सरकार के गठन से पहले लाख सवाल उठाए गए, कभी वायदों को लेकर उंगली उठाई, तो कभी मुख्यमंत्री पद को लेकर हाय तौबा मचाई, लेकिन सब देखते रह गए और कांग्रेस के तीनों राज्यों में सरकार के गठन के 10 दिनों से पहले ही कई वायदे पूरे हो गए।
अब ये काम बोलता है या फिर आने वाले चुनाव बोलते हैं लेकिन जो भी हो फायदा तीनों राज्यों की जनता का ही हुआ। दरअसल कांग्रेस ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान चुनावों में अपने मेनिफेस्टो में वायदों की झड़ी लगा दी थी। तीनों राज्यों में किसानों के कर्जामाफी का ऐलान कर दिया था।
कांग्रेस ने तीनों राज्यों में चुनाव भी जीत लिया अब सवाल था कि क्या वाकई कांग्रेस अपने किये वायदों पर खरी उतरेगी?
लेकिन जैसे ही मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने सीएम पद की सपथ ली वैसे ही 1 घंटे के अंदर किसानों की कर्ज़माफी का ऐलान कर दिया। इसके बाद तो मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कांग्रेस के मेनीफेस्टो के कई अहम वायदों को पूरा कर दिया।
अब बारी थी छत्तीसगढ़ की तो छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी किसानों के कर्जमाफी जैसे वायदे पर मोहर लगाने में देर नहीं की।
और अब बचा राजस्थान, तो चुनावी वादे को पूरा करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बुधवार को 2 लाख रुपये तक के कृषि कर्ज को माफ करने का एलान किया। इसका फायदा उन किसानों को मिलेगा जिन्होंने 30 नवंबर 2018 तक सहकारी और अन्य बैंकों से अल्पकालीन कर्ज लिया था।
किसानों की कर्जमाफी को भाजपा ने कांग्रेस पर चुनावों में फायदा लेने का आरोप लगाया :
कर्जमाफी जैसे वायदों पर भाजपा ने काँग्रेस पर राजनीति करने के आरोप लगाए। भाजपा ने आरोप लगाया कि कर्जमाफी कर वो प्रदेश के खजाने खाली कर रही है। कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए ऐसा खेल खेल रही है।
वहीं कांग्रेस ने इसका जबाव देते हुए भाजपा को कटघरे में खड़ा कर दिया। कांग्रेस ने भाजपा पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि जब मोदी लोकसभा चुनावों से पहले प्रचार कर रहे थे तो उन्होंने देश के किसानों, गरीबों, छोटे व्यापारियों, बेरोजगारों, महिलाओं से न जाने कितने अनगिनत वायदे किये थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी ने तो यहां तक झूंठ बोला कि हर किसी के एकाउंट में 15-15 लाख रुपये आ जाएंगे। लेकिन पीएम बनने के बाद मोदी का हर एक वायदा झूंठ निकला। ऊपर से जनता को महंगे पेट्रोल, महंगी चीजों, नोटबन्दी, जीएसटी जैसी अनगिनत चीजों से मार मारी वो अलग। कांग्रेस ने कहा कि हम यह नहीं कहँगे कि पिछली सरकार ने क्या किया या हमारे तीनों प्रदेशों का खजाना खाली मिला… हम अपना काम पूरी मेहनत और ईमानदारी से करेंगे और हमारे तीनों मुख्यमंत्री राज्यों को खुशहाल बनाने का काम करेंगे।
अब कांग्रेस हो या भाजपा इन दोनों की लड़ाई में असल फायदा जनता का ही हो रहा है क्योंकि भाजपा की असम सरकार ने किसानों का 25 हजार रुपये तक के कर्ज माफी का एलान कर दिया भले देर से किया हो। वहीं गुजरात सरकार ने ग्रामीण इलाकों के बिजली उपभोक्ताओं का बिल माफ करने का एलान किया था। वो उन्होंने आज कर दिया।
ख़बर 24 एक्सप्रेस
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