बताया जा रहा था कि समाजवादी पार्टी में अब सब कुछ ठीक ठाक हो गया है। बाप-बेटे के बीच सभी मामलों पर सुलह भी हो गयी है और अब लगे हाथ चाचा भी साथ आ जाएंगे। लेकिन आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में ना पापा आये ना चाचा। अटकलें लगाई जा रही थीं कि पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव आज पार्टी के राष्ट्रीय महाअधिवेशन में हिस्सा ले सकते हैं उनके साथ शिवपाल यादव के भी आने की चर्चा थी लेकिन इन दोनों में से कोई नहीं पहुंचा और सारी अटकलों को विराम लगा दिया।
बाप बेटे की नाराजगी दूर हुई है कि नहीं इस पर अभी भी संशय बना हुआ है लेकिन अखिलेश यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर मुलायम सिंह यादव ने अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
ख़बर 24 एक्सप्रेस ने इस मामले पर शिवपाल यादव एवं कुछ पुराने नेताओं का पक्ष जानने की भी कोशिश की लेकिन किसी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
आपको बता दें कि अखिलेश यादव को अगले पांच साल के लिए पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। जबकि इसके पहले अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्षों का होता था। इसके लिए पार्टी के संविधान में संशोधन किया गया। जिसके प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
अखिलेश यादव के अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया में महासचिव राम गोपाल यादव को निर्वाचन अधिकारी बनाया गया। रामगोपाल ने ही एक जनवरी को भी अखिलेश को अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी। मुलायम सिंह यादव को पद से हटाकर अखिलेश को अध्यक्ष बनाया गया था।
अभी तक शिवपाल यह कहते रहे हैं कि वह मुलायम के सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने सार्वजनिक मंचों से भी कई बार कहा कि अगर अखिलेश नेताजी को अध्यक्ष का पद सौंप देते हैं तो सारी दिक्कतें खत्म हो जाएंगी।
बताया जा रहा है कि मुलायम के साथ ही शिवपाल ने भी अधिवेशन में भाग लेने पर चर्चा की थी लेकिन अंतिम समय में अपना फैसला बदल लिया।
सपा के इस राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव समेत जया बच्चन और सपा के कई बड़े नेता मौजूद थे, लेकिन कुछ नेताओं को अगर यहां किसी की कमी खल रही थी वो थी मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव की।
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