राजनाथ सिंह ने कश्मीर को लेकर साफ़ कर दिया है कि उनकी सरकार कश्मीर से आतंक का सफाया करके शांति बहाल करेगी। उन्होंने कहा की कश्मीर में आतंक को पैर पसारने नहीं देंगे।
मोदी सरकार के 3 साल पूरे होने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश किया। शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री ने अपनी उपलब्धियां गिनवाते हुए देश से वादा किया कि जम्मू-कश्मीर में पाक समर्थित आतंकवाद का जड़ से खात्मा कर देश में अमन-शांति स्थापित की जाएगी। राजनाथ सिंह ने दावा किया कि सरकार ने आतंकियों के खिलाफ शानदार अभियान चलाया है और मुस्लिमों की अच्छी-खासी जनसंख्या होने के बावजूद देश में इस्लामिक स्टेट को जड़ नहीं जमाने दिया है।
राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर बुकलेट भी जारी की, जिसमें मंत्रालय के कार्यों का लेखा-जोखा है। राजनाथ सिंह ने बताया कि इंडियन मुजाहिदीन के 5 आतंकियों को फांसी की सजा सुनाकर आतंक के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने जानकारी दी कि ISIS के खतरे को कंट्रोल करने में भी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है, अबतक 90 से अधिक इस्लामिक स्टेट समर्थक पकड़े गए हैं। इसके अलावा उन्होंने नक्सल और नॉर्थ ईस्ट में फैले उग्रवाद के खिलाफ भी सरकार के प्रयासों की जानकारी दी।
राजनाथ सिंह ने आंकड़े पेश कर यूपीए की तुलना में मोदी सरकार को आगे दिखाने की कोशिश की। राजनाथ सिंह ने उड़ी आतंकी हमले के बाद सितंबर 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक का फिर एक बार जिक्र किया। राजनाथ सिंह ने बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान से घुसपैठ के मामले में पिछले साल के छह महीने की तुलना में इस साल 45 फीसदी की कमी आई है।
उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। 2011-14 के दौरान 239 आतंकी मारे गए थे जबकि, 2014-17 में यह संख्या बढ़कर 368 हो गई है।’ राजनाथ सिंह ने बताया कि 1965 और 1971 के युद्ध में कश्मीरी रिफ्यूजियों के लिए 2000 करोड़ का पैकेज दिया गया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के बाहर जाकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की समस्याओं को देखते हुए सभी राज्यों में नोडल ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं।
राजनाथ सिंह ने बताया कि कश्मीर में उड़ान स्कीम के तहत भी रेकॉर्ड संख्या में युवाओं को ट्रेनिंग और रोजगार ऑफर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर में रोजगार के नए अवसर पैदा करने की कोशिश के लिए और प्रभावी कदम उठाए गए हैं।
राजनाथ सिंह ने नक्सल समस्या का भी जिक्र करते हुए इसके खिलाफ उठाए जा रहे कदमों और सफलता की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिजम (LWE) से प्रभावित राज्यों के सीएम के साथ बैठक हुई। ऐसे राज्यों में समाधान की स्ट्रैटिजी दी गई है। कामयाबी मिलेगी ऐसा पूरा विश्वास है।। 2015 में एक नैशनल पॉलिसी और ऐक्शन प्लान को भी लॉन्च किया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसे राज्यों में इन्फ्रस्ट्रक्चर के डिवेलपमेंट पर काफी जोर है।
गृहमंत्री ने आंकड़े जारी कर बताया कि रोड, एयर और मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए युद्धस्तर पर प्रयास जारी हैं। सुरक्षाबलों को मजबूत बनाने के भी तमाम प्रयास हुए हैं। लैंड बॉर्डर सिक्यॉरिटी और कोस्टल सिक्यॉरिटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राजनाथ सिंह ने इसके तहत सीमा की फैंसिंग समेत अन्य चीजों की जानकारियां दीं। इसके अलावा राजनाथ सिंह ने नॉर्थ ईस्ट में उग्रवाद पर काबू पाने के प्रयासों की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1970 से लेकर अबतक मोदी सरकार के दौरान नॉर्थ ईस्ट में सबसे कम हिंसक गतिविधियां हुईं।
नॉर्थ ईस्ट में सक्रिय UMF जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों को 5-7 साल की सजा सुना कड़ा संदेश दिया गया है। राजनाथ सिंह ने जवानों के लिए सरकार के पूरे सम्मान की बात कहते हुए कहा कि उनकी सुविधाओं का भी पूरा ख्याल रखा गया है। पहले अस्पताल में ऐडमिट जवानों को ऑन ड्यूटी नहीं माना जाता था पर अब ऐसा नहीं है। इसके अलावा शहीद जवानों की मदद के लिए भारत के वीर नाम से एक आईटी प्लैटॉर्म भी डिवेलप किया गया है।
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