
अदाणी का गिरना जारी है, मोदी सरकार और भारतीय बैंकों की मेहरबानी से दुनिया के तीसरे सबसे धनी सेठ अदाणी सेठ के गुब्बारे में छेद हो गया है और अब धीरे-धीरे गुब्बारे की हवा निकल रही है। लेकिन अब ज्यादा मत खुश होइए क्योंकि छेद अदाणी के गुब्बारे में हुआ है और हवा एसबीआई बैंक, एलआईसी जैसी बड़ी संस्थाओं की निकल रही है। क्योंकि अदाणी को मजबूत बनाने वाली इन भारतीय संस्थाओं ने सभी नियमों को ताक पर रखकर अदाणी को इतना लोन दिया, इतना लोन दिया कि अब ये लोन देने लायक भी नहीं रह गए हैं।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति में शुमार गौतम अदाणी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। तीन दिन में उनके समूह की कंपनियों को 34 अरब डॉलर का घाटा हुआ है। इतना ही नहीं ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स में भी गौतम अदाणी शीर्ष दस अमीरों की सूची से बाहर हो गए हैं।
बिलियनेयर्स इंडेक्स में अदाणी चौथे स्थान से गिरकर 11वें स्थान पर पहुंच गए हैं और उनके समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है। अनुमान है कि जल्द ही गौतम अदाणी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का खिताब भी खो सकते हैं।
गौतम अदाणी की नेटवर्थ घटकर 84.4 अरब डॉलर पहुंच चुकी है। वह अब रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी से सिर्फ एक पायदान ऊपर हैं। अंबानी की कुल संपत्ति 82.2 बिलियन डॉलर है।

25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि यह समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अदाणी समूह के संस्थापक गौतम अदाणी की संपत्ति एक अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े हैं।
Bureau Report : Manish Kumar ankur, Khabar 24 Express
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