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आखिर भारत के झंडे और राष्ट्रगान से किसी को क्या दिक्कत हो सकती है? भारत का झंडा राष्ट्रीयता का प्रतीक है, भारत की आज़ादी का प्रतीक है। राष्ट्रगान सम्पूर्ण भारत को अपने अंदर समाता है। राष्ट्रगान गाने से किसी की भावनाएं भले कैसे आहत हो सकती हैं?
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शाही जामा मस्जिद के अंदर ध्वजारोहण और राष्ट्रगान पर शहर मुफ्ती का विरोध जताने वाला ऑडियो सामने आने के बाद बुधवार को मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इससे पहले मंगलवार को अखिल भारत हिंदू महासभा ने थाना मंटोला और राष्ट्रीय हिंदू परिषद भारत ने कलक्ट्रेट में एसएसपी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया था और तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की मांग की थी। मुकदमा इस्लामिया लोकल एजेंसी से मिली तहरीर के आधार पर दर्ज हुआ है।
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महासभा की प्रांतीय अध्यक्ष मीना दिवाकर ने तहरीर दी थी। तहरीर में कहा कि 15 अगस्त को शहर की जामा मस्जिद में ध्वजारोहण के संबंध में 16 अगस्त को दो ऑडियो वायरल हुए, जिसमें शहर मुफ्ती और एक अन्य व्यक्ति ध्वजारोहण करने वाले इस्लामियां लोकल एजेंसी के चेयरमैन असलम कुरैशी को ऐसा नहीं करने की बात बोल रहे हैं। गलत शब्दों का भी प्रयोग कर रहे हैं। शहर मुफ्ती एवं अन्य ने ऑडियो में झंडा फहराना एवं राष्ट्रगान गाना, भारत माता की जय के बारे में गलत शब्दों का प्रयोग के साथ-साथ इसको हराम बताया है। भारत में रहकर तिरंगे को लहराने, राष्ट्रगान गाने और भारत माता की जय बोलना हराम बताना, तिरंगे के खातिर शहीद हुए जवानों का भी अपमान है। यह राष्ट्रद्रोह एवं रासुका की श्रेणी में आता है। आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
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शहर मुफ़्ती मजदुल ख़ूबैब रूमी का मंगलवार को एक और ऑडियो जारी हुआ है। इसमें उन्होंने कहा है कि मस्जिद के भीतर सियासी प्रोग्राम नहीं करने को कहा था। असलम ने गलत बयानी की है। वह मुझे मुफ़्ती पद से नहीं हटा सकते हैं। उन्हें कोई अधिकार नहीं है।
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Crime Desk : Khabar 24 Express