Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / Nagpur Rape Case या ‘Blackmail’? टूटा प्यार या साज़िश? दो युवतियों ने लगाया रेप का आरोप, मगर कहानी में आया बड़ा ट्विस्ट

Nagpur Rape Case या ‘Blackmail’? टूटा प्यार या साज़िश? दो युवतियों ने लगाया रेप का आरोप, मगर कहानी में आया बड़ा ट्विस्ट


“प्यार, वादे, शारीरिक रिश्ते… और फिर अचानक रेप का केस! नागपुर के दो चौंकाने वाले मामलों ने उठाए कानून और सहमति पर गंभीर सवाल”

Manish Kumar Ankur | Exclusive Report | Khabar 24 Express : Nagpur से दो ऐसे सनसनीखेज मामले सामने आए हैं, जिन्होंने पूरे देश में एक नई बहस छेड़ दी है। यहां दो अलग-अलग युवतियों ने दो पुरुषों पर जिनमें से एक पुलिस सिपाही है, रेप का गंभीर आरोप लगाया है।

लेकिन इन दोनों मामलों में कहानी कुछ ऐसी है, जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। क्या यह सच में रेप था…? या फिर टूटा प्यार अब ब्लैकमेल का नया हथियार बन गया है?

दोनों ही केस एक जैसे हैं। पहचान हुई, प्यार परवान चढ़ा, शारीरिक संबंध बने… और फिर जब शादी से इनकार हुआ, तो मामला पहुंच गया थाने।

पहला केस: सिपाही से प्यार, फिर रेप का केस
कपिल नगर थाना क्षेत्र का मामला है। समाधान नगर में मेस चलाने वाली एक युवती की मुलाकात रोज़ खाना खाने आने वाले 26 वर्षीय पुलिस सिपाही उमेश तुलसीराम शेलके से हुई। दोस्ती बढ़ी, रिश्ता प्यार में बदला और फिर दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने। सिपाही ने शादी का वादा भी किया। लेकिन जब युवती ने शादी के लिए दबाव बनाया, तो उसने इनकार कर दिया। नतीजा.. युवती ने थाने पहुंचकर दुष्कर्म का मामला दर्ज करा दिया।

दूसरा केस: 2 साल तक लिव-इन, फिर आरोप
बेलतरोड़ी थाने का दूसरा मामला और भी चौंकाने वाला है। गोंदिया जिले की एक युवती नौकरी की तलाश में नागपुर आई थी। वहां उसकी मुलाकात स्वप्निल संजय पाटील से हुई। उसने शादी और नौकरी का भरोसा दिया और दोनों करीब दो साल तक लिव-इन रिलेशनशिप में साथ रहे। लेकिन जब शादी की बात आई, तो स्वप्निल पीछे हट गया। फिर वही अंजाम, थाने में रेप का केस दर्ज।

फिलहाल दोनों आरोपी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

अब उठे सबसे बड़े सवाल…
इन दोनों मामलों ने कानून और रिश्तों की परिभाषा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:

  • क्या हर असफल रिश्ता अब रेप का केस बन जाएगा?
  • अगर संबंध सहमति से बने, तो फिर उसे ‘दुष्कर्म’ कैसे कहा जा सकता है?
  • क्या कानून अब टूटे दिलों और बदले का ज़रिया बन चुका है?

पहले केस में युवती खुद प्यार में पड़ी और रिश्ते बनाए। दूसरे में युवती दो साल तक लिव-इन में रही। अगर शुरुआत से ही ‘शादी के बाद ही रिश्ता’ की शर्त रखी जाती, तो शायद मामला पुलिस तक नहीं पहुंचता।

सच्चाई यह है कि दोनों ही मामलों में गलती सिर्फ पुरुषों की नहीं, बल्कि महिलाओं की भी है। जब रिश्ता दोनों की मर्ज़ी से बना था, तो फिर सज़ा सिर्फ एक को क्यों? यहां मामला जबरदस्ती का है ही नहीं तो फिर रेप केस क्यों? महिलाओं की जरूरत जबतक पूरी होती रही तब तक सब सही रहा, जरूरत दूर हुई तो रेप केस बन गया?

कानून और समाज के लिए चेतावनी
इन घटनाओं ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। क्या अब हर टूटी उम्मीद को अपराध में बदला जा सकता है? और अगर ऐसा होता रहा, तो असली रेप पीड़िताओं की आवाज़ कहीं खो न जाए। क्योंकि ऐसी महिलाएं हैं जो सच मुच की रेप पीड़िताओं को भी सवालों के घेरे में ले लेती हैं।

क्योंकि इस तरह के मामले में अगर महिला चाहे तो उसे कोई छू भी नहीं सकता है। किसी के साथ लिविंग रिलेशन में रहना या उसके पास जाकर आपसी सहमति से संबंध बनाना ये बलात्कार की श्रेणी में नहीं आना चाहिए।

अब वक्त आ गया है कि समाज भी रेप और रिश्ते में फर्क समझे। प्यार में धोखा अलग बात है, लेकिन हर धोखे को अपराध कहना शायद न्याय नहीं।

आपकी राय क्या है?
क्या यह सच में रेप है… या फिर बदले और ब्लैकमेल की कहानी? नीचे कमेंट में बताएं, आपका नजरिया कानून और समाज दोनों के लिए अहम है।

Exclusive Report : Manish Kumar Ankur


Discover more from Khabar 24 Express Indias Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in Hindi, Daily News, News Headlines

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Check Also

बेहोशी की हालत में गोविंदा को आधी रात अस्पताल में कराया गया एडमिट, एक दिन पहले धर्मेंद्र से मिलने पहुंचे थे एक्टर

बेहोशी की हालत में गोविंदा को आधी रात अस्पताल में कराया गया एडमिट, एक दिन पहले धर्मेंद्र से मिलने पहुंचे थे एक्टर

Leave a Reply

Discover more from Khabar 24 Express Indias Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in Hindi, Daily News, News Headlines

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading