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आखिरकार अर्थव्यवस्था को लेकर अरुण जेटली को क्यों देनी पढ़ी सफ़ाई

 

 

 

तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का टैग छिनने पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सफाई दी है। जेटली ने पुरानी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमें विरासत में भ्रष्टाचार मिला था, जिसका हमने खात्मा किया है। पुरानी सरकार में फैसले लेने की क्षमता पर सवाल उठाते हुए जेटली ने कहा कि आज हमारी सरकार ने कई कठिन फैसले लिए हैं।

जेटली के मुताबिक पुरानी व्यवस्था को बदलने की बाद भारत की साख मजबूत हुई है। इस वजह से दुनिया में भारत के लिए भरोसा पैदा हुआ है और विदेशी निवेश के क्षेत्र में कई सुधार हुए हैं।

इस बीच वैश्विक मंदी को भी जेटली ने जीडीपी की धीमी रफ्तार के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि भारत की जीडीपी पर वैश्विक मंदी का असर पड़ा है। जेटली ने कहा कि पिछले तीन सालों में दो साल तक मॉनसून खराब रहा है।

दरअसल, भारत से कहीं ज्यादा तेजी से पड़ोसी देश चीन की जीडीपी दर बढ़ रही है। ये आंकड़े साल 2017 के पहले तिमाही के हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ दर 6.1फीसदी रही, तो चीन की जीडीपी ग्रोथ दर 6.9 प्रतिशत रही। केंद्र सरकार ने ये आंकड़े जारी किए हैं, जो कि देश के विकास के लिए ज्यादा अच्छी खबर नहीं लेकर आएं हैं।

नरेंद्र मोदी सरकार के लिए जीडीपी के नए आंकड़ों से निराशा हाथ हुई हैं। इस साल की तिमाही को छोड़ भी दें, तो पिछले साल यानि 2016 में देश की जीडीपी 7.1 फीसदी की दर से बढ़ी, जो 8 फीसदी के अनुमानित दर से कम की रही। विदेशी समाचार एजेंसी रायटर्स के पोल में शामिल 35 अर्थशास्त्रियों ने अंदाजा लगाया था कि देश की जीडीपी पिछले तिमाही में 7.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जो लगभग सटीक रहा।


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