लगभग 3 साल बाद नींद से जागी दिल्ली पुलिस ने कन्हैयाकुमार और उमर खालिद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।
बता दें कि जेएनयू मामले की जांच कर रहे सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उन्हें जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ ऐसे कोई सबूत या गवाह नहीं मिले हैं जिससे यह साबित हो कि उन्होंने यूनिवर्सिटी कैंपस में 9 फरवरी को देश विरोधी नारेबाजी की थी। या भीड़ को उकसाया हो।
जेएनयू मामले की जांच कर रहे सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्हें जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ ऐसे कोई सबूत या गवाह नहीं मिले हैं जिससे यह साबित हो कि उन्होंने यूनिवर्सिटी कैंपस में 9 फरवरी को देश विरोधी नारेबाजी की थी।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 2016 में दर्ज देशद्रोह के मामले में जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य के खिलाफ सोमवार को आरोपपत्र दाखिल किया।
पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के लिए पूर्व छात्रों उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया।
यह कार्यक्रम संसद हमला मामले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू को फांसी की बरसी पर आयोजित किया गया था। मामले में कश्मीरी छात्रों आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईया रसूल, बशीर भट, बशरत के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किए गए ।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपपत्र की कॉलम संख्या 12 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता डी राजा की पुत्री अपराजिता, जेएनयूएसयू की तत्कालीन उपाध्यक्ष शहला राशिद, राम नागा, आशुतोष कुमार और बनोज्योत्सना लाहिरी सहित कम से कम 36 अन्य लोगों के नाम हैं क्योंकि इन लोगों के खिलाफ सबूत अपर्याप्त हैं।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सुमित आनंद ने आरोप पत्र सक्षम अदालत में मंगलवार को विचार के लिए सूचीबद्ध किया। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह), 323 (किसी को चोट पहुंचाने के लिए सजा), 465 (जालसाजी के लिए सजा), 471 (फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के तौर पर इस्तेमाल करना), 143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होने के लिए सजा), 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होना), 147 (दंगा फैलाने के लिए सजा) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
आरोपपत्र में सीसीटीवी के फुटेज, मोबाइल फोन के फुटेज और दस्तावेजी प्रमाण भी हैं। पुलिस का आरोप है कि कन्हैया कुमार ने भीड़ को भारत विरोधी नारे लगाने के लिए उकसाया था।
पूरे तीन साल के बाद दिल्ली पुलिस की नींद खुलना, चुनावी माहौल में हुई इस चार्जशीट की कितनी एहमियत है ये तो केंद्र में मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस भलीभांति जानती होगी।
बता दें कि इससे पहले कन्हैया कुमार कह चुके हैं कि वे मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। कन्हैया कुमार हर मोर्चे पर सरकार को घेरते रहे हैं। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि कोर्ट क्या फैसला करती है।