बता दें कि रविवार को धमकी भरा पत्र सामने आने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
मथुरा में धमकी भरे पत्र ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। शनिवार रात को मालगोदाम रोड पर रेलवे के स्कूल पर धमकी भरा पत्र चस्पा था। जिसमें देश के प्रमुख मंदिरों को 48 घंटे में उड़ाने की धमकी दी गई। कुछ राहगीरों ने इसकी जानकारी रेलवे पुलिस को दी। राहगीरों ने रेलवे पुलिस को बताया था कि पोस्टर में मथुरा, वृंदावन, वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या के मंदिरों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इस धमकी भर पत्र में कहा गया है कि 8 मई से 13 मई तक धमाके किए जाएंगे। इस सूचना से पुलिस में हड़कंप मच गया। रेलवे पुलिस के साथ कोतवाली और हाइवे पुलिस मौके पर पहुंची। कई जगह चेकिंग भी की गई।
एसपी ज्ञानवापी शैलेंद्र राय ने बताया कि धमकी भरे पत्र के बारे में जानकारी मिलने पर काशी विश्वनाथ परिसर के रेड जोन में तैनात पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ के जवानों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है।
खुफिया विभाग की टीमें शरारती तत्वों और संदिग्धों पर नजर रख रही हैं। ललिता घाट स्थित पशुपतिनाथ मंदिर पर भी सुरक्ष बढ़ा दी गई है। लोगों से भी संदिग्ध व्यक्ति पर नजर रखने और पुलिस को सूचना देने को कहा गया है।
बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद को लेकर दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई 10 मई को होगी। हाईकोर्ट की जस्टिस संगीता चंद्रा की कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगी। इस याचिका के जरिए काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट और अंजुमन इस्लामिया वाराणसी के बीच मुकदमे में 1947 की स्थिति बहाल रखने एवं एक अंश ही मस्जिद रखने, शेष मंदिर के उपयोग में रहने के एडीजे वाराणसी के 23 सितम्बर 1998 और 10 अक्टूबर 1997 के आदेश को सुन्नी सेन्ट्रल बोर्ड ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।