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कोरोनाकाल में धुंधली होती इंसानियत

लता अधिकारी 19/05/2021 : आधुनिक दौर कुछ लड़खड़ाया है, जहां इंसानियत लुप्त होने के चरम पर है, वहीं इंसान नकारात्मकता के आवेश में है। जिस संकट से हम घिरे हैं, वो कोरोना वायरस नहीं बल्कि दम तोड़ती इंसानियत और हर रोज़ बढ़ती हैवानियत है। इलाज के नाम पर अस्पतालों का मोटा बिल, ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर इंजेक्शन में ग्लूकोज या पैरासिटामोल बेचकर कालाबाज़ारी।

इस बुरे वक्त में कुछ कथित डॉक्सटर्स, एम्बुलेंस चालक से लेकर वार्डबॉय इत्यादि सब अपनी जेबें भरने की फिराक में हैं, शायद ऐसा मौका फिर मिले न मिले!!

लेकिन आपको बता दूं कि इन सब के अंदर कहीं न कहीं एल गंदी सोच, एक हैवानियत जीती है। इन लोगों के लालच ने न जाने कितने बेबस लोगों की बलि चढ़ा दी।

ये एक ऐसा समय है, जहां पर ढोंग, धोखाधड़ी की नहीं बल्कि सच्ची मदद और मजबूत इरादों की ज़्यादा ज़रूरत है। जो इस वक़्त सबसे ज्यादा चाहिए वो है “हौसला” झूंठी उम्मीद नहीं। मगर क्या हो उन मौकापरस्तों का जिनका फायदा ही किसी की दुखद स्तिथि में हो।

आंकड़ों के अनुार जो ऑक्सीजन सिलेंडर फरवरी के महीने में 190-200 रुपये में मिल जाता था अब वही सिलेंडर ₹ 20,000 -5000 में बिक रहा है।

दुर्भाग्य है ये देश का कि जिस एकता के लिए ये जाना जाता है, आज वो चंद पैसों में बिक कर कहीं धुंधली नजर आ रही है।

मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ना किसे कहा जाता है, आज हर कोई वो भारत के हालात देख कर जान सकता है।
वर्तमान समय कुछ ऐसा है कि किसी की लाचारी नहीं, उनकी जेब में पैसा देखा जा रहा है। हालात दिन प्रति दिन बिगड़ते जा रहे है, देश का भविष्य ओझल होता जा रहा है। लोगों के हौसले टूट रहे हैं, उम्मीदें बिखर रहो हैं। इन सबके बीच नकारात्मकता कहीं ना कहीं अपना स्वरूप ले रही है।

मगर यहां पर हार मानना एकमात्र विकल्प नहीं है, मुश्किलों को पीठ दिखाना, ये इंसानियत नहीं हैं।
ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी हिम्मत बनाए रखें और अपने आपको किसी भी तरीके की धोखाधड़ी से सुरक्षित रखें। भरोसा सिर्फ उन पर करें, जो उसके हकदार हों।

विपरीत परिस्थितियों में इंसानी गिद्धों ने डेरा जमा लिया है, बस वो इंताजर में हैं कि कब लाशें गिरें और वो नौचकर खाएं!!

लेकिन बहुत से लोग अब भी ऐसे हैं जो ऐसे कठिन समय में भी गिद्धों के बीच मानवता को बचाने का काम कर रहे हैं। ऐसे हालातो में कहीं ना कहीं यह देखकर गर्व भी होता है। कुछ लोग निस्वार्थ भाव से जरूरतमंदो की मदद भी कर रहे हैं इसीलिए आपका फ़र्ज़ भी बनता है कि आप झूंठी अफवाओं, धोखाधड़ी और नकारात्मकता से बचें और किसी भी जानकारी को लेकर सतर्क रहें।

आप खुद भी सुरक्षित रहें और अपनों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें।

Article By : Lata Adhikari

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