दिल्ली की आबोहवा पूरी तरह से ज़हरीली हो चुकी है और इसका कारण हम खुद हैं। एक तो दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पहले से ही खराब था लेकिन सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद लोगों के अंदर ऐसा हिन्दू प्रेम जागा कि उन्होंने आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए दिन से ही आतिशबाजी शुरू कर दी और अगले दिन तक बेहताशा तरीके से आतिशबाजी की। लेकिन उनकी ये गलती उनकी खुद की और उनके परिवार की जान पर बन आयी। आज दिल्ली का प्रदूषण अब तक का सबसे ज्यादा खराब है। यानि प्रदूषण के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ रहा है।
आपको बता दें कि दिवाली की आतिशबाजी के धुएं से आम आदमी की सांसों पर छाया संकट तीन दिन बाद भी दूर नहीं हुआ है। आज भी दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। शुक्रवार को भी दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता थोड़ी सुधरी। लेकिन सूचकांक अब भी खतरनाक स्तर पर होने से सुबह के समय स्मॉग की मोटी चादर फैली रही, जिससे सांस लेने में भी परेशानी हो रही है।
दीवाली के अगले दिन तो दिल्ली एनसीआर में धुंध का गुबार सा छाया हुआ था।
दिल्ली-एनसीआर में हवा इतनी जहरीली हो गई है कि स्कूलों को बंद करने और ऑड-इवन लागू करने पर विचार चल रहा है। सूत्रों की मानें तो आने वाले कुछ दिनों के लिए प्रशासन स्कूल बंद कर सकता है। वहीं दिल्ली सरकार एक बार फिर ऑड-इवन लागू कर सकती है।
गौरतलब है कि हवा की गुणवत्ता की यह हालत इसके बावजूद हुई कि शुक्रवार को राजधानी की सीमाओं पर बाहर से आने वाले 400 ट्रकों को प्रवेश करने से रोक दिया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 421 बताया, जबकि सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) का सूचकांक बृहस्पतिवार को 642 की तुलना में शुक्रवार को 453 रहा। दिल्ली में सबसे खराब हवा वजीराबाद की थी। इस इलाके का सूचकांक 454 पर रहा। बाकी 35 मॉनीटरिंग स्टेशनों में भी ज्यादातर का सूचकांक 400 के ऊपर ही रहा।
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Khabar24 Express