दत्तात्रेय जयंती 2020 इस वर्ष दत्तात्रेय जयंती 29 दिसंबर दिन मंगलवार को पड़ेगी।जनसाधरण में श्रीमद्भ दत्तात्रेय जयंती को दत्त जयंती भी कहते हैं।महासती माता अनसूया की त्रिदेवियों के कहने पर त्रिदेवों ने सतित्त्व की परीक्षा लेने पर बालस्वरूप बने भगवान दत्तात्रेय को भगवान शिव, ब्रह्मा और विष्णु तीनों की प्रतिरूप माना जाता है। यो ये तीनों के बालरूप गुरुतत्व के मुलावतार माने जाते हैं।इन्होंने इस रूप में सनातन धर्म की अतुल्य व्रद्धि सम्रद्धि की है।
साथ ही इस वर्ष 2020 की मार्गशीर्ष पूर्णिमा 30 दिसंबर दिन बुधवार को है। इस दिन व्रत रखने तथा दान, पुण्य आदि का बड़ा धार्मिक महत्व होता है। पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 29 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 54 मिनट से हो रहा है, जो 30 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 57 मिनट तक है।
इस दिन क्या करें:-
1-अधिक से अधिक क्रियायोग करते हुए गुरुमंत्र जपते हुए अपनी आत्मा में स्थित अपने ही त्रिगुणों के स्वरूप अपनी आत्मा की प्रावस्था परमात्मा श्री गुरु स्वरूप का विराट ध्यान करें।
2-इस दिन अधिक से अधिक खीर बनाकर श्री दत्तात्रेय के सेवक जीव कुत्तों को खिलाएं या जिस पर खीर नहीं बने वो अधिक से अधिक कुछ भी मीठा मिठाई लेकर कुत्तों को ही खिलाएं ओर गाय को एक मोटी घी चुपड़ी रोटी के साथ एक गुड़ का टुकड़ा खिलाएं अधिक लाभ को पंक्षियों को जिमाएँ।
3-जो बने अपने गुरु आश्रम में धार्मिकता व्रद्धि को किये जा रहे कार्यो को सहयोगी दान करें।
श्री गुरु दत्तात्रेय सर्वसिद्धिदायी स्तुति
जटा जुट गेरुविक वस्त्रधारी
त्रिमुखी सर्वकल्याण निहारी।
शंख चक्र गदा त्रिशूलधारक
रुद्राक्ष माला गले जप तपधारी।।
कमल मोक्षमयी हस्त विराजे
वर आशीष दत्तात्रेय दाता।
प्रेम अभय नेत्र भक्तन करुणा
चार वेद धर्म गुरुपद ज्ञाता।।
सत्य पुरुष हो ॐ अनहद संग
सिद्धायै सृष्टि कर प्रेम व्रष्टि।
नमः लयकारी स्वयं में सर्व कर
ईं शक्ति प्रस्फुटित चतुर्थ बन तुष्टि।।
आत्मयज्ञ से चार पहर स्फुरित
फट् से विस्तारित चार दिशाओं।
स्वाहा होकर स्थूल सूक्ष्म तक
स्वीकारें मिटा विष दे आशाओं।।
जपो सिद्धासिद्ध महानामा
सत्य ॐ सिद्धायै नमः ईं फट् स्वाहा।
त्रिदेव रूप त्रिगुण गुरु दत्ता
जगे कुंडलिनी पाओ आत्मरूप अथाहा।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्तुति रचियता-
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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