मिस यूनिवर्स रहीं सुष्मिता सेन आखिर अपनी शादी की मंजिल के बेहद करीब पहुंच चुकी हैं। पूरे 10 अफेयर के बाद उन्हें कोई पसंद भी आया तो वो बड़ा कंट्रोवर्सियल निकला। सुष्मिता को भगौड़ा ललित मोदी पसंद आया। ये वही ललित है जिसने क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचाया। ललित कोई खिलाड़ी नहीं था, बल्कि वो तो खिलाड़ियों से भी बड़ा खिलाड़ी था। ललित मोदी एक महाठग है और उसकी महाठगी की एक नहीं बल्कि अनंत गाथाएं हैं। ललित मोदी अगर अब तक बचा हुआ है तो वो है उसका राजनीतिक रसूख और पैसा।
यहां तक कि ललित मोदी को बचपन से जवानी तक जानने वाले लोग ये कहते मिल जाएंगे, कि ललित सीधे रास्तों पर कभी नहीं चला, क्योंकि उसे लगता था कि आगे जाने का कोई रास्ता कभी सीधा होता ही नहीं है। शायद बचपन से पैसा, राजनीति और अनैतिक आचरणों के मिक्सचर के सफल फार्मूले को वह देख-समझ चुका था। इसलिए ललित ने अपना जो भी रास्ता बनाया वे सभी रास्ते खासा विवादों से भरे रहे।
बता दें कि विवादों के ही चलते ललित मोदी के तमाम बिजनेस या तो नाकामी की भेंट चढ़ गये या फिर विवादों के बीच बंद हो गए। ललित के पास फिलहाल दो बड़ी कंपनियां हैं, जो उन्हें परिवार से विरासत में मिली हैं, ये हैं सिगरेट बनाने वाली गाडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड और दूसरी है इंडियोफिल आर्गनिक इंडस्ट्रीज लिमिटेड। न्यूयार्क की पेस यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएट मोदी का एकमात्र सफल वेंचर आईपीएल ही कहा जा सकता है अन्यथा ललित का ट्रैक रिकॉर्ड बिजनेस शुरू करके बंद करने के नाम रहा है।
ललित को बड़ा कमीशनखोर भी कहा जाता है।
1994 के दौरान जब देश में केबल टीवी की शुरुआत हो रही थी, तब मोदी ईएसपीएन को भारत में पांच साल के कांट्रैक्ट पर लेकर आया। उसका मुख्य रोल केबल आपरेटर्स से पैसा इकट्ठा करना था, यही बात बाद में उसके और ईएसपीएन के बीच बड़े विवाद की भी वजह बना। बाद में ये मामला अदालत तक भी गया। 1997 में ईएसपीएन ने अपनी खुद की डिस्ट्रीब्यूशन टीम खड़ी कर ली।
इसके बाद मोदी ने केके मोदी ग्रुप के तहत मोदी इंटरटेनमेंट नेटवर्क नाम की नई कंपनी खड़ी की। ये कंपनी वाल्ट डिस्नी के साथ ज्वाइंट वेंचर में खोली गई थी। बाद में जब सरकार ने डिस्नी को जब देश में अपना खुद का चैनल स्थापित करने को हरी झंडी दी तो दोनों का दस साल का समझौता अपने आप ही टूट गया।
बाद में मोदी इंटरटेनमेंट ने फैशन टीवी के साथ करार किया लेकिन इन दोनों के बीच भी विवाद होते देर नहीं लगी। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। आखिरकार एफटीवी ने अपने इंडिया आपरेशन से हाथ खींच लिये। फैशन टीवी की कंट्रोलिंग मोदी एंटरटेनमेंट के पास पहुंच गई।
मोदी का नाम भारत में आनलाइन गैम्बलिंग और लाटरी इंडस्ट्रीज से भी जुड़ा। जब 2002 में सरकार ने आनलाइन गैंबलिंग इंडस्ट्रीज को हरी झंडी दी तो केके मोदी ग्रुप पहला ग्रुप था, जिसने इस बिजनेस में कदम रखा। 2002 में ही मोदी ने केरल में आनलाइन लाटरी शुरू की। लेकिन प्रतिद्वंद्वी कंपनी प्लेविन ने अदालत जाकर मोदी की लाटरी के खिलाफ स्टे हासिल कर लिया।
मोदी ने हार नहीं मानी और एक साल बाद उसने फिर केरल में आनलाइन लॉटरी बिजनेस में सनसाइन ब्रांड के नाम से प्रवेश किया। बाद में केरल सरकार ने 2004 में इस पर बैन लगा दिया। इस बिजनेस में बाद में काफी लोगों ने मोदी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पैसा हड़प जाने का आरोप लगाया। दरअसल उन्होंने केरल में पांच लाख रुपये में 100 लोगों को फ्रेंचाइजी दी, जिनमें किसी का पैसा वापस नहीं मिल पाया।
राजस्थान में भी रियल एस्टेट बिजनेस शुरू किया था।
मोदी ने इसके बाद अंबर हैरिटेज सिटी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाकर रियल एस्टेट का बिजनेस शुरू किया, जिसका नाम बाद में बदलकर आनंद हैरिटेज होटल्स कर दिया गया। ये कंपनी राजस्थान में कई हैरिटेज साइट लेने के कारण विवादित हो गई। ये सारे सौदे उस समय हुए थे जब राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया हुआ करती थीं. हालांकि अब प्रवर्तन निदेशालय हैरिटेज होटल में भी फेमा नियमों के उल्लंघन की जांच कर रहा है।
खैर ललित मोदी के बारे में जितना लिखा जाए उतना कम है। अंत में यही कहा जा सकता है कि मोदी जब देश छोड़कर भागा तो उसे भगाने वाले देश के बड़े रसूखदार नेता थे जो सरकार में भी अपना खासा दबदबा रखते थे।
अब बात करते हैं ललित मोदी और हुस्न परी सुष्मिता सेन की। सुष्मिता भले अपने उम्र के पड़ाव पर हैं। वो 47 साल की हो चुकी हैं। लेकिन जब से वो जवान हुई हैं आजतक उनकी किसी के साथ भी लंबे समय तक नहीं बनीं। प्यार फिर तकरार और अंत में दोनों के अलग रास्ते।
अब 47 की उम्र में 58 साल का ललित उन्हें पसंद आया है, लेकिन सुर्खियां यह नहीं हैं। सुर्खियां असल में सुस की पसंद को लेकर हैं। ललित मोदी एक भगौड़ा है। उसके ऊपर भारत में न जाने कितने केस दर्ज हैं। ललित मोदी ने भारत को चूना लगाया है भले उसके इस घपले में रसूखदार नेताओं का साथ मिला हो लेकिन असल में तो आरोपी ललित ही है। और इन सबके बीच वो देश छोड़कर भाग गया। शरीफ होता तो सामना करता।
खैर सुस ने जो पसंद किया है वो शायद उनके हिसाब से ठीक ही होगा। बाकी आगे क्या होता है ये तो न ललित जानता होगा और न सुष्मिता।