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आज रामन्दिर भूमि पूजन की तारीख को अंक शास्त्र के नज़रिए से 5 अगस्त 2020 को देखा जाए तो 5 का अंक बुध का प्रतीक माना गया है। यह भी एक संयोग है कि बुध के स्वामी ग्रह का नंबर और तारीख भी 5 है।साथ ही राम मंदिर में अब 5 शिखर बनाये जायेंगे। ये संयोग ओर सम्बन्ध केवल यहीं नहीं रुकता है, राम मंदिर की नींव में 5 चाँदी की ईंटें रखी जाएँगी। यह 5 ईंट पंच देव और पाँच नक्षत्रों के प्रतीक के रूप में स्थापित की जाएँगी। राम मंदिर के 5 दरवाज़े होंगे और राम मंदिर को 5 खंडों में बाँटा गया है।
ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को 5 वां ग्रह माना गया है। साथ ही यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि रघुकुल वंशी भगवान श्री राम सूर्यवंशी हैं। ये अंक 5 और राम मंदिर का यह सम्बन्ध अत्यंत ही शुभ सिद्ध होता है।
अबतक के उदाहरणों से समझ सकते हैं कि राममंदिर भूमि पूजन और अंक पांच के अद्भुत सम्बन्ध की अनोखी बात है।
अब जानिए राममंदिर के भूमि पूजन के शुभ मुहूर्त से जुड़ी कुछ आश्चर्यजनक बातें :
राममंदिर के भूमि पूजन मुहूर्त का ये समय क्यों चुना गया है? तो सावन का पवित्र महीना भगवान शिव को समर्पित है। और शिव भगवान स्वयं भगवान विष्णु और श्रीराम की उपासना करते हैं। और वहीं भाद्रपद का महीना श्री कृष्ण जी के जन्म के लिए जाना जाता है, जो स्वयं भगवान विष्णु के अवतार हैं। इसीलिए इस सर्वश्रेष्ठ अभिजीत समय का चुनाव किया गया है। साथ ही, यह वही समय है, जिस समय त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने जन्म लिया था।
5 अगस्त 2020 को अयोध्या में दोपहर 12 बजकर 15 मिनट का समय शिलान्यास के लिए चुना गया है। उस समय तुला लग्न, राहु का नक्षत्र स्वाति में होगा। राहु उच्च राशि मिथुन में कुंडली के नवम भाव में होगा जिससे धर्म से संबंधित सभी निर्माण कार्य के करने से अनन्त मान सम्मान की अक्षय वृद्धि होगी। लग्न का स्वामी शुक्र भी राहु के साथ स्थित होगा जिससे यह पता लगता है कि यह राममंदिर अद्धभुत वैभवयुक्त भव्य बनेगा और देखने में विश्व स्तरीय सुंदर होगा।
भूमि पूजन वाले दिन की शुरुआत में सुबह 9:30 बजे तक धनिष्ठा नक्षत्र होगा, लेकिन उसके बाद राहु का शतभिषा नक्षत्र आ जाएगा। इस प्रकार इस पूरे मंदिर निर्माण में राहु की भूमिका सम्पूर्ण शुभफलदायी होगी और पंचक में मंदिर का भूमि पूजन होगा। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शतभिषा नक्षत्र ऐसा नक्षत्र है, जो 100 अभिलाषाओं को पूर्ण करता है। शतभिषा नक्षत्र भूमि पूजन का समापन होना इसकी शुभता को दर्शाता है।
ये तो हुआ श्रीराम मंदिर भूमि पूजन पर 5 अंक का अद्धभुत शुभ सम्बन्ध जो ज्योतिषी दर्शा रहे है….।
अब जाने 5 अंक का वो विश्वव्यापी प्रभाव जो कोरोना ने सभी शुभ कार्यो में अपना विनाशकारी प्रभाव फैला रखा है और बढ़ोतरी की ओर अग्रसर है।
अब पढ़े सद्गुरु स्वामी सत्येंद्र जी महाराज की कोरोना को लेकर पूर्व भविष्यवाणी।
स्वामी सत्येंद्र जी महाराज जी के अनुसार कोरोना पर भविष्यवाणी न्यूमरोलॉजी यानी अंकशास्त्र से की गई है।
कोरोना संक्रमण को जाने के लिए त्रिकालदर्शी भविष्यवेत्ता महायोगी स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने भविष्यवाणी की है।
“कोरोना का पूरा नाम की कथा और कोरोना का ये COVID-19 नाम कैसे पड़ा?
