‘बेटियों के जन्म पर जयकार हो’ की गूंज के साथ बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं कार्यशाला आयोजित
डूंगरपुर,राजस्थान
09 मार्च 2021
बेटियों के जन्म पर जयकार हो’ की गूंज के साथ अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के दूसरके दिन ‘’बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं एवं घूंघट प्रथा समाप्ति के प्रयास विषयक कार्यशाला आयोजित हुई।
कार्यशाला का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अमित सहलोत एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजली राजोरिया के मुख्य आतिथ्य में हुआ।
इस अवसर पर जिला विधिक प्राधिकरण सचिव श्री सहलोत ने कहा कि हमें बेटा-बेटी की असमानता को दूर करने की पहल सबसे पहले हमें अपने घर से ही करनी होगी।
उन्होंने बेटियों की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में महिलाओं की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताया।
इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजौरिया ने कहा कि हमें सबसे पहले अपनी मानसिकता को बदलना होगा।
बेटा और बेटी को समान अवसर प्रदान करने होंगे तथा महिलाओं को जागरूक करना होगा।
अतिथियों ने घूंघट प्रथा समाप्ति पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं को अपनी प्रतिभाओं को पहचानना होगा तथा सभी को महिलाओं को आगे आने के लिए अवसर प्रदान करना होगा।
कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता सुमित्रा फुमतिया ने भूण हत्या रोकथाम एवं परिवार समाज की भूमिका पर व्याख्यान दिया वहीं एडवोकेट स्वाति पारिक ने महिलाओ के कानूनी अधिकार विषय पर विधिक जानकारी प्रदान की।
सहायक निदेशक जनसंपर्क छाया चौबीसा ने बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने, विकसित राष्ट्र में महिलाओं की भूमिका एवं महत्व की जानकारी दी।
कार्यशाला में बेटियों की भूमिका को इंगित करते हुए सर्वप्रथम बालिका सुश्री नेहा चौबीसा के नारी सशक्तिकरण के गीत ‘बेटियों के जन्म पर जयकार हो’ एवं कविता ‘नारी’ के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में हस्ताक्षर अभियान के तहत बालिका शिक्षा एवं समानता के अवसर उपलब्ध कराने की शपथ दिलाई गई।
कार्यशाला का प्रारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ।
महिला अधिकारिता संरक्षण अधिकारी मोतीलाल मीणा ने सर्वप्रथम कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं तथा घंूघट प्रथा समाप्ति हेतु प्रयास विषय पर विचार व्यक्त किये ।
कार्यशाला के समापन पर महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यवाहक उप निदेशक शुकंतला जोशी ने आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का संचालन पूजा माखिजा द्वारा किया गया।
कार्यशाला में स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, साथिन, सुपरवाईजर, गणमान्य एवं विदुषी महिला प्रतिनिधि मौजूद रही।
उन्होंने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के प्रथम दिन सोमवार को मुख्य अतिथि जिला प्रमुख सुर्या अहारी, विशिष्ठ अतिथि उप जिला प्रमुख सुरता परमार एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक शुकंतला जोशी की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उन्होंने बताया इसमें अतिथियों द्वारा जिला कलक्टर के नाम बेटियों के जन्म पर वागडी बोली तैयार किये गये बधाई संदेश पत्रिका का विमोचन किया गया।
इस संदेश में वागडी भाषा में परिवार की बेटी जन्म पर बधाई संदेश के साथ ही बालिका के टीकाकरण व मुख्यमंत्री राशि योजना की भी जानकारी दी गई है।
इस अवसर पर महिला अधिकारिता विभाग के संरक्षण अधिकारी मोतीलाल मीणा ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।
साथ ही बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना अन्तर्गत नवजात बालिकाआंे को बेबी कीट एवं जिला स्तर पर उत्कृष्ठ कार्य एवं सेवाओ के लिए सुमित्रा फुमतिया, एडवोकेट स्वाति पारिक, पूजा माखिजा, छाया चौबीसा, विजय माला गहलोत, पिंकी मीणा, सुश्री सरिता टेलर, सुश्री ऋचा कटारा एवं सुश्री नव्या डामोर को अतिथियों द्वारा स्मति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
जिला प्रमुख अहारी ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बालिका को उच्च शिक्षा दिलाने, निर्भिक निडर बनाने की आवश्यकताओं पर अभिभावको से प्रयास करने का आह्वान किया।
उप जिला प्रमुख सुरता परमार ने भ्रुण हत्या रोकने की प्रयासो को अधिक महत्व देने एवं महिलाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने की पहल की।
इस अवसर पर सुश्री नेहा चौबीसा व मुदा मेहता ने कविताओं के माध्यस से अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की महत्ता को प्रकट किया।
सुश्री विधी भट्ट ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में ड्रॉपआउट किशोरी बालिकाओं की प्रतियोगिता में विजय रही बालिका को उपहार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
साथ ही हस्ताक्षर अभियान के तहत अतिथियों एवं प्रतिभागियों द्वारा बालिका जन्म प्रोत्साहन समानता, शिक्षा एवं स्वास्थ्य में हस्ताक्षर कर योगदान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने का वचन दिया गया।
संचालन व्याख्यता श्वेता जैन ने किया।
सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय डूंगरपुर,राजस्थान
रिपोर्ट
राजस्थान ब्यूरो
जगदीश तेली
खबर 24 एक्सप्रेस
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