Bureau Report Jagdish Teli : राजस्थान में खांसी की दवा बच्चों के लिए अब जानलेवा साबित हो रही है। भरतपुर और सीकर के बाद राजधानी जयपुर में भी एक दो साल की बच्ची की हालत डेक्सट्रोमेथॉरफन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप लेने के बाद अचानक बिगड़ गई।
सीकर जिले में इसी सिरप के सेवन से पांच साल के बच्चे की मौत हो चुकी है। लगातार सामने आ रहे मामलों के बाद सरकार ने तत्काल प्रभाव से इस दवा की सप्लाई पर रोक लगा दी है और जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

खांसी की दवा से बिगड़ रही बच्चों की तबीयत
भरतपुर, सीकर और अब जयपुर में कई बच्चों की तबीयत इस खांसी की दवा के सेवन के बाद अचानक बिगड़ने लगी। जयपुर में दो साल की बच्ची को सिरप देने के बाद उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यही दवा पहले भरतपुर और श्रीमाधोपुर (सीकर) में बीमार बच्चों को भी दी गई थी।
मामला तब गंभीर हुआ जब सीकर के खोरी ब्राह्मणान गांव में पांच साल के नितियांस की इस सिरप के सेवन के बाद हालत बिगड़ी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद प्रदेशभर में इस सिरप को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कई जिलों से इस सिरप के सेवन के बाद बच्चों की हालत खराब होने की शिकायतें सामने आ रही हैं।
सरकार ने रोकी सप्लाई, जांच शुरू
मामले की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने इस खांसी के सिरप की सप्लाई पर तत्काल रोक लगा दी है। सभी जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और औषधि भंडारगृहों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक के मुताबिक, प्रभावित जिलों से दवा के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
वयस्कों के लिए सुरक्षित, बच्चों के लिए जानलेवा
चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया है कि डेक्सट्रोमेथॉरफन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप केवल वयस्कों के लिए सुरक्षित है और चार साल से कम उम्र के बच्चों को देना खतरनाक हो सकता है। जिन सभी बच्चों की तबीयत बिगड़ी है, वे चार साल से कम उम्र के हैं। भरतपुर के एक अस्पताल में एक चिकित्सक ने भी इस सिरप का सेवन किया और उनकी तबीयत बिगड़ गई।
स्थानीय कंपनी पर सवाल
जानकारी के मुताबिक, यह सिरप जयपुर की कायसन्स फार्मा कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है, जिसकी यूनिट सरना डूंगर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है। जैसे ही मामला सामने आया, राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड (RMSCL) ने इस कंपनी की सिरप की राज्यभर में सप्लाई रोक दी।
आरएमएससीएल के कार्यकारी निदेशक जयसिंह ने बताया कि दो बैचों की जांच जारी है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी बैचों की सप्लाई रोक दी गई है। जांच रिपोर्ट आने तक न तो यह सिरप वितरित होगा और न ही अस्पतालों में इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
स्वास्थ्य तंत्र पर उठे सवाल
इस घटना ने राज्य के स्वास्थ्य ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कैसे ऐसी दवा बच्चों को दी जा रही थी जो उनके लिए सुरक्षित ही नहीं थी? जांच जारी है, लेकिन अभिभावकों में डर और गुस्सा साफ देखा जा रहा है। लोग मांग कर रहे हैं कि जिम्मेदार कंपनी और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
और अंत में…
राजस्थान में खांसी की दवा बच्चों के लिए अब मौत का कारण बन रही है। सरकार ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन यह मामला साफ करता है कि दवा वितरण प्रणाली में भारी लापरवाही हुई है। जब तक जांच पूरी नहीं होती, अभिभावकों को बच्चों को बिना चिकित्सकीय परामर्श कोई भी सिरप देने से बचना चाहिए।
ब्यूरो रिपोर्ट : जगदीश तेली, राजस्थान
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