पायलट हुए क्रेश, गहलोत ने संभाला विमान, और इस तरह बच गयी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार
आखिरकार उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का राजस्थान में अपनी ही सरकार गिराने का सपना हो गया क्रेश, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संभाल लिया सरकार का गिरता हुआ विमान, और इस तरह बच गयी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार। जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर पहुँचे 102 विधायक, मीडिया के सामने कराई गई विधायकों की परेड। अब सचिन पायलट के सियासी भविष्य का क्या होगा? अब सवाल यह उठता है कि क्या बीजेपी अब बेविमान हो चुके पायलट को अपनाएगी? सचिन पायलट के दावे के अनुसार उनके साथ 30 विधायक थे, तो क्या सचिन का दावा हो गया फुस…
राजधानी जयपुर में मुख्यमंत्री निवास में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडियाकर्मियों को सीएम आवास बुलाकर मौजूद विधायकों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई है। और विधायकों की परेड करवाई।
बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस के 107 विधायक है लेकिन कुल 103 विधायक मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचें।
वहीं राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि उन्हें 109 विधायकों का समर्थन हासिल है, और 109 विधायकों के साइन भी हैं। पत्र मीडिया को भी दिखाया गया।
आप तस्वीरों में देख रहे होंगे कि सभी नेता विक्ट्री साइन दिखाते नज़र आ रहे हैं।
राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 101 विधायक होने चाहिए। जबकि कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं, यानि बहुमत से 6 विधायक ज्याद। वहीं बसपा के 6 विधायक और 14 अन्य विधायक, इस तरह कुल मिलाकर कांग्रेस के पास 120 विधायक थे। लेकिन सचिन पायलट के विमान को बीजेपी ने हाइजेक कर लिया। पायलट के दावे के अनुसार उनके साथ 30 विधायक थे… लेकिन सुबह होते-होते यह संख्या 13-14 तक सीमित रह गयी।
जिनमें कई विधायक ऐसे हैं जो अब भी सचिन पायलट के बीजेपी में जाने के समर्थक नहीं हैं।
वहीं कांग्रेस पार्टी की तरफ से व्हिप जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि जो भी कांग्रेस विधायक इस बैठक में शामिल नहीं होगा, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी।
आपको बता दे कि गहलोत सरकार का संकट सुलझाने के लिए कांग्रेस की तरफ से राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडे रविवार देर रात जयपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की और कैबिनेट मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों के साथ चर्चा की थी।
रिपोर्ट : जगदीश जी तेली, ब्यूरो चीफ राजस्थान