गुजरात भारत का एक ऐसा प्रदेश है जहां धर्मांतरण के मामले सबसे ज्यादा देखने को मिले हैं लेकिन इन सबके बावजूद मीडिया में कोई चर्चा नहीं है।
गुजरात के दाहोद जिले में धर्मांतरण के मामले काफी बड़ी संख्या में देखे गए हैं।
वैसे तो गुजरात में धर्मांतरण पर लगाम लगाने वाला कानून है। गुजरात धर्म स्वतंत्रता एक्ट के तहत धर्म बदलने की चाह रखने वाले लोगों को पहले जिला प्रशासन से इसकी इजाजत लेनी होती है। लेकिन इसके बावजूद दाहोद जिले में धर्मांतरण करवाने के लिए एक नेक्सस काम कर रहा है जो दलित, आदिवासी लोगों को बहला फुसलाकर उनका धर्मांतरण करवा रहा है। इनमें कई लोग तो ऐसे हैं जो ईसाई धर्म के पास्टर हैं साथ ही प्रचारक भी हैं।
बता दें कि ये लोग न तो धर्मांतरण कानून का पालन करते हैं और न ही प्रशासन से इजाजत लेते हैं। इन लोगों का काम है ईसाई धर्म की बढ़ाई करना और हिन्दू धर्म की बुराई।
बता दें कि गुजरात में धर्म बदलने की चाहत रखने वालों में हिंदू सबसे आगे हैं। राज्य सरकार को धर्मांतरण के लिए मिले आवेदन की संख्या से इस बात का पता चला है। बीते पांच साल में मिले ऐसे आवेदनों में लगभग 94 फीसदी हिंदू धर्म मानने वालों के हैं।
राज्य में धर्मांतरण पर लगाम लगाने वाले कानून गुजरात धर्म स्वतंत्रता एक्ट के तहत धर्म बदलने की चाह रखने वाले लोगों को पहले जिला प्रशासन से इसकी इजाजत लेनी होती है। हालांकि, राज्य सरकार ने अभी आधे से ज्यादा आवेदनों को पास नहीं किया है। लेकिन इसके बावजूद भी ईसाई मिशनरी के लिए काम करने वाले एजेंट हिंदुओं को बरगलाकर ईसाई धर्म कबूल करवा लेते हैं और हिंदू धर्म का त्याग करवा देते हैं।
गुजरात में धर्म बदलकर ईसाई बने 70% लोग बिना जिला प्रशासन की अनुमति के ईसाई बन गए।
सबसे बड़ी बात यह है कि गुजरात में चुनाव हैं और इन चुनावों के बीच धर्मांतरण का मुद्दा कोई भी दल नहीं उठा रहा है। खबर 24 एक्सप्रेस की टीम के पास गुजरात में धर्मांतरण का पूरा डेटा है अगर गुजरात सरकार या प्रशासन मांगता है तो वो डेटा दिया जाएगा।
भारतीय संविधान लोगों को किसी भी धर्म में जाने की इजाजत देता है लेकिन लोगों को बरगलाकर, बहला फुसलाकर या जबरदस्ती धर्मांतरण की इजाजत नहीं देता है।
अब गुजरात की हिंदू सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती ये देखने वाली बात है।
ब्यूरो रिपोर्ट मनीष कुमार अंकुर, दाहोद गुजरात