
भ्रष्टाचार की वजह से आज दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में बड़ा हादसा हुआ है। हादसा इतना दर्दनाक था कि लोगों को समझ तक नहीं आया कि अचानक हुआ क्या?
मुरादनगर के श्मशान घाट में एक तो वैसे ही गमगीन माहौल था। लोग 65 वर्षीय फल विक्रेता के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट में इकट्ठा हुए थे। लेकिन लगातार बारिश की वजह से लोग श्मशान में गैलरी के अंदर खड़े हो गए थे, और इसके बाद अचानक गैलरी की छत भरभरा कर गिर गए। इससे पहले लोग कुछ समझ पाते, अचानक छत के गिरने से 50 लोग मलबे में दब गए। हादसे में 23 लोगों की मौत हो चुकी है, 15 से ज्यादा लोग घायल बताये जा रहे हैं। घायलों को मलबे से निकालकर विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है जबकि 15 लोग घायल हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंडल आयुक्त मेरठ व एडीजी मेरठ मामले की जांच कर रहे हैं। उनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद मामले में एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। दोनों ही अधिकारी मुरादनगर में डेरा डाले हुए हैं। टेंडर से लेकर अन्य सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।

अंतिम संस्कार के दौरान हुए हादसे की गूंज लखनऊ तक पहुंची। शासन ने मंडलायुक्त-आईजी समेत डीएम-एसएसपी मौके पर पहुंचे। उन्होंने राहत और बचाव कार्य कराया। वहीं, हादसे के कारणों की भी पड़ताल शुरू कर दी गई। शासन ने देर रात तक इस हादसे की रिपोर्ट मांगी है।
बता दें कि श्मशान घाट में क्षतिग्रस्त लिंटर का निर्माण गत अक्तूबर में ही पूरा हुआ था। प्रशासन मामले की जांच में जुट गया है। मौके पर जमा भीड़ भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने की मांग कर रही है।
आपको बता दें कि हादसे का शिकार हुए सभी लोग मुरादनगर के डिफेंस कॉलोनी निवासी फल विक्रेता जयराम (उम्र करीब-65) की अंत्येष्टि में आए थे। ये सभी लोग अंत्येष्टि के बाद गेट से सटी गैलरी में मौन धारण करने के लिए जमा हुए थे।
इसी दौरान ये हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि ढाई माह पहले गैलरी का निर्माण कराया गया था। आरोप है कि सरिया को छोड़ निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। गैलरी ढहते ही निर्माण सामग्री चूरे में तब्दील हो गई।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद गाजियाबाद के मुरादनगर में छत गिरने की घटना में लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने इस हादसे में मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मण्डलायुक्त मेरठ एवं एडीजी मेरठ जोन को घटना के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं।

ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर की तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने नगर पालिका ईओ से निर्माण के मामले में तत्काल पूरी रिपोर्ट मांगी है। उधर शासन ने भी रिपोर्ट तलब की है। सूत्रों के अनुसार, कुछ ही देर में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी समेत कई अधिकारियों पर कार्रवाई होने की संभावना है।
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