प्राचीन मगध यानी बिहार और जिसने बिहार के इतिहास को नहीं पढ़ा तो समझ लीजिए उसने कुछ नहीं पढ़ा। बिहार के बिना आपका भारत को पढ़ने का इतिहास अधूरा रह जाएगा।
और आज इसी मगध, विहार, बिहार जिस नाम से भी आप पुकारना चाहें आज इसका स्थापना दिवस है। आज 22 मार्च है, बिहार के लिए विशेष दिन, जी हाँ आज है बिहार का स्थापना दिवस, हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है। 1912 में इसी दिन तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर बिहार बनाया था। बिहार सिर्फ़ एक राज्य ही नहीं है, बल्कि ये राज्य अपने भीतर भारत के इतिहास की जड़ें समेटे हुए है।
बता दें कि विजय शर्मा “सरोवर सेवा आश्रम” संस्था के संयोजक हैं और बिहार के लिए बहुत सारे कार्य करते हैं। उन्होंने आज बिहार दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दीं।
विजय शर्मा ने बिहार दिवस पर बिहार के सभी निवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि इतिहास काल से राष्ट्र निर्माण में बिहारवासियों का अनुकरणीय और अमूल्य योगदान रहा है। बिहार के लोग ईमानदार और मेहनती होते हैं। बिहार के लोगों ने दुनिया में अपना लोहा मनवाया है।
विजय शर्मा ने कहा कि क्या आपने कभी सोचा है कि बिहार के लोग बेरोजगारी, गरीबी, अतिवृष्टि, अनावृष्टि, बाढ़, सूखा और न जाने किन-किन परेशानियों से झूझते हैं और इस वजह से न जाने कितने लोग पलायन कर जाते हैं।
उन्होंने कहा कि बाबजूद इसके समस्यायों से घिरे बिहार का भारत के प्राचीन परम्परा से लेकर आजतक क्या योगदान रहा है।
जनक, जरासंध, कर्ण, माता सीता, कौटिल्य, महान राजा चन्द्रगुप्त, मनु, याज्ञबल्कय, मण्डन मिश्र, भारती, मैत्रेयी, कात्यानी ऋषि, महान राजा अशोक, बिन्कुसार, बिम्बिसार, से लेकर बाबू कुंवर सिंह, बिरसा मुण्डा, भारत के पहले राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद, रामधारी सिंह दिनकर, नार्गाजून और न जाने कितने महान एवं तेजस्वी पुत्र, पुत्रियों ने बिहार की मिट्टी में जन्म लेकर भारत को सांस्कृतिक पटल पर अग्रणी बनाने में बिहार के इन रत्नों ने सर्वाधिक योगदान दिया है।
“विजय शर्मा ने कहा कि जब दुनिया के बाकी हिस्सों में लोग बहुत ज्यादा पढ़ना-लिखना नहीं जानते थे, उस समय बिहार के नालंदा में विश्वविद्यालय हुआ करता था। जिसके कुलपति आर्यभट्ट थे। आर्यभट महान गणितग्य और खगोल के बड़े वैज्ञानिक थे। और इसी विश्वविद्यालय ने न जाने कितने महान, ज्ञानी, प्रख्यात रत्न दुनिया को दिए हैं”
उन्होंने कहा कि देश के प्रशासनिक सेवा में लगे आईएएस-आईपीएस सबसे ज्यादा बिहार से आते हैं। देश में सबसे ज्यादा आईआईटी के छात्र देने वाला राज्य भी बिहार ही है। बैंकिंग क्षेत्र में भी बिहार का युवा अग्रणी है। बिहार का युवा अपनी मेहनत और लगन से अपने परिवार और प्रदेश का नाम रौशन करता है।
विजय शर्मा ने बताया कि बिहार के भागलपुर को भारत का सिल्क सिटी कहा जाता है। भागलपुर का टशर सिल्क देश-दुनिया में मशहूर है। यहां का सिल्क उद्योग 200 साल पुराना है।
उन्होंने कहा कि आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन देश के कुल लीची उत्पादन में से 71 फीसदी हिस्सा बिहार से आता है। बिहार के लीची का स्वाद देश-दुनिया में मशहूर है।
विजय शर्मा ने कहा कि शायद आप नहीं जानते होंगे बिहार सबसे तेजी से विकास करने वाला राज्य है। केंद्रीय सांख्यिकी विभाग के साल 2012-13 के आंकड़ों के मुताबिक बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद यानी GSDP 15.05 है जो कि गुजरात से भी ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि केरल देश का सबसे शिक्षित राज्य भले हो, लेकिन स्नातक करने वाली लड़कियों के मामले में बिहार ने केरल को भी पछाड़ दिया है। बिहार के युवा पढ़ाई लिखाई कर सबसे ज्यादा सरकारी नौकरियों में जाते हैं।
उन्होंने कहा कि आपको जानकर हैरानी होगी, कि लोगों की नज़रों में पिछड़ा हुआ बिहार गेंहूं उत्पादन में बिहार पंजाब को भी पीछे छोड़ चुका है। इसके अलावा बिहार देश के कुल मक्का उत्पादन में 85 फीसदी का सहयोग करता है।
विजय शर्मा ने कहा कि बिहार ऐसा राज्य है जिसने देश-दुनिया को महान गणितज्ञ आर्यभट्ट दिए। चाणक्य दिए जिन्हें महान अर्थशास्त्री ही नहीं अर्थशास्त्र का ज्ञाता भी कहा जाता था। बिहार ने हमें महान राजा अशोक दिए, जिनके बनाए अशोक स्तम्भ ने देश को अशोक चक्र दिया जो आज देश की पहचान है।
विजय शर्मा ने कहा कि बिहार अपनी पहचान पहले ही स्थापित कर चुका था। बिहार बढ़ रहा है, पढ़ रहा है, अपना विकास भी तेजी से कर रहा है। लेकिन दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि बिहार के साथ जिस तरह से सौतेला व्यवहार होता है वो सही नहीं है। बिहार का युवा मेहनत से आगे बढ़ना चाहता है। उसे चाहे मजदूरी करके अपनी जीविका क्यों न चलानी पड़े। लेकिन सरकारों की बेरुखी और प्रदेश की सत्ता की नाकामयाबी बिहार को पिछड़ा बना देती है। बिहार के लोग बेरोजगारी की वजह से पलायन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार दिवस पर वो प्रदेश की नीतीश सरकार से आग्रह करना चाहते हैं कि बिहार विकास गति के पथ पर बढ़ तो रहा है लेकिन कई मामलों में अब भी पिछड़ रहा है।
बिहार पर्यटन के क्षेत्र में बहुत कुछ कर सकता है आगे निकल सकता है लेकिन चापलूसों की वजह से कुछ नहीं हो रहा है। कागजों पर यहाँ बहुत सारे कार्य होते हैं लेकिन उनकी सच्चाई उलट है। सरकार को इस ओर धरातल पर आकर ध्यान देना होगा, बिहार जिन वजहों से पिछड़ रहा है उन वजहों को दूर करना होगा।
अगर पर्यटन के क्षेत्र में और सुधार किये जाएँ तो इससे न केवल बिहार का नाम होगा बल्कि हज़ारों नए रोजगार पैदा होंगे। पलायन भी रुकेगा।
विजय शर्मा ने कहा कि बिहार को समर्द्ध बनाने के लिए सभी बिहारवासियों को आगे आना होगा और बिहार को मजबूत और सक्षम बिहार बनाना होगा।
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ख़बर 24 एक्सप्रेस