महाराष्ट्र के समाज कल्याण विभाग में एक चौंकाने वाला भ्रष्टाचार मामला सामने आया है। दिव्यांगों के अधिकार और सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए भाजपा के युवा नेता और दिव्यांगों के लिए काम करने वाले Ammol D Walkke ने विभाग के कई अधिकारियों पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं।
पुणे में गड़बड़ियों का खुलासा, जांच के आदेश जारी
पुणे की समाज कल्याण आयुक्त दीपा मुधोल (मुंडे) ने सहायक आयुक्त सुकैशिनी तेलगोटे के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि उनके कार्यालय में सरकारी रिकॉर्ड में भारी गड़बड़ी, छात्रावास प्रबंधन में अनियमितताएं और आर्थिक भ्रष्टाचार हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके सहयोगी पवन अहिरकर और रामटेके ने भी इस पूरे मामले में संदिग्ध भूमिका निभाई।
“दिव्यांगों का पैसा खाया जा रहा है” – Ammol Walkke
इस खुलासे के बाद भाजपा नेता Ammol D Walkke ने कहा कि विभाग के कुछ अधिकारी दिव्यांगों के हक का पैसा खुद की जेब में भर रहे हैं।
उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा
“महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार दिव्यांगों के लिए गंभीरता से काम कर रही है, लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारी सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। यह बेहद शर्मनाक है। एक ओर दिव्यांग समाज मदद का इंतजार कर रहा है, वहीं ये अधिकारी उनका हक छीनकर अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।“
जांच में कई और अनियमितताएं भी आईं सामने
इस मामले में दैनिक एडवेंचर न्यूज के संपादक रवींद्र कोटम्बकर ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी। जांच समिति ने पूरी जांच रिपोर्ट तैयार कर क्षेत्रीय उपायुक्त प्रसाद कुलकर्णी को सौंपी है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह रिपोर्ट निष्पक्ष तरीके से सरकार तक पहुंचेगी या दबाव में इसे बदल दिया जाएगा?
इसी जांच में दलित कर्मचारियों के साथ भेदभाव और खाद्य ठेकेदारों के साथ अनुचित व्यवहार जैसे मामले भी उजागर हुए हैं।
पारदर्शिता और न्याय के लिए अहम केस
यह मामला सिर्फ विभागीय भ्रष्टाचार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में न्याय, पारदर्शिता और जवाबदेही की बुनियादी मांग को सामने लाता है। दिव्यांगों का पैसा हड़पने जैसे अपराधों के खिलाफ कार्रवाई ना हुई, तो यह जनता के विश्वास पर गहरा प्रहार होगा।
Ammol D Walkke और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की है कि ऐसे अधिकारियों पर तुरंत सख्त कार्रवाई हो ताकि दिव्यांगों के अधिकारों और सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता बनी रहे।
और अंत में
इस घोटाले ने महाराष्ट्र समाज कल्याण विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठा दिए हैं। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार इन आरोपों को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या दिव्यांगों के हक के लिए न्याय सुनिश्चित हो पाएगा।
Bureau Report : Akash Dhake, Pune
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