दरअसल COVID-19 संक्षेप में है। इसका पूरा नाम है Coronavirus diseases। चूंकि यह बीमारी 2019 में फैली इसलिए पूरा नाम Cओronavirus diseases 2019 हुआ। अब Corona का CO, virus का VI और diseases का D मिलाकर COVID-19 नाम कर दिया गया। COVID-19 उस महामारी का नाम है जो SARS-CoV2 वायरस से होती है।
तो अब इस Covid-19 के नाम का पहला अक्षर है-C यानी क और इसकी राशि हुई मिथुन। मिथुन राशि का स्वामी है बुध, जो वाणी दोष यानी गले के रोगों और नर्वससिस्टम और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का ग्रह है, तो वैसे भी कोरोना हमारे गले मे सबसे पहले संक्रमित होकर आगे फेफड़ों व पाचनतंत्र पर इफेक्ट करता है।
अब इस COVID-19 के सारे अंकों को जोड़े तो, C-3+O-6+V-4+I-9+1+9-=14 यानी 1-4=5 यानी बुध ग्रह का अंक 5 ही आया।
अब ये चीन से जिसे China भी कहते हैं। और इस चीन देश का च मेष राशि बनती है, जिसका स्वामी सूर्य ग्रह है और बुद्ध का सूर्य के साथ मिलकर बुद्धादित्य योग बनता है यानी बुद्ध के प्रभाव को विशेष रूप से राजयोग बनाता है, अब चाहे वो राजा बुद्ध नीच वृति का हो….उसके प्रभाव को सूर्य और भी प्रबल, विस्तृत कर देता है। और यही हुआ भी है।
साथ ही कोरोना 19 में जो उन्नीस अंक है, वो सूर्य का ही उच्चतम अंक है, तो दोनों बातें मिल रही है यानी यहां भी बुद्धादित्य योग बन रहा है। जो कोरोना को विश्व प्रसिद्ध देता है, चाहे रोग के नाम पर सदियों तक याद किये जाने वाला नाम प्रसिद्धि से ही हो।
कोरोना 19, चीन के वुहान शहर से आया है, तो अंक ज्योतिष में वुहान यानी Wuhan का अंक जोड़ भी 5 बना और-W-5+u-3+h-8+a-1+n-5=22 यानी 2+2=4 अंक, जो कि राहु का अंक है, तो कोरोना का अंक 5 का सीधा सम्बन्ध वुहान का अंक 5, शहर से हुआ।
राहु एक अचानक आने वाली विध्न बांधा, विश्व विस्फोटक, भयंकर परिवतर्न लाने वाली क्रांति आदि से है।अब बुध ओर सूर्य और राहु का ये योग अचानक आने वाले महाग्रहण योग को बनाता है।ओर यही हो भी रहा है।महामारी।
अब हम इस कोरोना के पूरे नाम Coronavirus diseases का अंक जोड़ करें तो, वैसे भी-19 यानी 1+9=1 यानी सूर्य ग्रह ओर अब न्यूमरोलॉजी से देखकर जोड़े तो,
C-3+o-6+r-9+o-6+n-5+a-1+v-4+i-9+r-9+u-3+s-1+d-4+i-9+e-5+a-1+s-1+s-1=14 यानी 1+4=5 यानी 5 बुध ग्रह का अंक।बुद्धादित्य योग।
अब इसमे 2019 का जोड़ अंक भी जोड़ करे तो-2+0+1+9=12-यानी 1+2=3 जो गुरु ग्रह का अंक है ओर इसे अब कोरोना वायरस के अंक में जोड़ दें तो-5+3=7 ओर 7 अंक है केतु ग्रह का,तो उधर राहु ग्रह है और साथ में ज्योतिषीय गणित के अनुसार जहां राहु है,वहां केतु भी होता है,अब दोनों क्रूर ग्रहों की मार पूरे संसार पर है,तो बचे कैसे ओर कब तक?
अब किस अंक का शत्रु है बुध ग्रह:-
वैसे बुध ग्रह का शत्रु चंद्रमा है,बाकी ग्रह सम या मित्र ही है।
पर बुद्ध,सूर्य,गुरु,राहु,केतु का ये पांच ग्रह का पंचक योग बड़ा भयंकर बना है,पंचक का अर्थ ही किसी भी दोष को पांच गुणा के अनुपात से भयंकर बनाकर बढाता है।कहते भी ये पंचक में मरा है,तो ये पांच व्यक्ति की मौत और लेकर अपने साथ जाएगा। और यो ही ये कोरोना का पंचक रोग योग बीमारी भी एक के होते ही,पांच को संग लेकर पंचक दोष बनाती जाती है,यानी निरन्तर बढ़ती है।
बुध : इस ग्रह के मित्र सूर्य, गुरु व चंद्र होते हैं। शनि से इनकी शत्रुता होती है। … गुरु: गुरु के मित्र मंगल, चंद्र व शनि और शुक्र, बुध से शत्रु होते हैं। धनु व मीन राशि के लोगों की मेष, वृश्चिक, कर्क, मकर व कुंभ से मित्रता तथा वृष, तुला व मिथुन, कन्या से शत्रुता के संबंध होते हैं।यो ये राशि वाले अधिक इस बीमारी की चपेट में आते है।जैसे मिथुन राशि के कोरिया देश व वहां के शासक किम जोंग ओर गायिका कनिका कपूर बड़े चर्चा में बने।
