Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / बुलंदशहर में बच्चों में फैल रही रहस्यमयी बीमारी: मुंह में छाले और हाथ-पैरों पर लाल दाने, कितनी खतरनाक है ये बीमारी, इस रिपोर्ट से जानें

बुलंदशहर में बच्चों में फैल रही रहस्यमयी बीमारी: मुंह में छाले और हाथ-पैरों पर लाल दाने, कितनी खतरनाक है ये बीमारी, इस रिपोर्ट से जानें

Manish Kumar Ankur | विशेष रिपोर्ट | बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश : बुलंदशहर जिले में एक विचित्र और दर्दनाक समस्या ने माता-पिता के दिन-रात बेचैन कर दिए हैं। लगभग एक वर्ष से, 1 वर्ष से लेकर 16 वर्ष तक के बच्चों में अचानक मुंह के अंदर छाले निकलने की समस्या सामने आ रही थी। लेकिन अब यह मामला और गंभीर हो गया है — कुछ बच्चों के हाथों और पैरों पर लाल दाने या चकत्ते भी दिखाई दे रहे हैं।

मामले की संख्या लगातार बढ़ रही है और स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन को सचेत करना पड़ा है। इस रिपोर्ट में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि यह बीमारी क्या हो सकती है, इसके लक्षण क्या हैं, संभावित कारण कौन-कौन से हो सकते हैं, और बचाव व इलाज के उपाय क्या हैं।

Bulandshahr में बच्चों को छाले और लाल दाने देने वाली रहस्यमयी बीमारी


बच्चों में ये लक्षण/प्रारंभिक शिकायतें:

माता-पिता और डॉक्टरों से मिली शिकायतों के आधार पर, कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • प्रारंभ में हल्का बुखार, आमतौर पर 1–2 दिन
  • गले में खराश, बच्चे बोलने-खाने में तकलीफ़
  • मुंह के भीतरी हिस्से (जैसे जीभ, होंठ, तालु) पर छोटे-छोटे फफोले या अल्सर
  • इन छालों का दर्द इतना अधिक कि बच्चे खाने, पानी पीने से हिचकिचाते हैं
  • इसके बाद हाथों, पैरों, कभी-कभी पंजों की त्वचा पर लाल चकत्ते या दाने का उभरना
  • दाने कभी-कभी फफोले की तरह भी हो सकते हैं
  • थकान, चिड़चिड़ापन, कमजोरी जैसी सामान्य बीमारी के लक्षण

इन लक्षणों को देखकर यह स्पष्ट है कि यह केवल मुंह की समस्या नहीं है, बल्कि एक समग्र संक्रमण या त्वचा-प्रतिक्रिया हो सकती है।


संभावित बीमारी: क्या यह HFMD (Hand-Foot-Mouth Disease) हो सकती है?

जब तक जांच नहीं हो जाती, यह निश्चित कहना मुश्किल है, लेकिन बहुत से विशेषज्ञ यह मानते हैं कि HFMD (हैंड-फुट-माउथ डिजीज़) एक प्रमुख संभावना हो सकती है।

HFMD क्या है?

  • यह एक वायरल संक्रमण है, जो Enterovirus समूह (विशेषकर Coxsackievirus A16, Enterovirus 71 इत्यादि) से होता है।
  • संक्रमण मुख्यतः बच्चों में अधिक देखा जाता है, विशेषकर 5 वर्ष से कम उम्र वालों में।
  • यह आमतौर पर हल्का और आत्म-सीमित (self-limiting) होता है — 7 से 10 दिनों के भीतर लक्षण ठीक हो जाते हैं।
  • लेकिन कभी-कभी जटिलताएँ भी हो सकती हैं, विशेषकर यदि रोगी पहले से कमजोर हो या इम्यून सिस्टम कमजोर हो।

HFMD के लक्षणों का मिलान:

इन बिंदुओं से बच्चों में दिख रहे लक्षण HFMD से काफी मेल खाते हैं:

