“एक के बदले 10 सर” ये हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी का नारा था लेकिन रुकिए ये नारा उन्होंने लोकसभा इलेक्शन से पहले दिया था। कांग्रेस की सरकार थी मनमोहन सिंह कमजोर प्रधानमंत्री थे क्योंकि वो पाकिस्तान को जबाव देना नहीं जानते थे। मनमोहन के समय पर पाकिस्तान ने हमारे 2 जवानों के सर काट लिए थे उस वक़्त मोदी जी ने मनमोहन सिंह को बेहद कमजोर और रिमोट से चलने वाला प्रधानमंत्री कहा था। आज फिर वही वक़्त आया है और पाकिस्तान ने एक बार फिर से वही कायराना हरकत दोहरायी है लेकिन प्रधानमंत्री आज भी नहीं बोले, तब भी नहीं बोलते थे, शहीदों के परिवार राह तकते रहे, देश जबाव का इंतजार करता रहा लेकिन कम्बख़त कोई भी चुनाव समीप नहीं था।
ये दुर्भाग्य हमारे देश का है, हम तब भी पाकिस्तान को सबूत देते थे और आज भी सबूत देते हैं हम हमेशा से सबूतों के मोहताज थे और एक वो पाकिस्तान कि मानता ही नहीं।
हमारी विदेशनीति हमेशा से ख़राब रही है, मैंने देखा है कि पाकिस्तान बेवजह भी यूएन चला जाता है अमेरिका से हमारी शिकायत करता है और उसकी शिकायत का हम जबाव भी देते हैं। लेकिन जब हमारी शिकायत होती है तो हम अमेरिका के शरण में जाते हैं वही अमेरिका जो पाकिस्तान को हथियार मुहैया करवाता है, उसे पैसे देता है, पाकिस्तान को संरक्षण देता है लेकिन फिर भी हम उसकी शरण में जाते हैं।
शरहद पार से आजकल खूब गोलाबारी हो रही है मोदी जी ने लोकसभा चुनावों से पहले कहा था कि अगर वो देश के प्रधानमंत्री होते तो वो कभी अमेरिका की शरण में ना जाते, पाकिस्तान को मुंहतोड़ जबाव देते लेकिन आज जब मौका आया है तब पीएम अपनी चुनावी सभाओं और विदेशी दौरों में व्यस्त हैं क्योंकि उन्हें अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत जो करना है। अब सवाल ये उठता है कि अर्थव्यवस्था तो मजबूत हो जायेगी भारतीय सरहद की व्यवस्था को कौन देखेगा उसको कौन मजबूत करेगा?
भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की, पाकिस्तान के कई आतंकवादियों को उसके घर में घुसकर मार दिया लेकिन उसके 2 दिनों बाद पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उलंघन करने लग गया।
यूपी चुनावों से ठीक पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान और उसके आतंकवादियों की कमर तोड़ने के लिए नोटबंदी की, इसमें कमर किसकी टूटी वो जगजाहिर है। आतंकवादियों की ना तो फंडिंग रुकी और ना वो रुके, उनके हौसले और ज्यादा बुलंद हो गए लेकिन हम वहीँ के वहीँ हैं। हम ना तब बदले थे और ना अब बदले हैं।
आखिर कब तक हम पाकिस्तान को या आतंकवाद को ऐसे ही झेलते रहेंगे क्या हम इतने कमजोर हैं कि पाकिस्तान को जबाव नहीं दे सकते?
हमने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन के दर्जा दिया हुआ है, हमने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्ते बनाये हुए हैं क्यों? हमने आजतक पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित नहीं किया, क्यों? आज शहीदों के परिवार भारत की सरकार से अपने दिल के टुकड़ों की शहादत का हिसाब मांग रहे हैं एक के बदले 10 सर लाने वाले मोदी अब दिखाई नहीं पड़ते। चुनावों से पहले मोदी जी ने अनगिनत वायदे किये थे, लेकिन वो इन तीन सालों में अपने किये उन वायदों पर वो कितने खरे उतरे हैं?
पूरा देश आपके साथ है, सभी धर्मों के लोग आपके साथ हैं, हर भारतीय देश के लिए मर मिटने को तैयार है फिर आप इतने संकुचित क्यों हो रहे हैं?
मोदी जी को आपको पाकिस्तान की कड़े शब्दों में निंदा नहीं बल्कि करवाई करनी चाहिए, निंदा तो पहले भी होती थी अब आप तो कुछ नया करिये।
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मनीष कुमार
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**** (नोट: ये आर्टिकल मनीष कुमार द्वारा लिखा गया उनका निजी आर्टिकल है। इस आर्टिकल की भाषा और शब्दों का ख़बर 24 एक्सप्रेस से कोई लेना देना नहीं है।)*****