सरकार की नाक के नीचे साइबर फ्रॉड हो रहे हैं। साइबर ठगी करने वालों ने ठगी करने के नए-नए तरीके खोज लिए हैं। लेकिन सरकार इनका कुछ नहीं कर पा रही है। फ्रॉड करने वालों का कहना है कि पकड़े भी जायेंगे तो क्या? कुछ दिन बाद फिर से छूट जायेंगे। उनका कहना है कि केवल हम ही नहीं हैं, बहुत सारे हैं, किस किस को पकड़ोगे?
मतलब, देखिए!! हौसले कितने बुलंद हैं। और बुलंद हो भी क्यों न। जब लोग अपने साथ हुए कथित फ्रॉड की शिकायत लेकर पुलिस थाने जाते हैं तो पुलिस उन्हें चिल्लाकर भगा देती है या खानापूर्ति करते हुए केवल शिकायत ले लेती है। अब इससे आगे क्या होता है यह बताने की जरूरत नहीं है।
ठगी करने वालों ने फेसबुक इंस्टाग्राम पर अपना अड्डा बना लिया है। ये लोग वायकायदा वीडियो डालकर लोगों को लालच देते हैं। कोई महंगे मोबाइल फोन को सस्ते दामों में देने का लालच देते हुए वीडियो वायरल कर रहा है वो सैमसंग, आईफोन के महंगे नकली फोन को असली बताकर बड़े ही आराम से वीडियो बनाकर बेच रहे हैं और पैसे भी अकाउंट में ले रहे हैं।
तो वहीं कोई नौकरी का लालच दे रहा है।
सबसे बड़ी बात यह है कि इन विज्ञापनों के फर्ज़ीवाडे की तमाम न्यूज़ हैं। नटराज पेंसिल सर्च करते ही बहुत सारी ठगी की न्यूज़ आ जाएंगी। और इन ठगों के ऊपर बहुत सारी एफआईआर भी दर्ज हैं लेकिन पुलिस खाली हाथ है।
ठगी करने वाले फेसबुक इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर वीडियो बनाकर डालते हैं उसमें नंबर भी डालते हैं और इन्हें वकायदा प्रमोट भी करते हैं.. जिससे कि ज्यादा से ज्यादा ये विज्ञापन लोगों के पास तक पहुंच जाए। विज्ञापन भी ऐसे बनाए जाते हैं जैसे एक दम असली हो और ज्यादा से ज्यादा लोग इनके झांसे में आ जाए। और जब लोग इनकी ठगी का शिकार हो जाते हैं तो पुलिस भी शिकायत लेने से मना कर देती है।
हम समय समय पर लोगों को ऐसे ठगों से सावधान करते रहते हैं लेकिन 140 करोड़ लोगों के देश में हमें कितने लोग देखते हैं?
आज ऐसी ही ठगी के बारे में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं। आजकल फेसबुक, इंस्टाग्राम WhatsApp पर एक विज्ञापन दिखाई दे रहा होगा कि “नटराज पेंसिल” की पैकिंग कीजिए और हर महीने घर बैठे लाखों रुपए कमाइये। इन विज्ञापन में वाकायदा फोन नंबर भी दिये हए हैं। 6367943314, 9352003042, 8094808878, 7873810452.
ये लोग पहले महज 620 रुपए प्रोसेसिंग या ज्वाइनिंग फीस के नाम पर लेते हैं इसके बाद आपको एक कार्ड बनाकर व्हाट्सएप पर डालते हैं। जब कार्ड व्हाट्सएप पर आ जाता है तो ये लोग सिपमेंट के नाम पर या समान भेजने की डिलीवरी के नाम पर 2000 से 3000 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं। पते की बात तो देखिए ये सब मोबाइल नंबर से हो रहा है। बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हो रहा है। आज आप बैंक अकाउंट खोलने जाइये बैंक आपसे अंगूठा लगवाएगा जायेगा। आपका आधार कार्ड, पेन कार्ड, मोबाइल वेरिफिवेशन, KYC इत्यादि इन सबका जंजाल होगा, भारी मशकत के बाद आपका अकाउंट नंबर आपको मिलेगा। अब बात आती है मोबाइल नंबर की तो उसके लिए भी सरकार की तरफ से जरूरी मानक हैं उनको पूरा करने के बाद ही मोबाइल नंबर एक्टिवेट होता है। चलिए हम मोबाइल में गड़बड़ मान सकते हैं लेकिन बैंक अकाउंट में?
इतना सब फर्जीवाड़ा हो रहा है लेकिन पुलिस प्रशासन सरकार सब आंख में आक का दूध डाले बैठी हुई है।
बुलंदशहर की एक ऐसी ही पीड़ित लड़की से जब हमने बात की तो उस बेचारी ने बताया कि वो दो बहने हैं पिता रिटायर हो गए हैं। कहीं जॉब नहीं मिली तो ऑनलाइन कुछ जॉब ढूंढने लगी, फेसबुक पर नटराज पेसिल पैकिंग का विज्ञापन दिखा जिसमें पेंसिल पेक करके कंपनी को देना था और बदले में वो उन्हें कुछ पैसा ऑफर कर रहे थे। उन्होंने संपर्क किया तो उनसे जुड़ने के लिए 620 रुपए की मांग की गई। अब 620 रुपए कोई बड़ी रकम तो थी नहीं तो उन्होंने कर दी। इसके बाद अगले दिन उनके पास फोन आया कि वो सामान की डिलीवरी लेकर आ रहे हैं लेकिन इसके लिए आपको 2640 रुपए देने होंगे। तो लड़कियों ने वो भी कर दिए। ऐसे कर करके शातिर ठगों ने बच्चियों को डराकर लगभग 75000 रुपए ठग लिए। जब ठगी का पता उनके पिता को चला तो इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में दी। लेकिन वो जैसे ही पुलिस के पास गए तो पुलिस ने उल्टा उन्हें ही धमका दिया। खैर बाद में उनकी शिकायत दर्ज जरूर कर ली गई। लेकिन शिकायत लेने से पहले पुलिस का रवैया हमेशा की तरह यानी पीड़ित के साथ आरोपियों के जैसा सलूक करना होता है।
(इस तरीके का कार्ड ये शातिर ठग बनाकर देते हैं)
खैर शिकायत हो गई है लेकिन शातिर ठग फेसबुक पर विज्ञापन डालकर लोगों के साथ लगातार ठगी कर रहे हैं। पैसा बैंक अकाउंट में ले रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि इन शातिरों को पकड़ना असंभव है। अगर पुलिस चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकती है। लेकिन आदेश के बिना भारतीय पुलिस हिलती भी नहीं है।
और इसी कमी का ये शातिर ठग फायदा उठाते हैं। हम बस आपसे इतना कहना चाहगें कि अगर आपको सोशल मीडिया, व्हाट्सएप पर कोई लुभावना विज्ञापन दिखाई दे रहा है तो उस पर यकीन मत कीजिए। फेसबुक पर 90 प्रतिशत विज्ञापन फर्जी होते हैं। आपका पैसा मेहनत से कमाया गया है। इसे यूं ही न गवाएं।
अपना खयाल खुद रखें। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें। सोशल मीडिया पर आंख बंद करके भरोसा न करें। सोशल मीडिया आपको बीमार बना रहा है, मूर्ख बना रहा है।
धन्यवाद