ये दिवस प्रत्येक वर्ष 20 दिसंबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है। एकता का संदेश सम्पूर्ण विश्व में जन जन को देने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 20 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस मनाने के लिए घोषित किया है।
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य जाने:-
अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस का मुख्य उद्देश्य है,विश्व भर के सभी लोगों को उनकी लोकभाषा पहनावे संस्कृतियों,खानपान व सामाजिक राजनीतिक व्यापारिक व्यवहार में अनेक विविधता में भी एकता का महत्व बताते हुए जागरूकता फैलाना। दुनिया के विभिन्न देश इस दिन अपनी जनता के बीच मानवता की परस्पर व्यवहारिकता से कैसे शांति, भाईचारा, प्यार, सौहार्द और एकता आती है,इस के ज्ञान को विभिन्न प्रकार के संदेश को देकर प्रचार प्रसार करते हैं। हेल्प4ह्यूमेन रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट संस्था ओर अनेक सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं ने भी सभी जनसाधरण लोगों को एकता के सूत्र में बांधने के विषय मे अनेक प्रकार से पहल की है।ऐसी सभी मनुष्यतावादी संस्थायें सदा से सभी देश में शांति, एकता और भाईचारे की भावना के प्रसार के लिए बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती रही है।इस सम्बंध में सत्यसाहिब जी की मनुष्यता भरी ज्ञान कविता से इस प्रकार कहते है कि,
अंतर्राष्टीय मानव एकता दिवस 20 दिसंबर पर कविता
मानव एक कुटुंब है विश्व
नर नारी भरे यहां विभिन्न।
रंगत संगत एकता विसंगत
एक कड़ी से कड़ी जुड़ी अभिन्न।।
भाई चारा एकता बल शांति
सौहार्द सहानभूति अनुभूत प्यार।
मैं मिटा तू दूजे में बन जी
यही मानव एकता आधार।।
हम एक है शरीर एक से
दो आंख एक नांक दो कान।
मुख वही एक बस तन रंगत बदली
मस्तिष्क निम्न उन्नत ले ज्ञान।।
अपने गुणों का विस्तार नाम है
दास्य से लेकर बनना राजा।
जो निज गुण नहीं विस्तारे
वही आलसी दासत्त्व बिगाड़ काजा।।
ये ही शिक्षा मानव जरूरी
इस शिक्षा से बढ़ता है गुण।
कौन हूं मैं, कर्त्तव्य क्या मेरा
जान इसे निखरे सद्गुण।।
सद्गुण बढ़े वही मनुष्यता
यही मनुष्यता सच्चा कर्म।
दूजे भी सब मेरे बंधु
मेरे वे यही महाभाव प्रेम नाम धर्म।।
इसी मनुष्यता कर्म धर्म को
जान बढाओ हर जन दे प्यार।
बने यही प्यार के दाता जितने
उतना खिले फूल मानवता बन उपहार।।
यही मानवता उपहार का देना
सभी को करना हर सम्भव।
इसी सम्भवता को संकल्प बनाओ
आज मानव एकता दिवस कह शुभ भव।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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