हम कुछ भी लिखने से पहले कहते हैं कि अगर कुछ भी गलत लगे तो हमें जरूर बताइएगा। लेकिन आज से, अब से, अभी से वो नहीं लिखेंगे। गलत लगे तो लगे। आप अपने मन में रखियेगा। हमें न बताइएगा। जब आप अपना हित तलाश सकते हैं तो क्या हम भी अपना हित न खोजें? आज पूरा पढियेगा, मुंह छिपाकर न भागना।
हम पत्रकारों को ही नहीं, असल में जो सत्ता पक्ष की गुलामी न करने वाले हों उन सब पत्रकारों को जेसीबी में भरकर गहरे कुंए में दफ़ना देना चाहिए, ताकि किसी की आवाज हलक से बाहर न निकल सके।
गुलामी स्वीकार नहीं करने वाले पत्रकार नींच, दलाल, बिकाऊ, मा#@#$# भौ#@$# हा@#$%@ होते हैं। क्योंकि ये पत्रकार सत्ता की गुलामी नहीं बल्कि देश की गुलामी करते हैं।
हम सब भूल गए थे कि सत्ता ही देश है। और सत्ता की गुलामी करना ही असली देशभक्ति है।
अबसे न रोजगार की बात होगी, न महंगाई की, न शिक्षा, न अराजकता, न विकास और न ही किसी दलित, गरीब या बहन बेटी की इज्जत की बात होगी।
अब से सिर्फ उनकी बात होगी जो लोगों को पसंद है।
अबसे सिर्फ हिन्दू मुस्लिम की बात होगी।
हिंदुओं को बचाने के लिए बात होगी।
घर-घर शिक्षा की नहीं बल्कि घर-घर मंदिर की बात होगी।
रोजगार की नहीं बल्कि राम की बात होगी।
बहन बेटी की इज्जत की नहीं बल्कि उनके कपड़ों पर बात होगी।
तुमने जो चुना है सिर्फ उस पर बात होगी।
हाँ हमें गुलामी स्वीकार है……..। 🙏🙏
“तुम मरते हो तो मरो, अब हम कितना सुनें…. सुनने या झेलने की भी एक सीमा होती?”
जब हमें गालियां पड़ती हैं तब कौनसा तुम साथ देते हो?
जब हमारी माँ बहन बेटियों को निशाना बनाया जाता है, तुम कौनसा साथ आते हो?
जब हम भुंखें प्यासे तुम्हारी बात करते हैं तब कौनसा तुम खाना देने आते हो?
जब हम मर रहे होते हैं तब तुम कौनसा हमें बचाने आते हो?
जब तुम ही खुदके ही साथ नहीं हो तो हमसे अपेक्षा कैसी?
तुम खुद तो खुद की बर्बादी चुनों और हमसे अपेक्षा करो कि हम तुम्हें आबाद करें?
तुम हमें सुनना तो पसंद करते हो लेकिन हमारे हितों के लिए हमारे साथ नहीं होते हो?
जब तुम परिवार की दुहाई देते तो सुनों… परिवार हमारा भी है हम ही क्यों मरें?
हमने तुम्हारे लिए क्या-क्या नहीं सहा? क्या-क्या नहीं सुना? तुम्हारी भी सुनी और उनकी भी… नतीजा क्या निकला… हम दलाल, नींच, बिकाऊ और ऊपर जो तस्वीर देख रहे हो वो सब…। हाँ हैं हम घटिया, नींच हैं, दलाल हैं, इस देश की जो भी सबसे घटिया बात या गाली हो, हाँ वो हैं हम….।
#ManishKumarAnkur