गूंजते रहेंगे हर दिल में
तेरे गाये तरन्नुम नग़मे।
मिटाते ग़म बढा मोशक़ी जिंदगी
गलफ़्त से महफ़ूज रख दिले सदमें।।
हर दिले अज़ीज हो तुम
मुस्कराहट भरती तदबीर हो तुम।
अदा हर तरहां की आवाज़ ए फ़न
जगा देते हर ज़हन गुलबीर हो तुम।।
हर नगमें भरे अपने दिले तसल्ली
उड़ा कर ज़माने गम ए खिल्ली।
दिखा हर लवजों को रवानगी दे
ख्वाब बसाते हर जनाब बसे शेखचिल्ली।।
याद दिलाते इश्के मंजिल
की कहां तक निभता संगदिल।
मिटने की चाह को आवाज़ दे जी
आसान बना दिया वो कहना मुश्किल।।
आवाज को रब तक दे बुलंदी
रफ़ी नाम जीया इस दुनियां।
हर रूह को फ़ना होने तक दे
अपनी इश्क़ ए आवाज़ भर तसल्ली।।
दिल एक महोब्बत दरिया है
साहिल बने हर दिल हर किनारे।
इस पार उस पार दोनों जीते कैसे
बिन हारे बन हर दिले सहारे।।
आंशू बहा दिए रुके दिल के
मुस्करा खिलखिला बहार बन खिल के।
आंखों की नमी बदल दी सजीली कर
होठों पे शबनमी घुला जाम झलके।।
जगा दिए अरमां जला बुझे दीये
रागों की ज्योतिर्मयी लहरों पर चढ़।
अलाप से हुंकार ओर कसक खुमार
प्यार की बाज़ी को ज़माने बढा।।
रोज तुम्हीं अज़ान से होता सवेरा
हर दिल उम्मीदों का बसता बसेरा।
मुझे भी मिलेगा मेरा हमदम
रफ़ी तुम मुबारक हमें महोब्बते कसेरा।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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