और अपने अपने स्त्री विकास के आधात्मिक उन्नति कैसे हो?इस सम्बन्धित विचारों को जनसंदेश के रूप में बोला।
इस सबके उपरांत स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने सत्यास्मि मिशन की निरंतर उन्नति के अनेक विषयों के संदर्भ में किये गए महिला भक्तो द्धारा कार्यो के लिए उन्हें “सत्यास्मि पुरस्कार” से सम्मानित किया।
जिसमें श्रीमती शशि प्रभा डांगुर को उनके नियमित रेहीक्रियायोग विधि के द्धारा भक्त जनों में ध्यान के विकास सम्बन्धित अपने अनुभवों को उदाहरण स्वरूप रखते हुए ध्यान की ओर प्रोत्साहित करने और पफ़स्सि व्यायाम व मुग्दर व्यायाम अभ्यास से जोड़ने आदि विषय के लिए मेटल से बनी शील्ड व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।
फिर सत्यास्मि मिशन के मूल सिद्धांत पर रचित सत्यास्मि धर्म ग्रँथ ओर भक्तो द्धारा दैनिक पढ़ी जाने वाली सत्य ॐ चालीसा ओर कविताएं ,विषय आलेख पोस्टर,भजनों को रिकॉर्डिड आदि साहित्य को संकलित करते हुए उन सबको एक क्रम में बुक छपने के संदर्भ में टाइप करके संकलन करने पर उन्हें भी सत्यास्मि पुरस्कार शील्ड ओर प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।
साथ ही विश्व महिला दिवस 8 मार्च पर जन्मी सत्यास्मि भक्त चारु रोजल के जन्मदिवस को महिला दिवस के रूप में उत्सव के रूप में धूमधाम से मनाया गया।
महामारी के चलते सभी नियमो का यथावत पालन किया गया,चूंकि सभी महिलाजन पफ़स्सि योग व्यायाम व रेहीक्रियायोग ध्यान के साथ सहयोगी ओषधि आदि का उपयोग भी करती है,ओर सभी स्वस्थ है,यो थोड़ा सामूहिकवाद रहा,जो सहज स्वास्थ व्यवस्था है।
अन्य महिला भक्तों में श्रीमती सरिता चौधरी ने कविता पाठ किया और मनोरमा सिंह व सोनिका बंसल व कनिका सिंह तथा अंजू गुप्ता ने अपने ज्ञान विचार प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम में सहयोगी महिलाएं और पुरुष रहे,,
श्रीमती शशि प्रभा,सोनिका बंसल,कनिका सिंह,मोनिका विकल,सरिता चौधरी,मनोरमा सिंह,राजकुमारी,विमलेश,पूनम सिंह,अंजू गुप्ता,आशा शर्मा,उमा तोमर,निर्मल घँसल,नीरज शर्मा,चारु रोजल,मीरा यादव,राजकुमारी आदि
डॉक्टर संजय तोमर,मोहित जादोन, राजकरण सिंह,शिवकुमार,सक्षम शायर,मोहनीश शर्मा,शुभम तेवतिया,यतेंन्द्र घँसल,मोहन घँसल,पुरुषोत्तम घँसल,हेमेंद्र प्रताप,अनिल यादव।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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