डूंगरपुर,राजस्थान
श्री किशनलाल गर्ग राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय डूंगरपुर में महिला सशक्तिकरण पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। मुख्य वक्ता के रूप में कार्यशाला को संबोधित करते हुए एस.बी.पी. राजकीय महाविद्यालय डूंगरपुर के सह आचार्य उपेन्द्र सिंह ने कहा कि स्त्री पुरुष समाजसेवी रथ के अपरिहार्य दो पहिये है।
इसलिए एक को अशक्त रखकर समाज का विकास नहीं हो सकता है।
इस प्रक्रिया में शिक्षा व आर्थिक निर्भरता के साथ अवसरों कि समानता को उपलब्ध कराना होगा।
उससे पहले प्रधानाचार्य श्री अशोक कुमार भट्ट ने ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में स्त्रियों की बदलती स्थिति पर प्रकाश डालते हुए स्त्री सशक्तिकरण को व्यवहारिक बनाने कि जरुरत पर बल दिया।
डिजिटल डूंगरपुर कि सह उद्घोषक सुश्री उमंग जैन ने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्त्री सशक्तिकरण को परिभाषित करते हुए कहा कि सामाजिक कुरीतियों को दूर किये बगैर महिला सशक्तिकरण संभव नहीं है।
राजकीय कन्या महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ जितेन्द्र सिंह राव ने स्त्री पुरुष को एक दुसरे के सहअस्तित्व को स्वीकार करने व उत्तरदायित्वो में सहभागिता निभाने कि बात की दिशा डिग्री कॉलेज से डॉ प्रियंका चौबीसा ने महिलाओ में शिक्षा के द्वारा आत्मविश्वास बढाने पर बल दिया।
डॉ रेखा खराड़ी ने ग्रामीण समाज में महिलाओ के प्रति हो रहे भेदभाव व अन्याय पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान ओपन सेशन में श्रीमती अभिलाषा शाह गुप्ता एवं सुश्री लक्षिता दर्जी ने नारी सशक्तिकरण पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम के संयोजक राजेंद्र सिंह चौहान ने नारी सशक्तिकरण को मूर्त रूप देने के लिए वामा क्लब की स्थापना की घोषणा की जो निकट भविष्य में महिला सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओ पर कार्य करेगी।
कार्यक्रम में विद्यालय के स्टॉफ के साथ शहर के विभिन्न संगठनो से आमंत्रित महिलाओ ने शिरकत की यह कार्यक्रम कोविड-19 की गाईडलाइन को ध्यान में रखते हुए किया गया।
अंत में जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी विभाग के बेटी बचाओ-बेटी पढाओ समन्वयक श्रीमती सुमित्रा फुमतिया ने धन्यवाद प्रेषित किया प् यह कार्यक्रम डिजिटल डूंगरपुर के उद्घोषक राजेंद्र सिंह चौहान के तत्वाधान में आयोजित किया गया एवं कार्यक्रम का सञ्चालन भी राजेंद्र सिंह चौहान ने किया।
रिपोर्ट राजस्थान ब्यूरो जगदीश तेली