रांची , 06 जनवरी: रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव का चारा घोटाला में साढ़े तीन साल की सज़ा सुनाई गई है। सज़ा के वक्त लालू यादव वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए जेल से ही पेश हुए। वकील के मुताबिक, लालू को साढ़े तीन साल की सज़ा हुई है और पांच लाख रूपये का जुर्माना किया है।
ख़बरो के मुताबिक, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लालू हाथ जोड़े हुए खड़े नजर आ रहे थे। इससे पहले लालू यादव की तरफ से रहम की अपील भी की गई थी। लालू यादव के वकील की तरफ से सज़ा में नरमी की अपील की गई थी। लालू यादव की बीमारी का भी हवाला दिया गया लेकिन उसको कोर्ट ने नकार दिया। बता दें कि लालू यादव इस वक्त रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं।
लालू को यह सजा विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाई गई है। वहीं मामले के अन्य दोषियों फूल चंद, महेश प्रसाद, बेक जूलियस, सुनील कुमार, सुशील कुमार, सुधीर कुमार और राजा राम को भी साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख जुर्माना लगाया गया है।
लालू को सीबीआई कोर्ट से सजा मिलने के बाद कई राजनेताओं की प्रतिक्रियायें सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और लालू के बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा कि ज्यूडिशिरी ने अपना काम कर दिया। हम सजा को पढ़ने के बाद हाई कोर्ट जाएंगे और बेल के लिए आवेदन देंगे।
जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि हम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं, बिहार की राजनीति में यह ऐतिहासिक फैसला है। साथ ही उन्होंने इसे एक अध्याय का अंत बताया है।
बताते चलें कि कोर्ट में शुक्रवार को इनकी सजा पर बहस पूरी हुई थी जबकि पांच अन्य की सजा पर बहस एक दिन पहले ही हो गई थी। लालू के वकील चितरंजन प्रसाद ने बताया कि लालू की विशेष सीबीआई जज शिवपाल सिंह की कोर्ट में वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए बिरसा मुंडा जेल से पेशी कराई गई।
चारा घोटाले का खुलासा साल 1996 में सामने आया था। मामला बिहार पशुपालन विभाग से करोड़ों रुपये के घोटाले से जुड़ा है। उस वक्त लालू यादव राज्य के सीएम थे। मामले में 90 के दशक की शुरूआत में बिहार के चाइबासा सरकारी खजाने से फर्जी बिल लगाकर 37.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है।
चारा घोटाले में कुल 950 करोड़ रुपये के गबन किए जाने का आरोप है । ‘चारा घोटाला’ मामले में कुल 56 आरोपियों के नाम शामिल हैं, जिनमें राजनेता, अफसर और चारा सप्लायर तक जुड़े हुए हैं। आपको बता दें कि इस घोटाले से जुड़े 7 आरोपियों की मौत हो चुकी है जबकि 2 सरकारी गवाह बन चुके हैं तथा 1 ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और एक आरोपी को कोर्ट से बरी किया जा चुका है।
घोटाले के आरोपियों में बिहार के दो पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र और लालूप्रसाद यादव सहित विद्यासागर निषाद, आर के राना, घ्रुव भगत, आईएए अफसर महेश प्रसाद और बेक जूलियस आदि नाम शामिल हैं। इसके अलावा कोर्ट ने मामले में लालू यादव को दोषी घोषित किया है। इसके लिए उनकी लोकसभा की सदस्यता छीन ली गयी और उन पर 11 साल तक कोई चुनाव लड़ने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।