भोजपुरी सुपरस्टार Pawan Singh एक बार फिर सुर्खियों में हैं और इस बार वजह उनका कोई फिल्मी गाना नहीं, बल्कि सियासी कदम है। भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी ताज़ा मुलाकात ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। अब बड़ा सवाल उठ रहा है, क्या भोजपुरी स्टार पवन सिंह BJP में वापसी करने जा रहे हैं?
BJP नेताओं के साथ मुलाकात से तेज हुई अटकलें
भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रिय चेहरे पवन सिंह ने हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और सांसद उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। मंगलवार को हुई इस बैठक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में नए समीकरणों की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
बैठक के बाद विनोद तावड़े ने बड़ा बयान देते हुए कहा, “पवन सिंह BJP में ही हैं और आने वाले समय में पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर सक्रिय भूमिका निभाएंगे।” वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने भी उन्हें शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया।

BJP और Pawan Singh के रिश्तों में फिर से गर्माहट
पिछले कुछ महीनों से पवन सिंह और भाजपा के रिश्तों में दरार की खबरें सामने आ रही थीं। केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के बयान के बाद यह दूरी और बढ़ गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा ने टिकट देने के बावजूद पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और फिर किसी अन्य दल से भी टिकट नहीं मिला।
गौरतलब है कि बीते लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने पवन सिंह को आसनसोल से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन उन्होंने अगले ही दिन चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने काराकाट सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान किया। इस फैसले से एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा की रणनीति: भोजपुरी वोटबैंक साधने की कोशिश
इस हार के बाद कुशवाहा समाज और भोजपुरी मतदाताओं में भाजपा के प्रति नाराज़गी देखने को मिली थी। अब जब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 करीब हैं, भाजपा एक बार फिर उस नाराज़गी को दूर करने और भोजपुरी वोटबैंक को साधने की रणनीति पर काम करती दिख रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पवन सिंह जैसे बड़े भोजपुरी स्टार की वापसी भाजपा के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। उनके पास न केवल भोजपुरी क्षेत्र में अपार लोकप्रियता है बल्कि युवाओं और ग्रामीण इलाकों में भी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है।
बड़ा सवाल: क्या BJP में वापसी करेंगे पवन सिंह?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है – क्या यह मुलाकात पवन सिंह की भाजपा में दोबारा एंट्री का संकेत है, या फिर यह सिर्फ एक रणनीतिक मुलाकात थी? इसका जवाब आने वाले समय में ही मिलेगा।
लेकिन एक बात साफ है – पवन सिंह और भाजपा नेताओं की इस मुलाकात के बाद बिहार की सियासत में सरगर्मी तेज हो गई है और सभी की निगाहें अब इस सुपरस्टार के अगले राजनीतिक कदम पर टिकी हैं।
Bureau Report : Khabar 24 Express
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