Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / जब शिक्षा व्यापार बन जाये तो सरकारी स्कूल दम तोड़ने लगते हैं, शिक्षा के व्यापारीकरण से तहस नहस होती भारत की शिक्षा प्रणाली

जब शिक्षा व्यापार बन जाये तो सरकारी स्कूल दम तोड़ने लगते हैं, शिक्षा के व्यापारीकरण से तहस नहस होती भारत की शिक्षा प्रणाली

आज जिस तेजी से शिक्षा का व्यापारीकरण हो रहा है उतनी ही तेजी से सरकारी शिक्षा व्यवस्था दम तोड़ रही है।
सरकारी शिक्षा व्यवस्था की कभी पहचान रहे प्राइमरी स्कूल आज दम तोड़ रहे हैं। इसके लिए जितनी सरकार दोषी है उससे ज्यादा कहीं हम दोषी हैं।

खबर राजस्थान से है जहां रामेश्वर जोशी की यह रिपोर्ट प्राइमरी स्कूल में दी जा रही शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है।

डोडियार फला पिंडावल का राजकीय प्राथमिक विद्यालय अपनी हालत पर रो रहा है। यहां पढ़ाने के नाम पर महज़ एक शिक्षक हैं, उनपर कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 तक के छात्रों को पढ़ाने का भार है। स्कूल में न तो बच्चों के लिए पीने के लिए साफ पानी है और न ही स्कूल में साफ सफाई है।
इन सबका कारण है वहां के खुद स्थानीय निवासी और ग्राम पंचायत। वहां के कुछ स्थानीय निवासियों ने प्राथमिक स्कूल को गोबरशाल बना कर रख दिया है। स्कूल परिसर में वाकायदा उपले पाथे जाते हैं। स्कूल के आस पास गंदगी का ढेर लगाया जाता है। जब वहां के लोगों की मानसिकता ऐसी होगी तो शिक्षा किसको दी जाएगी?

डोडियार फला पिंडावल का राजकीय प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को पानी की व्यवस्था है ना अध्यापकों की व्यवस्था है और ना ही स्कूल में साफ सफाई है। हमारे संवाददाता रामेश्वर जोशी जब पाठशाला पहुंचे तो वहां पर उन्होंने देखा कि स्कूल के ग्राउंड में गोबर के उपले पड़े हुए हैं और स्कूल ग्राउंड में पूरी तरह से गंदे की फैली हुई है। अध्यापक से बात हुई तो अध्यापक कहना है कि “मैं पहली कक्षा से पांचवी कक्षा के सारे बच्चों को एक साथ पढ़ाता हूँ।” जब बच्चों के अभिभावकों से बात की तो उन्होंने बताया कि स्कूल में पानी पीने की तक व्यवस्था नहीं है, बच्चों को जब प्यास लगती है तो बच्चे स्कूल से घर पानी पीने आते हैं फिर वापस स्कूल जाते हैं। बच्चों की पढ़ाई को लेकर कोई भी कार्य नहीं किया जाता है पिंडावल ग्राम पंचायत के सरपंच “कमल मीणा” से हमारे संवाददाता ने बात की थी उन्होंने बोला है कि ‘मैंने गोबर के सारे अतिक्रमण में हटा दिए थे फिर भी गांव वासियों ने वापस से वैसा ही शुरू कर दिया।’


आप इस वीडियो में देख सकते हैं स्कूल की बाउंड्री के अंदर कितनी गोबर और उपले पड़े हुए हैं। और स्कूली बच्चे उसी गंदगी में खेल रहे हैं।
स्कूल में हैडपम्प भी लगा हुआ है लेकिन वो काफी वक्त से खराब है। जब अध्यापक को इसके बारे में बात की थी उन्होंने कहा कि हमने ग्राम पंचायत में कितनी बार शिकायत दी लेकिन अभी तक कोई मरम्मत करने नहीं आया है।
एक तरफ शिक्षा को लेकर सरकार प्रचार पर करोड़ों अरबों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन सरकारी स्कूल के साथ इस तरह का सौतेला व्यवहार?
क्या गरीब बच्चों को शिक्षा का अधिकार नहीं है?

शिक्षा व्यवस्था का सच उगलती पिंडावल साबला से रामेश्वर जोशी की यह रिपोर्ट देखें…

Follow us :

Check Also

कथित Dog Lovers ने जयेश देसाई को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी

आजकल एनिमल लवर्स का ऐसा ट्रेंड चल गया है कि जरा कुछ हो जाये लोग …

Leave a Reply

error

Enjoy khabar 24 Express? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
YouTube
YouTube
Pinterest
Pinterest
fb-share-icon
LinkedIn
LinkedIn
Share
Instagram
Telegram
WhatsApp