Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन (23 दिसंबर किसान दिवस) पर सत्यास्मि मिशन की तरफ से स्वामी सत्येन्द्र महाराज की कविता रूपी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन (23 दिसंबर किसान दिवस) पर सत्यास्मि मिशन की तरफ से स्वामी सत्येन्द्र महाराज की कविता रूपी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

23 दिसम्बर किसान दिवस पर सत्यास्मि मिशन की और से अपनी कविता के माध्यम से सभी को शुभकामनायें देते हुए स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी..

राजनीती अर्थ किसान है
शोषण विगर्त किसान है।
सभी कुछ है धरती पर ये
कागजी योजनाओं नाम किसान है।।
भरी गर्मी या भरा हो जाड़ा
खेत सदा महनत को चाहे।
भरी बरसात मे भी खेती
अपनी मेंड़ बनानी चाहे।।
चाहे आज कृषि मशीन आ गयी
तब भी मौसम की नही दया है।
वो तो महनती का संग देता
और साथ उसमे नही दया है।।
उठो जगो और काम ही करना
आराम यहाँ नही कहा है।
काम ही काम रात दिन दोपहरी
बीमारी में भी काम दवा है।।
ब्रह्मा ने जो मनुष्य बनाये
उनमें प्रथम किसान बनाया।
धरा बना कृषक दे हलधर
वेद प्रथम यही ज्ञान बताया।।
विष्णु कृषक नाम अर्थ है
शिव भी कृषक प्रथम देव।
भगीरथ की गंगा लाने का
पितृ तारक अर्थ कृषक स्वमेव।।
महाराज रघु भी कृषि करते
और जनक ने भूमि हल चलाया।
तभी निकली धरा पुत्री सीता
राम ने चौदह वर्ष कृषक अपनाया।।
महाराज भरत ने लोकजन से चुनकर
प्रथम लोकतंत्र राज्य चलाया।
कृषक ही लोकजन था प्रथम
वही लोकतंत्र वर्तमान निभाया।।
कृष्ण भी रहे बन कृषक गोपाला
तभी गाय गोवर को दिया सम्मान।
माखन कृषक ही नित खाता
बलराम कृषक हलधर यूँ उठान।।
कर्म किसान और कृष्ण की गीता
यही मानुष को ज्ञान सिखाती।
कर्म करो फल त्याग के इच्छा
कर्म में जीवन्त भगवान दिखाती।।
23 दिसम्बर कर्म भाव को लेकर
जन्मा कृषक परिवार मसीहा।
नाम
चौधरी चरणसिंह है जिसका
सदा किसान का हित रख जीया।।
किसान ही सभी देश नींव है
किसान सभी धर्म का सार।
लोक प्रजा जन राज किसान है
करो
किसान दिवस संदेश प्रसार।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः

किसानों के मसीहा का योगदान:-

किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर, 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले में हुआ था। चौधरी चरण सिंह के पिता चौधरी मीर सिंह ने अपने नैतिक मूल्यों को विरासत में चरण सिंह को सौंपा था। चौधरी साहब ने किसानों, पिछड़ों और ग़रीबों की राजनीति की। उन्होंने खेती और गाँव को महत्व दिया। वह ग्रामीण समस्याओं को गहराई से समझते थे और अपने मुख्यमंत्रित्व तथा केन्द्र सरकार के वित्तमंत्री के कार्यकाल में उन्होंने बजट का बड़ा भाग किसानों तथा गांवों के पक्ष में रखा था। वे जातिवाद को ग़लामी की जड़ मानते थे और कहते थे कि जाति प्रथा के रहते बराबरी, संपन्नता और राष्ट्र की सुरक्षा नहीं हो सकती है। आज़ादी के बाद चौधरी चरण सिंह पूर्णत: किसानों के लिए लड़ने लगे। चौधरी चरण सिंह की मेहनत के कारण ही ‘‘जमींदारी उन्मूलन विधेयक” साल 1952 में पारित हो सका। इस एक विधेयक ने सदियों से खेतों में ख़ून पसीना बहाने वाले किसानों को जीने का मौका दिया। दृढ़ इच्छा शक्ति के धनी चौधरी चरण सिंह ने प्रदेश के 27000 पटवारियों के त्यागपत्र को स्वीकार कर ‘लेखपाल‘ पद का सृजन कर नई भर्ती करके किसानों को पटवारी आतंक से मुक्ति तो दिलाई ही, प्रशासनिक धाक भी जमाई। लेखपाल भर्ती में 18 प्रतिशत स्थान हरिजनों के लिए चौधरी चरण सिंह ने आरक्षित किया था। उत्तर प्रदेश के किसान चरण सिंह को अपना मसीहा मानने लगे थे। उन्होंने समस्त उत्तर प्रदेश में भ्रमण करते हुए कृषकों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाक़ों में कृषि मुख्य व्यवसाय था। कृषकों में सम्मान होने के कारण इन्हें किसी भी चुनाव में हार का मुख नहीं देखना पड़ा।


श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येंद्र जी महाराज
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
जय किसान जय भगवान

Follow us :

Check Also

कथित Dog Lovers ने जयेश देसाई को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी

आजकल एनिमल लवर्स का ऐसा ट्रेंड चल गया है कि जरा कुछ हो जाये लोग …

One comment

  1. Jay satya om siddhaye namah

Leave a Reply

error

Enjoy khabar 24 Express? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
YouTube
YouTube
Set Youtube Channel ID
Pinterest
Pinterest
fb-share-icon
LinkedIn
LinkedIn
Share
Instagram
Telegram
WhatsApp