विश्व श्रवण या सुनने की शक्ति दिवस प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को विश्व भर में सरकारी और गैरसरकारी संगठनों के द्धारा संयुक्तराष्ट के अनुसार बड़े विस्तार रूप से मनाया जाता है।इस दिन श्रवण शक्ति खोये लोगो यानी जिन्हें बहरापन और सुनवाई की हानि हुई है उसे रोकने के संदर्भ में और दुनिया भर में कान और सुनवाई देखभाल को बढ़ावा देने के बारे में सभी प्रकार्तिक ओर वैज्ञानिक ज्ञान व उपकरणों के उपयोग आदि से जागरूकता को बढ़ावा दिया जाता है। 2021 विश्व श्रवण दिवस का विषय पर स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी की ज्ञान कविता इस प्रकार से है की,
सुनना भी सीखों- कविता
कान बैठते आज जा रहे
आवाज खोते जा रहे बिन सुने।
जोर डाल रहे दिमाग अपने
की क्या कहा आपने बिन गुने।।
सुनना भी एक महान कला है
जो आज भूल गए लगभग लोग।
बस कहना दूजे को सुन बिन
ओर कह उठना सुनते नहीं लोग।।
मैं हूँ मिटता सुनने से बढ़ गुण
धैर्य आता शांति के संग।
परखना आता जिंदगी के चहरे
पढ़ना आता दुख सुख के रंग।।
बैठना आता संगत बढ़ दुनियां
चहचहाते पंछी ओर बच्चों को सुन।
‘तुम’ भी हो,आगे हो जाता
पीछे रह जाता मैं अहंकारी घुन।।
ये न सोचो हम रह गए सुनकर
न करो झाड़ बात कुत्ते के कान।
न अहं लाओ की हम सुनते सबकी
पर करते मनचाही निज रख मान।।
वाचा उपांशु ओर मानस बोलें
ओर बोलें अजपा से अनहद।
मौन में भी बोलें सुनने को ही
तब बोले से उच्च है सुनने की हद।।
खो चुके जो श्रवण शक्ति
उनसे पूछो श्रवणता का मूल्य।
बस ताक चहरे तुम कर कोशिश
अंदर झेलते अपमान का शूल्य।।
यो कभी न बजाओ संगीत तेज कर
न करो बजाओ वाहन यंत्र शोर।
विवाह उत्सव में नहीं तेज बजाएं
सहयोग दें मिटा ध्वनि प्रदूषण घोर।।
बेशक़ आज उपकरण श्रवण हैं
जिनसे मिटी श्रवणता की रोध।
पर ऐसी नोबत लाये क्यों हम
जो खोएं श्रवण शक्ति का बोध।।
ओर ना करो कभी श्रवणहीन का
किसी भी प्रकार उपेक्षित तिरष्कार।
सदा करो सहायता सोच ये
कभी तुम भी पड़े इस कमी सरोकार।।
यो नित्य करो पफ़स्सि व्यायाम
ओर करो अभ्यास रेहीक्रियायोग।
ध्यान दो आचार व्यवहार शुद्ध
यो सदा रहो हर दोष निरोग।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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