बॉक्सिंग दिवस बड़े दिन के अगले दिन जो कि सेंट स्टीफेन दिवस भी है उस दिन मनाया जाता है,इसलिए ये एक धार्मिक अवकाश यानी छुट्टी का दिन भी है। जो 26 दिसम्बर को मनाया जाता है। आमतौर पर ये नाम सुनते ही एक धारणा बनती है कि यह दिवस बॉक्सिंग के खेल के प्रोत्साहन को मनाया जाता है।जबकि ‘बॉक्स ‘ शब्द का अर्थ डिब्बा या पैकिंग है जैसे कि क्रिसमस गिफ्ट्स के डिब्बे देने का दिवस।
बॉक्सिंग डे की शुरुआत इंग्लैंड यानी यूनाइटेड किंगडम में हुई थी।इंग्लैंड के अलावा इस अवकास दिवस को उन देशों में भी मनाया जाता है जो कि कभी ब्रिटिश साम्राज्य के गुलाम थे। इन देशों में प्रमुख देश हैं-ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड। इन देशों के लोग इस दिन छुट्टी का आनन्द उठाते हैं व अपने दोस्तों व अपने परिवार के साथ सभी प्रकार के खेलों को खेल कर समय बिताते हैं और उन्हें जो बने अच्छे गिफ्ट देते हैं।
इस दिन को बॉक्सिंग डे इस लिए भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन अमीर लोग अपने घर व खेतों आदि में काम करने वाले लोगों को काम से कर छुट्टी देते थे और उन्हें ‘गिफ्ट का बॉक्स’ भी देते थे ताकि वे अपने घर जाकर अपने परिवार के साथ छुट्टी का आनंद ले सकें।
ओर आइस हॉकी का स्पेंग्लर कप भी इसी दिन 26 दिसंबर को डावोस, स्विट्ज़रलैण्ड में आरंभ होता है।
इस सबको मध्यनजर रखते हुये स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी अपनी कविता से कहते है कि,,
क्रिसमस से अगले दिन
मिलता सबको उपहार।
जिन्हें मिले वे पुण्यबल माने
बाकी के जीवन भी है ईशवत प्यार।।
मनुष्य सभी एक ईश्वर मूरत
ये जीवन सबसे बड़ा उपहार।
उसे सदा खुशहाल बनाओ
यही इस दिवस खुशी का सार।।
मेरे सब है ओर सब मेरे है
यही ईसा ने उपदेश दिया।
यही सभी धर्म मूल है
प्रेम बांट जीवन उपहार दिया।।
ऊंच नीच का भेद करो ना
न करो घमंड गरीब अमीर।
ये काल चक्र है जो चलता रहता
जाने कौन कब पाये ये पीर।।
जो बने खुशी दे जो भी
वो दो बना अपना उपहार।
चाहे बहुत अधिक न पाये
पर खुशी दे एक निवाला अपार।।
यो आज बॉक्सिंग दिवस मनाओ
अपनी बचत कुछ दे दूजे।
बन कर खुशी का बचतघर
कहे शुभ क्रिसमस उपहार दें दूजे ।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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