरे मामले में पुलिस आरोपी का बचाव करती रही। पुलिसकर्मी व अधिकारी पीड़ित परिवार को ही गलत साबित करने में जुट गए। डॉ. अय्यूब के किस्सों को सुनाकर उनको एक बेदाग महापुरुष बनाने में जुट गई थी।
मड़ियांव पुलिस ने डॉ. अय्यूब को मंगलवार को दुष्कर्म और हत्या के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। पहले मड़ियांव थाने में पूछताछ की गई। इसके बाद अलीगंज सीओ कार्यालय ले जाया गया। सीओ अलीगंज विवेक त्रिपाठी ने पूछताछ की।
जब वह सीओ कार्यालय से निकले तो मड़ियांव इंस्पेक्टर राघवन कुमार सिंह की टीम ने शाम करीब साढ़े पांच बजे गिरफ्तार कर लिया। सीओ विवेक त्रिपाठी ने बताया कि अब तक की जांच में डॉ. अय्यूब पर दुष्कर्म और धमकी देने के साक्ष्य उपलब्ध हैं। जबकि गैर इरादतन हत्या के साक्ष्य नहीं मिले।
नर्सिंग छात्रा से दुष्कर्म और हत्या के मामले में डॉ. अय्यूब के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और उनकी गिरफ्तारी तक आशा ज्योति केंद्र ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। केंद्र की प्रभारी अर्चना सिंह अपनी टीम के साथ छात्रा की मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस गईं। इसके बाद तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी से बात कर रिपोर्ट दर्ज कराई।
केंद्र के कर्मचारियों ने शव और परिवारीजनों को घर पहुंचाने के लिए पुलिस अधिकारियों से बात कर दो कांस्टेबल दिलाया। छात्रा के भाई और मां के बयान दर्ज कराने भी केंद्र की प्रभारी गई थीं। वहीं, पुलिस की लापरवाही की शिकायत भी उच्चाधिकारियों से की थी। अर्चना सिंह ने बताया कि इसके अलावा महानगर थाने में अय्यूब के खिलाफ टिकट देने के नाम पर महिला से रुपये ऐंठने की भी रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
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