
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में अफ्रीका गए भारत के 2 जवान कांगों में शहीद हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों की हिंसक झड़प में दोनों जवानों को गोली लगी थी।
राजस्थान के बाड़मेर के रहने वाले सीमा सुरक्षा बल (BSF) के दो जवान अफ्रीका के कांगो में शहीद हो गए। वह संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में अफ्रीका के कांगो (डीआर) में तैनात थे। इनमें से एक सांवलाराम विश्नोई (45) बाड़मेर के और दूसरे शीशराम सीकर के रहने वाले थे। वह बीएसएफ में हेड कांस्टेबल के पद पर थे। बीएसएफ ने बुधवार को ट्वीट कर घटना और भारतीय जवानों के शहीद होने की जानकारी दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्थानीय लोगों ने कांगो में मोनुस्को के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का एलान किया था। मंगलवार को प्रदर्शन हिंसक हो गया। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने बीएसएफ जवानों पर हमला कर दिया। इस हमले में दो भारतीय जवान शहीद हो गए। इसके अलावा कई स्थानीय लोग भी मारे गए हैं।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जवान सांवलाराम विश्नोई दो महीने पहले 15 दिन की छुट्टी पर घर आए थे। इसके बाद वह संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत कांगो चले गए थे। वह साल 1999 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। 16 साल पहले उनकी शादी रुक्मणी के साथ हुई थी, उनके दो बेटे भी हैं। गांव में रह रहे उनके परिजनों को सांवलाराम के शहीद होने की सूचना दे दी गई है। इसके बाद से परिवार ही नहीं गांव में भी शोक की लहर है।

वीडियो कॉल पर कर रहे थे बात, गोली लगी
जवान शीशराम के परिवार ने बताया कि हिंसक प्रदर्शन के दौरान वे पत्नी के साथ वीडियो कॉल पर बात कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें गोली लग गई। शहीद की पत्नी कमला सरकारी टीचर हैं। उनके दो बच्चे हैं। बेटा ग्रेजुएशन कर रहा है और बेटी ने हाल ही में एमबीबीएस किया है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने जताया दुख
मामले को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में सीमा सुरक्षा बल के दो वीर भारतीय शांति सैनिकों की मृत्यु पर गहरा दुख हुआ। वे मोनुस्को का हिस्सा थे। इन नृशंस हमलों के अपराधियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए।

खैर जो भी हो जबावदेही भारत सरकार की भी बनती है। अपने एक-एक सैनिक की सुरक्षा का जिम्मा भारत सरकार का है। भारत से अगर सैनिक संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन पर हैं तो उनके साथ इस तरह की घटना कैसे हो सकती है? इसकी जिम्मेदारी भारत सरकार को तय करनी चाहिए।
ब्यूरो रिपोर्ट : जगदीश तेली, राजस्थान