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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक बयान पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे गिरफ्तार, जमानत, राणे के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में प्रदर्शन

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बेजीपी नेताओं की असभ्य भाषा शायद इनकी सभ्यता बन गयी है। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बयान दिये यह पहला मौका नहीं है जब नारायण राणे मुख्यमंत्री के खिलाफ बोले हों। लेकिन इस बार उन्होंने सारी सीमाएं तोड़ दी। जिसकी वजह से उनके ऊपर कई एफआईआर दर्ज की गयी थीं।

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बता दें कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के थप्पड़ वाले बयान के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें जमानत भी मिल। राणे पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। नारायण राणे को पहले चिपलून से हिरासत में लिया गया था, उसके बाद कागजी कार्यवाही पूरी कर गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद रात को उन्हें रायगढ़ के महाड अदालत में पेश किया गया जहां उन्हें जमानत दे दी गई है।

राणे के वकील संग्राम देसाई ने कहा कि उन्हें जमानत देते हुए अदालत ने कुछ शर्तें लगाई हैं। राणे को 31 अगस्त और 13 सितंबर को पुलिस स्टेशन में हाजिर होना होगा और भविष्य में इस तरह के कृत्यों से दूर रहना होगा।

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वहीं, भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने कहा कि नारायण राणे को जमानत मिल गई है और वह 27 अगस्त से दोबारा जन आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे। 

दरअसल, राणे ने हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर एक बयान दिया था। इस बयान में उन्होंने ठाकरे की आलोचना करने के साथ ही कथित तौर पर उन्हें थप्पड़ मारने की बात कही थी। इस बयान के बाद उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी।  

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राणे को मंगलवार दोपहर हिरासत में लेने के बाद औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद रात में उन्हें रायगढ़ जिले की महाड कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री राणे के खिलाफ ठाणे के नौपाड़ा में भी एक और मामला दर्ज किया गया। ठाणे पुलिस के मुताबिक धारा 500, 505 (2), 153-बी (1) (सी) के तहत यह मामला दर्ज किया गया था।

उधर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जताई। नड्डा ने अपने ट्वीट में लिखा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे जी की गिरफ्तारी संवैधानिक मूल्यों का हनन है। इस तरह की कार्यवाही से ना तो हम डरेंगे, ना दबेंगे। भाजपा को जन-आशीर्वाद यात्रा में मिल रहे अपार समर्थन से ये लोग परेशान हैं। हम लोकतांत्रिक ढंग से लड़ते रहेंगे, यात्रा जारी रहेंगी।


लेकिन भाजपा अध्यक्ष ने राणे के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की। मतलब साफ है कि कोई कुछ भी बोले, कुछ भी बयान दे, किसी को भी मारे लेकिन भाजपा अध्यक्ष एकतरफा फैसले पर यानि अपनी पार्टी के नेता के साथ रहेंगे।

वहीं दूसरी ओर, मुंबई में राणे के बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने इस दौरान कहा कि संसद के मंत्री जो खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, ने अपने ही मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद का अपमान किया है, इसके खिलाफ हम प्रदर्शन कर रहे हैं।

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वहीं गिरफ्तारी की सूचना मिलने के फौरन बाद केंद्रीय मंत्री राणे ने रत्नागिरी कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। नारायण राणे के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज की गई थी।

राणे के बयान के बाद पूरे महाराष्ट्र में सियासी हंगामा मचा हुआ है। शिवसेना के सांसद विनायक राउत ने भाजपा नेता नारायण राणे के इस्तीफे की मांग की है। राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राणे में क्या अब भी कुछ शर्म बाकी है, यदि है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। राउत ने कहा कि राणे को संविधान के प्रति थोड़ा सम्मान दिखाना चाहिए। उन्होंने जो कहा कि राणे का बयान निंदनीय था।

हिरासत में लिए जाने से पहले नारायण राणे ने अपनी टिप्पणी को लेकर दर्ज प्राथमिकियों को चुनौती देते हुए मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध किया। अधिवक्ता अनिकेत निकम के माध्यम से दाखिल राणे की याचिका में प्राथमिकी रद्द करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया। भाजपा नेता राणे ने गिरफ्तारी या किसी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करने के लिए अंतरिम आदेश का भी अनुरोध किया।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की पीठ के समक्ष दाखिल याचिका में मंगलवार को ही तत्काल सुनवाई की मांग की गई। हालांकि, पीठ ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और कहा कि (याचिका का) उल्लेख करने की अनुमति नहीं है। पीठ ने कहा कि वकील को प्रक्रिया का पालन करना होगा। अदालत ने कहा, ‘रजिस्ट्री विभाग के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए एक अर्जी दाखिल करें और फिर हम विचार करेंगे।’ याचिका में राणे के खिलाफ पुणे, नासिक और रायगढ़ के महाड में दर्ज प्राथमिकियों को चुनौती दी गई है।  

शिवसेना व भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी एफआईआर दायर
मुंबई पुलिस ने जुहू में केंद्रीय मंत्री राणे के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पर शिवसेना व भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दो अलग अलग एफआईआर दायर की है। ये एफआईआर भादंवि और महामारी नियंत्रण कानून के तहत अलग-अलग धाराओं में दायर की गई हैं। मुंबई के कस्तूरबा मार्ग पुलिस थाने में धारा 188, 270, 34, 135 बीपी एक्ट के तहत छह लोगों के खिलाफ नामजद और 80-90 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। 

राणे से सोमवार को महाड में पत्रकारों ने सवाल पूछा था कि स्वतंत्रता दिवस के दिन दिए भाषण में सीएम अमृत महोत्सव या हीरक महोत्सव को लेकर शंका मे दिखे। इस पर उन्होंने कहा था कि ठाकरे को नहीं पता कि देश को आजादी मिले हुए कितने साल हो चुके हैं। अरे हीरक महोत्सव क्या? मैं होता तो कान के नीचे लगाता। स्वतंत्रता दिवस के बारे में आपको मालूम नहीं होना चाहिए? कितनी गुस्सा दिलाने वाली बात है यह। सरकार कौन चला रहा है, यह समझ ही नहीं आ रहा है।

खैर यह राजनीति है और आज के दौर की राजनीति में यह चलता है। नेता न जाने क्या क्या कह जाते हैं और क्या क्या कर जाते हैं लेकिन वे फिर भी माननीय ही रहते हैं। दौर है जो चल रहा है बस झेलना आपको ही है। बीज आपने ही बोया बिना फल की फसल भी आप ही काटेंगे।

रिपोर्ट : संतोष पवार
औरंगाबाद, महाराष्ट्र

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