भारत के कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा पन्ना अब पलटने जा रहा है।
कभी हर आम भारतीय के सपनों से जुड़ा नाम रहा सहारा ग्रुप, अब किसी और के हाथों में जाने की कगार पर है। ताज़ा जानकारी के मुताबिक, सुब्रत रॉय की बनाई इस विशाल विरासत को Adani Properties Pvt. Ltd. को बेचने की तैयारी चल रही है, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट से औपचारिक मंजूरी भी मांगी गई है।
“एम्बी वैली से लेकर सहारा सिटी तक – देश की चर्चित रियल एस्टेट संपत्तियों की डील पर टिकी सबकी निगाहें”

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई याचिका
Sahara India Commercial Corporation Ltd. (SICCL) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी है, जिसमें कहा गया है कि वह अपनी प्रमुख संपत्तियों – महाराष्ट्र की एम्बी वैली और लखनऊ की सहारा सिटी समेत कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स – को अडानी ग्रुप को बेचना चाहता है।
इस याचिका पर सुनवाई 14 अक्टूबर को होने की संभावना है।
निवेशकों का दबाव और रिफंड की चुनौती
सहारा ग्रुप पर लंबे समय से निवेशकों का पैसा लौटाने का भारी दबाव है। अदालत में दी गई जानकारी के अनुसार, 24,030 करोड़ रुपये की मूल राशि में से सहारा अब तक लगभग 16,000 करोड़ रुपये जुटा चुका है और इसे SEBI-Sahara Refund Account में जमा भी कर चुका है।
अब बाकी रकम जुटाने के लिए कंपनी ने अंतिम विकल्प के तौर पर अडानी ग्रुप को खरीदार के रूप में चुना है।
सुब्रत रॉय के निधन के बाद बदला परिदृश्य
नवंबर 2023 में सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के निधन के बाद कंपनी की स्थिति और भी जटिल हो गई। याचिका में कहा गया है कि रॉय के परिवार के सदस्य कंपनी के दैनिक संचालन में शामिल नहीं थे। लेकिन निवेशकों का पैसा लौटाने और अदालत के आदेशों का पालन करने के लिए उन्होंने संपत्तियों को सबसे अधिक कीमत पर जल्द से जल्द बेचने का फैसला किया है।
जांच और मुकदमों से जटिल हुई डील
SICCL ने अदालत को बताया कि जांच एजेंसियों द्वारा रॉय के परिवार और अधिकारियों से पूछताछ ने पूरी प्रक्रिया को और पेचीदा बना दिया है। कई मुकदमों और जांचों के कारण संभावित खरीदारों का भरोसा कमजोर पड़ा, जिससे प्रॉपर्टी की कीमतों और डील पर भी असर हुआ।
इसके अलावा, रॉय की मौत के बाद कुछ लोगों द्वारा बिना अधिकार पुराने बोर्ड फैसलों के आधार पर संपत्तियां बेचने की कोशिश भी की गई, जिसे रोकने के लिए कंपनी को अदालत का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा।
अब निगाहें 14 अक्टूबर पर
अब सभी की निगाहें 14 अक्टूबर को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं।
अगर अदालत से मंजूरी मिल जाती है, तो भारत के सबसे चर्चित रियल एस्टेट साम्राज्य पर अडानी ग्रुप का कब्जा तय माना जा रहा है।
यह सिर्फ एक बिजनेस डील नहीं, बल्कि भारत के कॉर्पोरेट परिदृश्य में नए युग की शुरुआत होगी।
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