बिहार में किस कदर जंगलराज है यह बताबे की जरूरत नहीं है। सुशासन का वायदा करने वाले नीतीश कुमार बिहार में गुंडागर्दी, लूट, बलात्कार, हत्याओं को रोकने में पूरी तरह से नाकाम नजर आ रहे हैं। बिहार में जनता सुरक्षित है और न ही पत्रकार। अब बिहार सरकार की मंत्री और धमदाहा विधायक लेसी सिंह पर पत्रकार की हत्या करवाने का आरोप लगा है। इससे लेसी सिंह की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। मामले को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। लेसी का नाम आते ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी सत्ताधारी दल जदयू पर हमलावर है। विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह के परिजनों ने शनिवार को सरसी थाना के पास शव रखकर प्रदर्शन किया।
मृतक पत्रकार विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू जिला परिषद् सदस्य अनुलिका सिंह के पति थे और खुद भी जिला परिषद् सदस्य रह चुके थे और राजनीति में सक्रिय थे। इधर नाराज लोगों को शांत कराने पहुंचे एसपी दयाशंकर को भी विरोध का सामना करना पड़ा। घटना के बाद सरसी थानाध्यक्ष नरेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
मृतक के पिता मनोज सिंह, पत्नी अनुलिका सिंह और मां ने साजिश के तहत हत्या और पुलिस पर मामले को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया। अनुलिका सिंह ने बताया कि उनके पति रिंटू सिंह साल 2015 में भारी बहुमत से जिप सदस्य पद पर जीते थे।
पत्नी अनुलिका का आरोप है कि पति रिंटू सिंह खुद धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे थे। क्षेत्र में स्थिति मजबूत होने के कारण यह बात विरोधियों को नहीं पची और साजिश के तहत हत्या करा दिया गया। इसमें मंत्री लेसी सिंह व उनके लोग शामिल हैं।
खैर इस तरह का यह पहला मामला नहीं है बिहार में बदमाश, सुपारी किलर लोगों को घर के अंदर मारकर बेखौफ चले जाते हैं। और इसी वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन की पोल भी खुल रही है।