बच्चों में देखे जा रहे लक्षणHFMD में आम लक्षणटिप्पणी
मुंह में छालेमुँह के अंदर फफोले, अल्सर बनते हैं✔️
हाथ-पैरों पर लाल दानेहाथों और पैरों पर त्वचा पर दाने / चकत्ते (papulovesicular rash)✔️
एक साथ कई बच्चों में फैलनाHFMD प्रकोप के दौरान तेजी से फैल सकता है✔️
उम्र 1–16 वर्षआमतौर पर छोटी उम्र में होता है, लेकिन बड़े बच्चों में भी संभव✔️

भारत में हाल के वर्षों में HFMD के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है, खासकर बरसात और मॉनसून के मौसम में। दिल्ली-एनसीआर समेत कई इलाकों में इसके प्रकोप की पुष्टि हो चुकी है।


केमिकल / रसायन कारणों की संभावनाएँ: कितनी यथार्थ?

माता-पिता और स्थानीय लोगों में यह चिंता भी है कि कहीं यह समस्या फलों या खाद्य पदार्थों पर प्रयुक्त रसायनों की वजह से तो नहीं हो रही है।

हालांकि ऐसा संभव है कि किसी रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण मुंह में छाले हो जाएं, लेकिन यदि बड़ी संख्या में बच्चे एक साथ प्रभावित हो रहे हैं, तो यह अधिकतर संक्रमण (वायरल) का संकेत होता है। रसायनों से होने वाली समस्या सामान्यतः कुछ ही मामलों तक सीमित रहती है। इसलिए यह संभावना कम मानी जा रही है कि केवल फलों के कारण इतने अधिक बच्चों में एक जैसी समस्या देखी जा रही है।


क्या जांच हो सकती है? — निदान और मार्ग

स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टरों द्वारा निम्न प्रकार की जाँच की जा सकती है:

  1. क्लिनिकल जांच: लक्षणों को देखकर प्रारंभिक पहचान।
  2. थ्रोट स्वैब / मल परीक्षण: वायरस की पहचान के लिए।
  3. रक्त परीक्षण: संक्रमण की पुष्टि के लिए।
  4. त्वचा या दाने का परीक्षण: गंभीर मामलों में वायरस की प्रकृति जानने हेतु।
  5. स्रोत जांच: यदि प्रकोप हो, तो स्कूल, पानी या फल स्रोतों की जांच।


बचाव, देखभाल और इलाज: क्या करें?

उपचार:

  • कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है, इलाज मुख्यतः लक्षणों को कम करने वाला होता है।
  • दर्द और बुखार के लिए पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन (डॉक्टर की सलाह से)।
  • ठंडे तरल पदार्थ और नरम भोजन दें।
  • मुँह की सफाई और हल्के नमक पानी से कुल्ला कराएं।
  • पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ दें।

बचाव:

  • बच्चों को बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
  • संक्रमित बच्चों को स्कूल से कुछ दिन दूर रखें।
  • खिलौनों और सतहों को साफ और डिसइन्फेक्ट करें।
  • फल-सब्जियों को अच्छी तरह धोकर ही खिलाएं।
  • भीड़भाड़ वाले स्थानों से बच्चों को दूर रखें।


क्या बुलंदशहर में मामला HFMD का हो सकता है?

हाँ, यह पूरी तरह संभव है। मुंह में छाले, हाथ-पैरों पर दाने और कई बच्चों में एक साथ फैलाव — ये सब HFMD प्रकोप के लक्षण हैं।
हालांकि, अंतिम पुष्टि के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रयोगशाला जांच आवश्यक है। यदि यह HFMD है, तो अधिकतर बच्चे 7–10 दिनों में ठीक हो जाते हैं। लेकिन गंभीर लक्षणों की स्थिति में तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।


एक्सक्लूसिव रिपोर्ट : मनीष कुमार अंकुर, खबर 24 एक्सप्रेस


Discover more from Khabar 24 Express Indias Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in Hindi, Daily News, News Headlines

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Check Also

दिवाळीनंतर दोन दिवसांत आचारसंहिता लागू होण्याची शक्यता; नगराध्यक्षपद आरक्षण जाहीर

दिवाळीनंतर दोन दिवसांत आचारसंहिता लागू होण्याची शक्यता; नगराध्यक्षपद आरक्षण जाहीर

Leave a Reply