रेल के सफर को एक बार फिर से महंगा करने के संकेत मिलने लगे हैं। इस बार रेलवे सेफ्टी सेस के नाम पर यात्रियों की जेब ढीली करने की तैयारी में है। इसके संकेत रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को दिए।
रेल मंत्री ने मंगलवार को सेफ्टी सेस के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए पैसे जुटाना होगा तो रेलवे ऐसा कर सकती है। रेलवे पहले ही सर्विस टैक्स, स्वच्छ भारत टैक्स व कृषि कल्याण टैक्स वसूल रही है। अब रेलवे सेफ्टी टैक्स का भार भी डालने वाली है।
सेफ्टी सेस की बात पिछले दिनों भी विशेष सुरक्षा कोष को लेकर सामने आई थी, लेकिन वित्त मंत्रालय द्वारा इस कोष में पैसा दिए जाने के कारण रेलवे ने कदम पीछे खींच लिया था। अब रेल मंत्री ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि जल्द ही सेफ्टी सेस यात्रियों पर थोपा जा सकता है।
पिछले पांच साल में आरक्षण शुल्क में सौ फीसदी वृद्धि
जानकारी के मुताबिक स्लीपर, सेकेंड क्लास और एसी 3 पर सेस ज्यादा लगेगा, जबकि एसी-1 और एसी-2 पर यह मामूली रूप से लगाया जाएगा, क्योंकि वातानुकूलित कोच में पहले से ही किराया अधिक है।
बता दें कि रेल संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच साल में आरक्षण शुल्क में सौ फीसदी वृद्धि हुई है तो यात्रा किराए में 37 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
प्रीमियम ट्रेनों में फ्लैक्सी खत्म करने के सवाल पर प्रभु ने कहा कि ट्रेन चलने के पहले खाली सीटों पर छूट दी जा रही है। दलालों की गतिविधियां कम करने के लिए रेलवे ने इस तरह का कदम उठाया है। वैसे भी फ्लैक्सी रेट से कही अधिक दर पर लोग दलालों से टिकट लेते हैं।