अब तो हर कोई एक सवाल पूँछ रहा है दलितों पर अत्याचार कब रुकेंगे सरकार…
दलित महज़ वोट बैंक के काम आते हैं ये भाजपा की प्रदेश और केंद्र सरकार ने साबित कर दिया। सहारनपुर में दलितों से हो रहे अत्याचार पर सरकार की चुप्पी सवालों के घेरे में हैं। भाजपा की केंद्र और यूपी सरकार दलितों को लुभाने के लिए अनेनोनेक वायदे करती हैं लेकिन जब उनके ख़िलाफ़ कोई आवाज़ उठती है या कोई उत्पीड़न का मामला आता है तो सरकार आँख बंद कर लेती हैं।
यूपी हरियाणा में दलित हमेशा से ऊँची जातियों वाले लोगों के निशाने पर रहे हैं और कई बार जातीय हिंसाएं भी देखने को मिली हैं लेकिन इस बार सहारनपुर में जो हो रहा है वो सरकार की नाकामी और दलितों के खिलाफ उदासीनता को दर्शा रहा है।
कल बीएसपी सुप्रीमों मायावती सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव पहुंची जहां उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान मायावती ने दलितों के घर जले देखें तो बहुत दुख जताया। मायावती ने सीधे भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि सहारनपुर में बवाल बीजेपी ने ही कराया है। मायावती इतने पर ही नहीं रूकी उन्होंने प्रशासन को भी आड़े हाथों लिया और कहा, ‘प्रशासन ने सरकार के इशारे पर पक्षपात किया।’ मायावती ने कहा कि प्रशासन मुकदमे वापस लेकर दोनों पक्षों के हाथ मिलवाए। मायावती ने आखिर में कहा कि भाजपा नफरत फैलाना बंद करें।
वहीँ भीम सेना की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर मायावती ने दलितों को सलाह दी और कहा कि कोई भी कार्यक्रम किसी संगठन की बजाय बसपा के बैनर तले करें। किसी की हिम्मत नहीं होगी रोकने की। इसके अलावा मायावती ने पीड़ित परिवारों की मदद के लिए मुआवजे का ऐलान किया। मायावती ने कहा कि पार्टी फंड के पैसे से जिनके घर जले उनको 50 हजार रुपए और जिनका कम नुकसान हुआ है उनको 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। यह ऐलान बसपा सुप्रीमो ने शब्बीरपुर में मंच से किया। इस दौरान मायावती ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनका हाल जाना।
कल मायावती की सहारनपुर में दलितों पर हो रहे अत्याचारों के ख़िलाफ़ रैली थी। लेकिन मायावती जैसी ही रैली समाप्त करके निकली वैसे ही फिर से जातीय हिंसा शुरू हो गयी। बताते हैं कि रैली से पहले भी गाँव में दबंगों ने दलितों को धमकाया था और हिंसा भी की थी।
सूचना मिल रही है कि मायावती के कार्यक्रम से लौट रहे लोगों पर चांदपुर में हमला हो गया। एक व्यक्ति को गोली मार दी गई जबकि दो को धारदार हथियार से जख्मी कर दिया गया। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन की। इसके बाद डीएम व एसएसपी भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस मामले को शाांत कराने में लगी हुई है।
मायावती सभा खत्म करके वापस गयीं उनकी सभा से लौट रहे लोगों पर बदमाशों में घात लगाकर हमला बोल दिया जिनमें दो लोगों को गोली भी लगी और 5 लोग घायल हो गए। घटना के 1 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस खाली हाथ है। सूत्रों के मुताबिक आरोपियों को बचाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है वहीँ दूसरी ओर दलितों पर हमला करने वाले आरोपियों को सम्मानित भी किया जा रहा है। और ये सब पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है और ये सब आँख मूंदकर शांत बैठे हैं।
सरकार ने भी अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठायें हैं जातीय हिंसा में अभी तक कम से कम 7 दलितों की मौत हो चुकी है और 1 राजपूत की मौत हुई है। राजपूतों ने दलितों के घर जला दिए हैं उनकी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया, पालतू जानवरों को जला दिया जिनमें गाय भी थी। दबंग लोग दलितों पर पुलिस में ना जाने के दबाव भी बना रहे हैं। पुलिस किसी बाहरी को गाँव में प्रवेश नहीं करने दे रही है। पत्रकारों को भी नहीं जाने दिया जा रहा है।
यूपी के बुलंदशहर में डॉ भीमराव अंबेडकर जन्मोत्सव समिति ने सहारनपुर हमलों को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा, समिति के अध्यक्ष वीर सिंह गौतम ने ख़बर 24 एक्सप्रेस से कहा कि यूपी सरकार दलितों पर हो रहे अत्याचार रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है अगर ऐसा ही चलता रहा तो दलितों को अपनी जान बचाने के लिए कानून तोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा। दलित अभी शांत हैं और शांति को ये ऊँची जाति वाले डर का नाम दे रहे हैं और लगता है सरकार भी यही चाहती है कि दंगे हों लेकिन क्या दंगों में सिर्फ दलित मरेंगे?
समिति के सचिव एडवोकेट हर्ष उदयचंद्रा ने ख़बर 24 एक्सप्रेस से कहा कि दलितों पर अत्याचार, कब रोकोगे सरकार…
उन्होंने कहा कि दलितों पर हो रहे ये अत्याचार कब रुकेंगे, अगर ये नहीं रुके तो परिणाम बहुत भयंकर होंगे। देश के भीतर गृह युद्ध का माहौल बन रहा है और इन सबका जिम्मेदार सरकार का पक्षपाती रवैया, लापरवाही और उदासीनता होगी।
***
मनीष कुमार
Khabar 24 Express
Discover more from Khabar 24 Express Indias Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in Hindi, Daily News, News Headlines
Subscribe to get the latest posts sent to your email.