बुध की दो राशि मिथुन ओर कन्या-जिनमे पहली मिथुन राशि के लोगों का नाम का पहला अक्षर का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा है, वे मिथुन राशि के होते हैं, ओर कन्या राशि-के नाम अक्षर हैं ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे और पो है।तो इन देशों पर कोरोना ओर चूंकि मेष राशि-अ, ल, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ है।जैसे अ से अमरीका,ओर भारत की राशि है वृषभ ओर वृषभ राशि से बुध का सम्बन्ध मित्रता का है,यो यहां लॉक डाउन के चलते कोरोना अन्य देशों की अपेक्षा कम कहर ढा रहा है।पर अन्य योगों के चलते यहां रुक रुक कर बड़ी संख्या में म्रत्यु देगा।
जैसे-बुलन्दशहर भी वृषभ राशि शुक्र ग्रह से सम्बंधित है ओर दिल्ली मीन राशि जो कि बुध की नीच राशि है,तो दिल्ली में कोरोना बुरा प्रभाव देता है।
ओर महाराष्ट्र की सिंह राशि है,जो बुध के साथ सूर्य व राहु का योग यहां ज्यादा विनाश दे रहा है।
तो, कोरोना इन मुख्य राशियों के अक्षर नाम वाले व्यक्तियों व देश,शहर,गांव,मोहल्लों आदि पर अधिक शीघ्र प्रभाव डालेगा।
तो भक्तो,आप अपने बुध ग्रह को सही रखें,तो अवश्य कोरोना से बचे रह सकते और शीघ्र स्वास्थ लाभ पा सकते है।
1-उपाय:-
बुध हरियाली का ग्रह है,यो हरे रंग को घर मे बढ़ाये और हरे पौधे लगाए व उन्हें पानी दे,पशु को हरा चारा दें।
2-उपाय:-
हरे रंग के स्फटिक पत्थरो को घर में बुध उत्तर-पूर्व या ईशान कोण का स्वामी ग्रह है।तो इसी दिशा में हरित रत्नों या पत्थरों टाइलों व कांच परदों का उपयोग करें।
3-उपाय:-
उत्तर-पूर्व या ईशान कोण का स्वामी ग्रह बुध है,यो इस दिशा व कोने में आप एक तांबे या पीतल की जस्ते की प्लेट या फिर जो प्लेट हो,उसमें 5 या 14 या 23 हरे अकीक पत्थरो को कुछ पानी मे डालकर रखा रहने दे,या हरे पौधे मनीप्लांट या फिर पुदिना या हरी प्याज को वहां प्लेट में रख दे,उससे बड़ा लाभ मिलेगा।
4-उपाय:-
यदि आपका पन्ना खराब है,तो उसे तुरन्त उतार कर नया या नही मिले तो,उतार कर डिब्बी में बन्द कर रख दें,अन्यथा कोरोना जल्दी पकड़ कर लेगा।
5-उपाय:-
ध्यान योग विधि से बुध ग्रह कैसे सुधारे:-
ओर रेहि क्रियायोग करते हुए कंठ चक्र का ध्यान करें,क्योकि कंठ चक्र ही बुध का स्थान है,यो इस विधि से बुध बहुत लाभ देगा।
तो कब जाएगा कोरोना ओर कब होगी कोरोना से सम्पूर्ण मुक्ति :-
तो अपने न्यूमरोलॉजी गणित से जान लिया कि बुध इस बीमारी का मुख्य ग्रह है,तो बुध का अंक है,5 ओर 5 अंक के विस्तार अंक है-14 व 23 व 32 अब इसी से जान ले कि 5 महीने तो हो गए और अब 14 महीने अंक काम करेगा।तभी जाएगा ये कोरोना ओर वैसे ये भविष्य में एक बीमारी बनकर के 5 साल तक बना रहेगा।
बुध ग्रह के महीने है- बुध की पहली राशि मिथुन का महीना है,जून ओर बुध की दूसरी राशि है कन्या,जिसका महीना है,सितंबर।
तो भक्तों,ये कोरोना अभी 21 मई से 28 मई तक पूर्ण प्रभाव रहता है,फिर 21 जून में पूर्ण होता है या फिर 21 अगस्त से 28 अगस्त तक पूर्ण प्रभाव के बाद 20 सितंबर तक के मध्य बहुत कुछ शान्ति पकड़ेगा।
बुध ग्रह के मौसम है- शरद ऋतु यानी जाड़े तो जाड़ो से शुरु हुआ और जाड़ो में जायेगा और तत्व है पृथ्वी यानी ये पृथ्वी पर बना रहेगा।
तो अब दोनों का विश्लेषण देखा,की कोरोना भी 5 अंक के प्रभाव में है और श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन महूर्त आदि भी 5 अंक के प्रभाव में है,तो आप खुद सोचे की,दोनों का परस्पर ये अद्धभुत सम्बन्ध इस दिन क्या प्रभाव लाएगा,,कोरोना राममंदिर पर पुनः विध्न बनेगा या श्रीराम कोरोना पर विजय प्राप्त करेंगे,,
आशा है,शुभ ही हो,पूर्वकाल की भांति कोई विध्न नहीं घटे।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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