राजस्थान के जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ में एक किसान के खेत से निकली जलधारा में चौंकाना वाला खुलासा हुआ है। भूवैज्ञानिकों की टीम इस पानी को बीस लाख साल पुराना मान रही है, उसकी वजह यह है कि इस पानी के साथ जो मिट्टी आई, वो टर्सरी काल की चट्टानों की मिट्टी है। मौके पर जांच करने वाले भू वैज्ञानिक नारायण इन्किया का कहना है कि हो सकता है ये चट्टानें और पानी समंदर से मरूस्थल में तब्दील होने के दौरान का हो। एक धारणा ये भी है कि यह इलाका 20 से 50 लाख साल पहले पूरा समंदर था। यह भूर्भगीय परिवर्तन से रेगिस्तान में बदला। हालांकि पानी के सैंपल की विस्तृत जांच होगी तब पूरी तरह तस्वीर साफ होगी।
बता दें कि जैसलमेर के नहरी क्षेत्र मोहनगढ़ में शनिवार को एक ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान अचानक जमीन धंसने से बोरवेल मशीन गड्ढे में धंस गई और जमीन से पानी निकलने लगा था जिसे देखकर लोगों में डर का माहौल व्याप्त हो गया था। इतना ही नहीं जलधारा निकलने के बाद पूरा इलाका नेशनल न्यूज बन गया था। लोग दूर दूर से इसे देखने के लिए आ रहे थे।
वहीं जलधारा इतनी तेज थी कि ऐसा लग रहा था कि अगर ये कुछ दिन और ऐसे ही फूटती रही तो यहां इलाके में बाढ़ जैसी स्थित उत्पन्न हो जाती। क्योंकि रेत में पानी जल्दी से सूखता नहीं है और कीचड़ का रूप ले लेता है।
खैर गनीमत रही कि इस जलधारा को अथक प्रयासों के बाद रोक दिया गया।
लेकिन अब इसमें चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। क्या वाकई ये पानी 20 लाख साल पुराना है।
अब ये बात पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
ब्यूरो रिपोर्ट : जगदीश तेली (राजस्थान हेड)